पीसीओएस और पीसीओडी के लिए उपयुक्त योगासन

महिलाओं को अपने जीवन में कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें पीसीओडी और पीसीओएस की समस्याएं भी हैं। पीसीओडी और पीसीओएस दोनों ओवरी यानी अंडाशय और उनके हार्मोन के फंक्शन से जुड़ी बहुत ही आम समस्याएं हैं। अक्सर महिलाएं इन दोनों परेशानियों के बीच कंफ्यूज रहती हैं और कुछ महिलाएं तो दोनों स्थितियों को एक जैसा ही समझती हैं लेकिन इन दोनों समस्याओं में कुछ अंतर है। आज इस लेख में हम पीसीओएस और पीसीओडी के बारे में जानेंगे और इनसे निपटने में उपयोगी योगासन के बारे में भी चर्चा करेंगे।

पीसीओडी - पीसीओडी एक ऐसी चिकित्सा स्थिति है जिसमें अंडाशय समय से पहले एग्स को रिलीज़ कर देते हैं, जो समय के साथ सिस्ट में बदल जाते हैं। ऐसा होने पर महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, वजन बढ़ जाता है और पेट में दर्द जैसी परेशानी का उन्हें सामना करना पड़ता है। इस समस्या में ओवरी का आकार बढ़ जाता है और शरीर में हाई लेवल पर मेल हार्मोन (एंड्रोजन) रिलीज़ होने लगते हैं।

पीसीओडी के कारण - PCOD ke Karan

Pcod pain

  • अस्वस्थ जीवन शैली - खाने-पीने व आपके सोने-जागने की नियमित दिनचर्या न होना इस बीमारी का एक बड़ा कारण है।  
  • खानपान में लापरवाही - पूरा पोषण न लेना व गलत खानपान का सेवन पीसीओडी का कारण बन सकता है।
  • शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना - उच्च इंसुलिन का स्तर ओव्यूलेशन को बाधित कर सकता है।
  • अचानक वजन का बढ़ना - मोटापा शरीर में इंसुलिन क्रिया को बढ़ाता है और पीसीओडी का कारण बनता है।
  • शराब और सिगरेट का सेवन करना - इन गलत आदतों के चलते पीसीओडी की समस्या आपको अपना शिकार बनाती है।
  • शारीरिक गतिविधि न करना - गतिहीन जीवनशैली मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करती है।
  • पीसीओडी के लक्षण - PCOD ke Lakshan

  • पीरियड का अनियमित होना - इस बीमारी का सबसे आम लक्षण है पीरियड का अनियमित होना व कम होना।
  • शरीर पर एक्स्ट्रा बाल उगना - पीसीओडी की समस्या में शरीर पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) ज्यादा रिलीज़ करता है जिससे शरीर पर एक्स्ट्रा बाल आ जाते हैं।
  • वजन का बढ़ना - इस समस्या में शरीर बहुत अधिक इंसुलिन और एंड्रोजन हार्मोन का उत्पादन करता है जिस कारण तेजी से वजन बढ़ जाता है।
  • बालों का झड़ना - पीसीओडी में हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं के बाल झड़ते हैं।
  • गर्भधारण करने में समस्या - गर्भधारण करने में दिक्कत आना इसका एक बड़ा लक्षण है।
  • मुहांसे होना - हार्मोनल असंतुलन के कारण त्वचा संबंधित समस्याएं होती हैं।
  • थकावट व सिर दर्द - पीसीओडी में सिर दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

  • पीसीओडी की जटिलताएं - PCOD ki Jatiltayen

    यदि समय पर पीसीओडी की समस्या को कंट्रोल ना किया जाए तो यह कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है, तो आइए पीसीओडी की जटिलताओं के बारे में जानते हैं-

    1. बांझपन का होना
    2. गर्भपात या समय से पहले बच्चे का जन्म होना
    3. गर्भाशय से असामान्य रक्त स्राव का होना
    4. उपापचय की समस्या होना
    5. ब्रेस्ट कैंसर का होना
    6. टाइप-टू डायबिटीज का होना
    7. मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा
    8. गर्भाशय के अस्तर का कैंसर होना

    पीसीओएस - पीसीओएस अंतः स्रावी तंत्र का एक चयापचय विकार है। इस समस्या में अधिक मात्रा में पुरुष हार्मोन रिलीज़ होने लगते हैं जिससे ओव्यूलेशन में अनियमितता आ जाती है। इस स्थिति के कारण अंडाशय में बहुत सारे सिस्ट बन जाते हैं। यह समस्या पीसीओडी की समस्या से भी ज्यादा खतरनाक और गंभीर है। इस परेशानी में वजन तेजी से बढ़ने लगता है।

    पीसीओएस के कारण - PCOS ke Karan

  • पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) का अधिक मात्रा में उत्पादन - अंडाशय असामान्य उच्च मात्रा में एंड्रोजन हार्मोन उत्पन्न करते हैं जिससे यह शरीर पर मुहांसों और बालों के विकास का कारण बन सकते हैं।
  • इंसुलिन की मात्रा बढ़ना - शरीर में उच्च इंसुलिन का स्तर एंड्रोजन उत्पादन को भी बढ़ा सकता है जिससे ओव्यूलेशन प्रक्रिया प्रभावित होती है।
  • आनुवांशिकता -  पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में यह आनुवांशिकता के कारण भी होता है।
  • अनियमित जीवनशैली -  गलत खानपान की आदतों के कारण भी महिलाएं पीसीओएस का शिकार होती हैं।

