आंवला चूर्ण के अनेकों फायदे और सावधानियां

कुदरत ने हमें कई औषधीय गुणों से परिपूर्ण चीजों से नवाज़ा है, जो हमारे गलत खानपान, अनहेल्थी लाइफस्टाइल के चलते होने वाली शारीरिक तकलीफों से निजात दिलाने में हमारी मदद करती हैं। ऐसी ही एक औषधि है आंवला जो पोषक तत्वों से भरपूर है और गुणों की खान है। आंवला विटामिन सी का काफी अच्छा स्रोत है। इसमें एक संतरे की तुलना में 8 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है। एक आंवले में संतरे से 17 गुना ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट होता है। इसके साथ-साथ आंवला, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ए, बी कॉम्प्लेक्स, मैग्नीशियम से युक्त है। इसमें कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में होता है।

amla churna

आंवला को मनुष्य के लिए प्रकृति का एक वरदान माना जाता है। सर्दियों में तो इसका सेवन और भी अधिक फायदेमंद होता है। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आंवला, चूर्ण, अचार, जूस, आदि किसी न किसी रूप में लगभग हम सभी के घरों में मौजूद होता है। आंवला को किसी भी रूप में खाया जाए, यह फायदा ही पहुंचाता है। लेकिन आंवला चूर्ण खाने का प्रचलन अधिक है क्योंकि इसे घर में बनाना भी आसान है और बाहर से लाकर घर में महीनों तक स्टोर करना भी आसान है। यह और किसी भी तरीके से बेहतर है क्योंकि यह खराब भी नहीं होता और महंगा भी नहीं है। आंवले के चूर्ण के कई फायदे होते हैं, आज हम इस लेख में आंवले के चूर्ण के इन्हीं फायदों के बारे में पढ़ेंगे।

आंवला का वानस्पतिक नाम "पांईलैन्थस एम्बिक" है। यह यूफोर्बियेसी कुल से है। इसका अंग्रेजी नाम एम्बलिक मायरोबालान ट्री है।आंवले को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। पेड़ पौधों से बनने वाली औषधि को काष्ठौषधि कहते हैं और धातु खनिज से बनने वाली औषधि को रसौषधि कहते हैं। दोनों तरह की औषधि में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है। चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने, और कुष्ठ रोगों को खत्म करने वाली औषधि के लिए आंवले का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में भी बताया गया है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया जैसे रोगों में भी आंवले का इस्तेमाल किया जाता है। आंवला ऐसी औषधि है जो शरीर के अंदर की सारी गंदगी को मल द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। 

 

आंखों की बीमारी में आंवला चूर्ण के फायदे

 

आंवला का चूर्ण आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है। आंवला आंखों की दृष्टि को बढ़ाता है। मोतियाबिंद में, कलर ब्लाइंडनेस, रतौंधी या कम दिखाई देता हो तो भी आंवले का सेवन किसी भी रूप में करने पर फायदा होगा। आंखों के दर्द में भी इसके इस्तेमाल से काफी लाभ होता है। आइए जानें और किस तरह से आंवले को आंखो की परेशानियों में इस्तेमाल किया जा सकता है-

 

  1. आंवले के बीज को घिसकर आंखों में लगाने से आंखों के रोग में फायदा पहुंचता है।
  2.  आंवले के दो बूंद रस को आंखों में डालने से आंखों के दर्द में राहत मिलती है।
  3. 7 ग्राम आंवले को जो के साथ कूटकर ठंडे पानी में भिगो लें। दो-तीन घंटे बाद आंवले को निचोड़ कर निकाल लें। इसी पानी में फिर से दूसरे आंवले को ऐसे ही भिगो दें। दो-तीन घंटे बाद फिर निचोड़ कर निकाल लें। इस तरह तीन-चार बार करें। इस पानी को आंख में डालने से आंखों की सूजन कम होती है।
  4. आंवले को पीसकर पेस्ट बना लें और इसकी पोटली बनाकर आंखों पर बांधे। पित्त दोष के कारण होने वाली आंखों की खुजली और जलन आदि में इससे लाभ मिलता है।

