हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही शुभ माना जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है। कहते हैं कि जो इस महीने पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कुछ लोग सावन के महीने में सोमवार के दिन व्रत रखते हैं तो कुछ लोग पूरा महीना ही व्रत रखते हैं। सोमवार सावन के व्रत में सात्विक भोजन ही किया जाता है। मान्यता है कि कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए सावन में सोमवार के व्रत रख सकती हैं तो वहीं सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए सावन के महीने में हर सोमवार को व्रत रखती हैं। इसके साथ ही सावन का यह महीना जितना धार्मिक रूप से महत्व रखता है उतना ही वैज्ञानिक तौर पर भी इस महीने को काफी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
सावन के महीने का धार्मिक महत्व यह है कि सावन के महीने में जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में पूरी सृष्टि का संचालन भगवान शिव द्वारा किया जाता है। साथ ही यह वह महीना भी है जब समुद्र मंथन हुआ था और जिसमें से निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया, जिस कारण उन्हें नीलकंठ का नाम मिला। इस प्रकार उन्होंने सृष्टि को इस विष से बचाया और फिर सभी देवताओं ने इस विष की तपन को शांत करने के लिए भगवान शिव पर जलाभिषेक किया। इसी कारण शिव अभिषेक में जल का विशेष स्थान है। सावन के पावन महीने में ही माता पार्वती ने अपनी कठोर तपस्या से महादेव को प्रसन्न किया था जिसके बाद शिव और शक्ति का मिलन आरंभ हुआ था।
सावन मास में रखे जाने वाले सोमवार के व्रत शिव की प्रसन्नता के लिए किए जाने वाले उत्तम व्रत हैं जिसमें शिव की पूजा का विशेष विधान होता है। यह व्रत सब मनोकामनाओं को पूरा करने वाला होता है। इस व्रत में शिव की पूजा और एक ही समय भोजन किया जाता है। पूजा में शिव तथा माता पार्वती का ध्यान करने के साथ-साथ शिव के पंचाक्षर मंत्र 'ओम नमः शिवाय' का जप जितना संभव हो उतना करना चाहिए। पूजा में जल, दूध, दही, चीनी, शहद, पंचामृत, कलावा, वस्त्र, चंदन, रोली, चावल, आक, धतूरा, पान-सुपारी, लोंग, इलायची, धूप-दीप, दक्षिणा सहित पूजा करने का विधान है। इस व्रत में भजन कीर्तन व रात्रि जागरण करना भी बहुत उत्तम माना जाता है।
विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो हमारा पाचन तंत्र सूर्य पर निर्धारित होता है और सावन के महीने में सूरज बहुत कम निकलता है क्योंकि सावन के महीने में बारिश ज्यादा होती हैं। इस कारण हमारा पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। यही कारण है कि जल जनित रोग होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में हमें अपने पाचन तंत्र को आराम देने की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। सावन के महीने में रखे जाने वाले व्रत हमारे शरीर को खाना पचाने का समय देते हैं जिससे हमारा पाचन तंत्र सुधरता है और हमारा शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त बना रहता है। साथ ही सावन के महीने में बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, मांसाहार भोजन और शराब की मनाही होती है ताकि हमारा पाचन तंत्र सुचारू रूप से अपना काम करता रहे।
आइए सावन के व्रत रखने के वैज्ञानिक दृष्टि से होने वाले कुछ फायदों पर नज़र डालते हैं-
- सावन के महीने में मौसम में बदलाव की वजह से हमारी पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है। व्रत रखने से हमारे पाचन तंत्र को कुछ आराम मिलता है और शरीर के जितने भी दूषित पदार्थ होते हैं वह बाहर निकल जाते हैं।
- सावन के महीने में पत्तेदार सब्जियां पालक, मेथी, बथुआ, गोभी, बैंगन आदि की मनाही होती है। धार्मिक कारणों से भी इन्हें शुभ नहीं माना जाता और सेहत के नजरिए से भी यह हमें नुकसान ही पहुंचाती हैं क्योंकि इस मौसम में इन सब्जियों में बैक्टीरिया और कीड़ों की संख्या बढ़ जाती है।
- व्रत रखने से शरीर में फैट बर्न होने का प्रोसेस तेज हो जाता है जिससे चर्बी तेजी से गलने लगती है। यदि आप व्रत नहीं रखते हैं तो चर्बी बढ़ती रहती है और आपकी हड्डियों पर इसका बोझ बढ़ता है जिसका असर हमारी मानसिक क्षमता पर भी प्रभाव डालता है।
- व्रत रखने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है जिससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। व्रत रखने से आपके शरीर में चुस्ती-फुर्ती बढ़ती है और ताकत आती है।
- व्रत रखने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है जिस कारण शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
- जिस व्यक्ति में मन, वचन और कर्म की दृढ़ता या संकल्पता नहीं है वह व्यक्ति मृत व्यक्ति के समान ही होता है। यदि आप व्रत रखते हैं तो आपके मन में संकल्प करने की भावना बढ़ती है और संकल्पवान मन में ही सकारात्मकता और एकनिष्ठता होती है और ऐसा व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलता को हासिल करता है।
सावन व्रत में इन चीज़ों से करें परहेज
सावन के व्रत में इन चीज़ों का करें सेवन
सावन व्रत में Namhya बादाम ड्रिंक पाउडर का करें सेवन
सावन के महीने में झमाझम बारिशों के बीच पूरे दिन व्रत में खाली पेट रहकर सेहत न बिगड़े, और कुछ ऐसा पीकर दिन की शुरुआत करें जिससे एनर्जी भी मिले। ऐसे में आप Namhya बादाम ड्रिंक पाउडर का सेवन करें। इस बादाम पाउडर में है कसा हुआ बादाम, पिसे हुए खरबूजे के बीज, पिस्ता, खसखस, सौंफ के बीज, काली मिर्च और कई तरह के सुगंधित मसाले। इन सभी सामग्रियों का एक आकर्षक संयोजन बेहतर स्वाद देता है जिसके सेवन से आप ताज़गी से भर उठेंगे। इस बादाम ड्रिंक पाउडर का सेवन करने से आप व्रत में भी पूरे दिन अपने आपको तरोताज़ा और एनर्जी से भरपूर महसूस करेंगे।
इस बादाम पाउडर का सेवन करने के लिए एक कप दूध में दो बड़े चम्मच बादाम ड्रिंक पाउडर मिलाएं, अगर ज़रूरत लगे तो इसमें बर्फ और गुड़ भी मिला सकते हैं। मिक्सी और शेकर की मदद से शेक करें और तैयार है आपका स्वादिष्ट हेल्दी बादाम मिल्क। व्रत की सुबह की शुरुआत इस बादाम मिल्क से करें और तरोताज़ा हो जाएं।