  • पीसीओएस के लक्षण - PCOS ke Lakshan

    Pcos symptoms

    1. अनियमित मासिक धर्म - पीसीओएस के कारण पीरियड्स में अनियमितता होने लगती है।
    2. वजन का बढ़ना -  शरीर का वजन बढ़ना पीसीओएस का एक लक्षण है।
    3. शरीर पर बाल उगना - शरीर के कुछ अंगों पर अनचाहे बाल उग जाते हैं जैसे ठोड़ी, चेहरे, छाती, पीठ व पेट आदि
    4. त्वचा संबंधी समस्याएं - पीसीओएस की समस्या में एंड्रोजन हार्मोन बढ़ने के कारण त्वचा काली पड़ने लगती है।
    5. बालों का झड़ना - महिलाओं के बाल झड़ने लगते हैं व पतले हो जाते हैं।
    6. गर्भधारण में समस्या - गर्भधारण में दिक्कत होना पीसीओएस का एक मुख्य लक्षण है।
    7. गर्भपात होना - पीसीओएस की समस्या के कारण गर्भपात होने का खतरा होता है।
    8. नींद न आना - पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं को नींद न आने जैसी समस्या होती है।

    पीसीओएस की जटिलताएं - PCOS ki Jatiltayen

    पीसीओएस के इलाज में देरी करने के कारण होने वाली जटिलताएं इस प्रकार हैं-

    1. ह्रदय संबंधी समस्याएं
    2. टाइप-टू डायबिटीज
    3. हाई ब्लड प्रेशर
    4. खराब मेटाबॉलिज्म
    5. लिवर में सूजन
    6. कोलेस्ट्रॉल
    7. गर्भाशय से असामान्य रक्त स्राव
    8. सोते समय सांस लेने में तकलीफ
    9. एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने के कारण गर्भाशय का कैंसर
    10. एक्टोपिक प्रेगनेंसी

    पीसीओएस और पीसीओडी के लिए योगासन

    योग हमारे शरीर को स्वस्थ, मन को शांत और हमें सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। योग इतना ही नहीं करता बल्कि हमें बड़ी से बड़ी बीमारियों से बचा भी सकता है। योग में कई गंभीर से गंभीर बीमारियों से बचा लेने की ताकत मौजूद है। ऐसे ही पीसीओएस और पीसीओडी जैसी समस्या को आप योग के जरिए ठीक कर सकते हैं। इतना ही नहीं इस समस्या के कारण होने वाली कई बीमारियों से भी छुटकारा पा सकते हैं। आज हम पीसीओएस और पीसीओडी के लिए कौन-कौन से योगासन सबसे उपयुक्त हैं, इसके बारे में जानेंगे-

  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम - इस आसन को करने से मानसिक विकार दूर होते हैं और दिमाग व मन शांत होता है।
  • भुजंगासन - भुजंगासन पीसीओएस के लिए एक सरल और आसान योगासन है जिसका सभी उम्र की महिलाएं लाभ उठा सकती हैं। इस आसन को करने से पेट पर दबाव पड़ता है जिससे पाचन तंत्र बेहतर होता है साथ ही यह आसन अंडाशय को प्रोत्साहित करता है जिससे मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं।
  • तितली आसन - तितली आसन से तनाव दूर होता है और पीरियड्स नियमित होते हैं।
  • भ्रामरी प्राणायाम - भ्रामरी प्राणायाम से मानसिक विकार और तनाव की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है और यह आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
  • चक्रासन - पीसीओएस और पीसीओडी की जटिलताएं इस एकमात्र उपयोगी योगासन, जिसे चक्रासन कहते हैं, से ठीक हो जाती हैं। इससे आप स्वस्थ जीवन जी सकती हैं और आसानी से गर्भधारण भी कर सकती हैं।
  • नौकासन - नौकासन पीसीओएस और पीसीओडी के लिए अच्छे योगासनों में से एक है। यह शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है। यह प्रजनन अंगों में रक्त के प्रभाव को सुधारता हैं और अंडाशय के कार्य को बेहतर करता है।
  • धनुरासन - यह योगासन पीसीओएस और पीसीओडी से ग्रस्त महिलाओं को इन समस्याओं के लक्षणों से राहत दिलाता है। यह प्रजनन अंगों को उत्तेजित करता है, मासिक धर्म की परेशानी से छुटकारा दिलाता है। यह मासिक धर्म के चक्र को नियमित करता है।
  • पद्मासन - पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या में आंतरिक अंगों को फैलाने और हार्मोन को संतुलित करने के लिए पद्मासन किया जाता है। यह आसन पीसीओएस और पीसीओडी के अन्य लक्षणों को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और मन को भी शांत रखने में मदद करता है। 
  • मलासन - मलासन मुद्रा पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने में मदद करता है और पीसीओएस और पीसीओडी के लक्षणों को भी कम करता है।
  • पश्चिमोत्तानासन - यह पीसीओएस और पीसीओडी की समस्या के लिए ऐसा उपयुक्त आसन है जो पूरे शरीर में खिंचाव प्रदान करता है और हैमस्ट्रिंग को सहारा देता है। यह उन महिलाओं के लिए एक अच्छा विकल्प है जो मोटापे और वजन बढ़ने से परेशान हैं।
  • सूर्य नमस्कार - पीसीओएस और पीसीओडी से परेशान महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार भी एक अच्छा व्यायाम है। दिन में कम से कम 5 बार सूर्यनमस्कार मुद्रा को दोहराना चाहिए। इससे वजन घटाने, लिपिड प्रोफाइल सुधारने और मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद मिलती है।
  • शवासन - आखिरी में, शवासन जो बहुत ही जरूरी भूमिका निभाता है। इस आसन के बिना आपका योग पूरा नहीं माना जाता यह एक समाप्ति आसन है। इस आसन को करने से तनाव और चिंता से राहत मिलती है। शरीर और दिमाग दोनों को आराम मिलता है और यह पीसीओडी और पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं के लिए तो बेहद फायदेमंद है।

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    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.