 

बालों की समस्या में फायदेमंद

 

बालों की परेशानियों से निजात पाने के लिए आंवले के चूर्ण का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। बालों की ग्रोथ के लिए आंवला कई वर्षों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। बाल बढ़ाने के लिए या बालों की अनेक समस्याओं से निजात पाने के लिए आंवला का उपयोग कैसे करें चलिए जानते हैं - 

 

  1. आंवला, रीठा और शिकाकाई को मिलाकर काढ़ा बना ले। इसे बालों में लगाएं। सूखने के बाद बालों को पानी से धो लें। इससे बाल मुलायम घने और लंबे होते हैं।
  2. आंवला, आम की गुठली के मज्जा को एक साथ पीस लें। और इसे सिर पर लगाएं। इससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बाल काले भी होते हैं।
  3. 30 ग्राम सूखे आंवला, 10 ग्राम बहेड़ा, 50 ग्राम आम की गुठली की गिरी और 10 ग्राम लौह भस्म लें। रात भर लोहे की कढ़ाई में इन्हें भिगोकर रखें। अगर कम उम्र में ही आपके बाल सफेद हो रहे हैं तो आप इस लेप को रोज लगाएं। कुछ ही दिनों में आपके बाल काले होने लगेंगे।

 

 

डायबिटीज़ में आंवले के फायदे

 

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आंवला में क्रोमियम तत्व पाया जाता है जो डायबिटीज़ के मरीज के लिए बहुत ही कारगर होता है। यह एक खनिज है जो कार्बोहाइड्रेट चयापचय को नियंत्रित करता है और कहा जाता है कि यह शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाता है, और रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित रखता है। डायबिटीज़ के मरीज को आंवले को निम्न तरीकों से अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए -

 

  1. ताजा आंवला फल खाना इसके सेवन का सबसे अच्छा तरीका है। यह स्वाद में हल्का मीठा, खट्टा और कसैला होता है।
  2. यदि ताजा फल खाना आपको पसंद नहीं है तो आप इसका जूस भी पी सकते हैं।
  3. एक चम्मच आंवले के चूर्ण का पानी के साथ भी सेवन कर सकते हैं।
  4. आंवले के रस में यदि शहद मिलाकर पिया जाए तो डायबिटीज़ में लाभ पहुंचता है। रोजाना एक चम्मच आंवले का रस और एक चम्मच शहद काफी है।
  5. आंवला, हरड़, बहेड़ा, नागरमोथा, दारूहल्दी एवं देवदारू लें। इनको समान मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को सुबह-शाम डायबिटीज़ के रोगी को पिलाने से लाभ मिलता है।

 

हृदय रोगों में फायदेमंद

 

 

आंवला हमारे हृदय की मांसपेशियों के लिए बहुत ही अच्छा होता है। आंवला हमारे हृदय को स्वस्थ बनाने में भी कारगर है। आंवला हृदय की धमनियों में होने वाली रुकावट को खत्म करता है। खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बनाने में भी मददगार है। आंवला में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में फ्री रेडिकल को बनने ही नहीं देता। एंटीऑक्सीडेंट के रूप में अमीनो एसिड और पेक्टिन पाए जाते हैं जो कि कोलेस्ट्रॉल को नहीं बनने देते और हृदय की मांसपेशियों को मजबूती देते हैं।

 

  1. हृदय रोगियों को आंवले के रस या चूर्ण का रोजाना इस्तेमाल करना चाहिए।
  2. हृदय रोगी को रोज तीन आंवला अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए।

 

फैटी लीवर और पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

 

