बाजरे के फायदे और जानें किन लोगों को नहीं करना चाहिए इसका सेवन

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत रहती है जिसके लिए हम पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्रियों का सेवन करते हैं ताकि हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकें। ऐसी ही एक खाद्य सामग्री है बाजरा, जो पोषक तत्वों से भरपूर है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। बाजरे में फाइबर, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, जिंक और पोटेशियम के गुण पाए जाते हैं जिसके कारण यह कई तरह के रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करता है। जुखाम और खांसी में भी इसको उपयोगी माना गया है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने से लेकर वजन घटाने तक के मामलों में बाजरा रामबाण की तरह काम करता है। तो चलिए, आज इस लेख में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि बाजरे के क्या फायदे हैं और किन लोगों को बाजरे का सेवन नहीं करना चाहिए।

आइए पहले बाजरे के बारे में जानते हैं। बाजरा एक तरह का अनाज है जिसका इस्तेमाल भारत में भरपूर किया जाता है। बाजरा देखने में छोटे दानों की तरह होता है लेकिन यह छोटे दाने पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। बाजरे का बोटैनिकल नाम 'पनीसेतुम ग्लौसम' है जोकि घास परिवार से ताल्लुक रखता है। अगर हम बाजरे की खेती के इतिहास की बात करें तो अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप में प्रागैतिहासिक काल से बाजरा उगाया जाता रहा है। मूल रूप से यह अफ्रीका की फसल है। भारत में इसे पिछले 2000 वर्ष से उगाया जा रहा है। आज भारतीय रसोइयों में गेहूं के आटे के अलावा जिन अनाजों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है उनमें बाजरा भी एक प्रमुख अनाज है। बाजरे को एक टाइम पर गरीबों का अनाज कहा जाता था लेकिन अब बाजरे से होने वाले स्वास्थ्य लाभ ही इस अनाज को खास बनाते हैं। 

बाजरे की खासियत है कि यह सूखे प्रभावित क्षेत्र में भी उग जाता है और कितना ही उच्च तापमान हो यह उसमें भी उग जाता है। यह अम्लीयता को भी झेल लेता है। यही कारण है कि जहां मक्का या गेहूं जैसी फसलें नहीं उगाई जा सकती हैं वहां बाजरे की खेती की जा सकती है। आज विश्व में बाजरा 260,000 वर्ग किलोमीटर में उगाया जाता है। मोटे अनाज के उत्पादन का आधा भाग बाजरा ही होता है। इसे खरीफ फसल भी कहते हैं। यह फसल वर्षा ऋतु में बोई जाती है जबकि जाड़े की शुरुआत में इसे काट लिया जाता है। इस फसल को ना तो खाद की जरूरत होती है ना ही सिंचाई की। इसके लिए पहले तीन-चार बार जमीन जोत दी जाती है और फिर इसके बीज बो दिए जाते हैं। यह साधारण जमीन में भी बहुत अच्छी तरह उग जाती है यहां तक कि राजस्थान की बलुई भूमि में भी यह खूब उगता है।

बाजरे के फायदे - Bajre ke Fayde

Bajra cereal

साबुत अनाज (होल ग्रेन) स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। बाजरा ऐसा ही साबुत अनाज है जो पोषक तत्वों से भरपूर है। यह अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। आइए बाजरे के फायदों के बारे में जानते हैं-

