दुनिया भर में तरह-तरह की जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं जिनका इस्तेमाल चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। आज हम ऐसी ही एक जड़ी-बूटी ब्राह्मी के बारे में बात करेंगे, जिसका पौधा औषधि के रूप में उपयोग में लाया जाता है। आयुर्वेद में सदियों से ब्राह्मी के इस्तेमाल से रोगों को ठीक करने का काम हो रहा है। ब्राह्मी मानव मस्तिष्क के लिए एक संजीवनी बूटी है। यह बहुत-सी बीमारियों से हमें बचाती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करती है और बालों के विकास में तो ब्राह्मी की अहम भूमिका है। आइए आज इस लेख में हम ब्राह्मी के फायदे और नुकसान और ब्राह्मी का सेवन कब करें? इस बारे में जानेंगे।
आइए जानते हैं कि ब्राह्मी की पहचान कैसे करें? ब्राह्मी को बकोपा मोननेरी भी कहा जाता है। ब्राह्मी की पहचान आप उसके पौधे से कर सकते हैं। इसका पौधा भूमि पर फैल कर बड़ा होता है। इसकी टहनी में कई सारे पत्ते होते हैं। इसके तने और पत्तियां मुलायम, गूदेदार और फूल सफेद रंग के होते हैं। ब्राह्मी हरे और सफेद रंग की होती है। यह स्वाद में फीकी होती है और इसकी तासीर ठंडी होती है। यह जड़ी-बूटी बल बढ़ाने वाली, तीनों दोषों का नाश करने वाली और मस्तिष्क को शांति देने वाली जड़ी-बूटी है। ब्राह्मी मनुष्य के रोगों को ठीक करने वाली एक अचूक औषधि के रूप में जानी जाती है। बात करें ब्राह्मी की कीमत की तो 200 ग्राम ब्राह्मी की कीमत 200 से 250 रुपये तक है।
ब्राह्मी के फायदे - Brahmi ke Fayde
आयुर्वेद में प्राचीन काल से इस्तेमाल हो रही जड़ी-बूटी ब्राह्मी में तमाम गुण मौजूद हैं जिस कारण यह हमारे लिए बेहद फायदेमंद है। आइए ब्राह्मी के फायदों के बारे में विस्तार से चर्चा करें -
ब्राह्मी चूर्ण का सेवन कैसे करें
आइए जानते हैं ब्राह्मी का सेवन कैसे करें-
- 5 ग्राम ब्राह्मी में शंखपुष्पी, बादाम गिरी, इलायची के दाने, खसखस सभी को पीसकर मिला लें और इस तरह ठंडाई तैयार करें। तनाव से राहत पाने के लिए इस ठंडाई को गर्मी के मौसम में पीएं।
- ब्राह्मी चूर्ण की 5 ग्राम मात्रा को 2 ग्राम कूठ के चूर्ण और 10 ग्राम शहद में मिलाकर लेने से उदासी व बेचैनी नहीं होती।
- काली मिर्च के दानों के साथ 5 ग्राम ब्राह्मी को पानी में पीसकर पीने से फायदा होता है और याददाश्त तेज होती है।
- अनिद्रा की परेशानी दूर करने के लिए 5 ग्राम ब्राह्मी के चूर्ण को आधा किलो दूध में अच्छी तरह उबालकर छानकर ठंडा करके फिर इसका सेवन करें। इससे नींद न आने की पुरानी समस्या में भी लाभ होगा।
ब्राह्मी का सेवन आप दिन में तीन बार कर सकते हैं। सुबह, दोपहर और रात का खाना खाने के बाद ब्राह्मी का सेवन कर सकते हैं।
ब्राह्मी के नुकसान - Brahmi ke Nuksaan
ब्राह्मी के फायदों के साथ ही इसके कुछ नुकसान भी है जिनके बारे में जानना जरूरी है। आइए इन नुकसानों के बारें में जानते हैं-
- ब्राह्मी के अधिक सेवन से पेट में ऐंठन, मतली और दस्त की समस्या हो सकती है।
- इसके सेवन से कई लोगों को त्वचा की एलर्जी जैसे लाल चकत्ते, दाने आदि हो सकते हैं।
- ब्राह्मी के उपयोग से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है इसलिए यदि गर्भधारण के बारे में सोच रहे हैं तो इसके सेवन से बचें।
- गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
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