  • दिल को रखे स्वस्थ - दिल शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इसका स्वस्थ रहना हमारे लिए बेहद जरूरी है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए आप अपने आहार में बाजरे को शामिल करें। बाजरा एक पौष्टिक आहार है। इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में होता है जो रक्त के प्रवाह को सुचारू करता है। साथ ही हृदय रोगों के जोखिम को भी यह कम करने में सहायक है।
  • शुगर करे कंट्रोल - शुगर के मरीजों के लिए भी बाजरा फायदेमंद है। बाजरे में मौजूद कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाचन क्रिया को धीमा कर देता है और खून में शुगर के स्तर को स्थिर अनुपात में रखता है। बाजरा शुगर से पीड़ित लोगों के लिए इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ा देता है और विशेष रूप से टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
  • कोलेस्ट्रॉल को करे कम - हमारी अच्छी सेहत के लिए कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि यह हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आप बाजरे का सेवन करें क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद करता है। फाइबर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए आप बाजरे की रोटी खाना शुरू करें।
  • अस्थमा करे दूर - अस्थमा सांस से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें रोगी को सांस लेने में कठिनाई होती है। इस परेशानी को ठीक करने के लिए भी आप बाजरे का सेवन कर सकते हैं। बाजरा अस्थमा को विकसित होने से रोकता है। अगर अस्थमा का रोगी रोजाना बाजरे का सेवन करे तो धीरे-धीरे यह रोग ठीक होने लगता है।
  • कैंसर से करे बचाव - महिलाओं को स्तन कैंसर की समस्या से बचाव के लिए आहार में बाजरे की रोटी का सेवन करना चाहिए। इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में होता है जो स्तन कैंसर की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। जिन महिलाओं को स्तन कैंसर से जुड़ी समस्या है उन्हें भी अपने आहार में बाजरे की रोटी को शामिल करना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप से दिलाए राहत - बाजरे में मौजूद मैग्नीशियम धमनियों की दीवार के अंदर की लाइन वाली मांसपेशियों को आराम देता है जिससे ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिलती है। उच्च रक्तचाप के रोगियों को भी बाजरे का सेवन जरूर करना चाहिए। 
  • मांसपेशियों को बनाए ताकतवर - बाजरा उच्च प्रोटीन से युक्त अनाज है जिसमें लाइसिन नाम का एमीनो एसिड भी होता है। यह एसिड मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है और हमारे शरीर की कमजोर मांसपेशियों को ताकतवर बनाता है।
  • महिलाओं के लिए लाभदायक - जिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द, ऐंठन जैसी परेशानियों होती है वह बाजरे का सेवन कर सकती हैं। बाजरे में उच्च स्तर का मैग्नीशियम होता है जो ऐसे समय में महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।

  • किन लोगों को नहीं करना चाहिए बाजरे का सेवन

    आमतौर पर हमारी सेहत के लिए बाजरा फायदेमंद है लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिनको इसके सेवन से कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि किन लोगों को बाजरे के सेवन से बचना चाहिए-

    1. हाइपोथायरायडिज्म की समस्या से पीड़ित लोगों को बाजरे के सेवन से नुकसान हो सकता है। बाजरे को पकाने या गर्म करने से गोइटेरोगेनिक का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए हाइपोथायरायडिज्म वाले मरीज के लिए इसका सेवन नुकसानदायक साबित होता है। इस समस्या से पीड़ित लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
    2. किडनी की बीमारी और किडनी के इंफेक्शन से ग्रस्त लोगों को भी बाजरे के सेवन से बचना चाहिए। बाजरे में कैल्शियम और ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है। दोनों ही यौगिक शरीर में जमा होने से किडनी स्टोन की समस्या का खतरा बढ़ सकता है।
    3. बाजरे का अधिक सेवन करने से पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जो लोग पहले से ही पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानियों से ग्रस्त हैं वह बाजरे का सेवन ज्यादा ना करें। अगर आप इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से ग्रस्त हैं तो ऐसी स्थिति में बाजरे का सेवन करने से आपको आंत और पेट में दर्द व सूजन की समस्या भी हो सकती है।
    4. जो लोग थायराइड की बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें बाजरे के सेवन से बचना चाहिए। बाजरे में ग्लूकोसिलविटेक्सिन, ग्लाइकोसिलोरिएंटिन और विटेक्सीन जैसे गोइट्रोजेनिक यौगिक अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिनके ज्यादा सेवन से यह आयोडीन के अवशोषण में कमी पैदा कर सकते हैं। इस कारण आपकी थायराइड डिस्फंक्शन की समस्या और बढ़ सकती है। 

    Namhya से खरीदें इंस्टेंट रागी सीरियल

    Ragi cereal

    यदि आप अपने दिन की शुरुआत एक अच्छे हेल्दी नाश्ते के साथ करना चाहते हैं जो मधुमेह, बढ़ते वजन और हृदय रोग आदि के खतरे को भी कम करने में मदद करें तो आप Namhya के इंस्टेंट रागी सीरियल को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो आपके वजन को घटाने, आपके पाचन को बेहतर करने में मदद करता है। इसमें कैल्शियम और विटामिन डी भी भरपूर मात्रा में है। इंस्टेंट रागी सीरियल कार्ब्स, प्रोटीन और वसा का सही संतुलन है। तो शरीर के स्वस्थ वजन को बनाए रखने, पाचन तंत्र को दुरुस्त करने और इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाने के लिए आज ही Namhya की वेबसाइट से ऑनलाइन घर बैठे इंस्टेंट रागी सीरियल आर्डर करें और अपने दिन की शुरुआत एक हेल्दी नाश्ते के साथ करें।

    Back to blog

    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.