अगर आप फैटी लीवर की समस्या से परेशान हैं तो आपको आंवले का सेवन करना चाहिए। लिवर को स्वस्थ रखने और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आंवला सबसे अच्छा माना जाता है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आंवला खाना बहुत ही फायदेमंद है। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और लीवर स्वस्थ रहता है। आंवला हाइपरलिपिडेमिया और मेटाबॉलिक सिंड्रोम को भी कम करता है। फैटी लीवर वाले लोगों के लिए तो आंवला एक रामबाण जैसा है। आंवला लीवर फेल होने के खतरे को भी कम करता है। आइए जानते हैं आंवले को और किस तरह से फैटी लीवर की समस्या में इस्तेमाल किया जा सकता है- 

 

  1. फैटी लीवर की समस्या में आप आंवला और काला नमक साथ में खा सकते हैं।
  2. आप रोजाना आंवले की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। आंवले की चाय बनाने के लिए इसे काटकर पानी में रात भर भिगोकर रख दें। अब इसमें अदरक, इलायची मिलाकर अच्छी तरह से उबाल लें। यदि इस तरह आप आंवले को खाते हैं तो आपका लीवर मजबूत होगा और आप फैटी लीवर की समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं।

 

त्वचा संबंधी समस्याओं से दिलाए राहत

 

आंवला त्वचा संबंधी समस्याओं में भी बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल आंवले में विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। विटामिन सी त्वचा के लिए कई मायनों में कारगर होता है। इससे त्वचा के काले धब्बे, रेडनेस और झुर्रियों को कम किया जा सकता है। साथ ही यह त्वचा को मॉइस्चराइज भी करता है। एक्ने से लेकर एंटी एजिंग तक विटामिन सी हमारी त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है। यह त्वचा को चमकदार बनाने में भी मदद करता है। आंवले को और किन तरीकों से त्वचा की देखभाल में इस्तेमाल किया जा सकता है, आइए जानें - 

 

  1. दो चम्मच आंवला पाउडर को गर्म पानी में मिलाएँ। अब इस मिश्रण में एक चम्मच शहद और दही मिलाएँ और इसे चेहरे पर लगाएँ। इससे आपका चेहरा चमकदार होगा और गंदगी से मुक्त हो जाएगा।
  2. आंवला पाउडर और गुलाब जल को मिलाकर बनाए गए फेस पेक के इस्तेमाल से आप अपनी तैलीय त्वचा का उपचार कर सकते हैं।
  3. आंवला रस, मुल्तानी मिट्टी, गुलाब जल और ऑलिव ऑयल या फिर बादाम के तेल का पेस्ट तैयार कर लें और इसे चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ लें बाद में इसे गर्म पानी से धो लें। इससे आप अपनी रूखी और बेरंग बचा से छुटकारा पा सकते हैं।
  4. आंवले के रस को यदि हल्दी पाउडर और नींबू के रस के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं तो यह हमारी त्वचा के सभी दाग धब्बे यहां तक की घाव के निशान को भी पूरी तरह से साफ कर देता है। 

 

कब्ज़ दूर करें आंवला चूर्ण

 

आजकल ज्यादातर लोग कब्ज़ की समस्या से परेशान हैं। अगर पेट ठीक से साफ ना हो तो यह शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बनता है। पेट साफ ना होने के कारण पेट में भारीपन, अपच और बदहजमी की समस्या भी होने लगती हैं। पेट की परेशानियां मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती हैं। पेट साफ ना होने से चिड़चिड़ापन और तनाव जैसी परेशानियां भी पनपने लगती हैं। इन सब परेशानियों के लिए आंवले का इस्तेमाल एक प्राकृतिक तरीका है जिससे हर सुबह आपका पेट बिना किसी परेशानी के अच्छी तरह साफ होगा। आइए जानते हैं कब्ज़ के लिए आंवले के इस्तेमाल के तरीके - 

  1. अगर आपको कब्ज़ है तो आप रात को सोते समय आंवला चूर्ण ले सकते हैं। कुछ दिनों तक नियमित रूप से आंवला चूर्ण लेने से कब्ज़ की समस्या दूर होती है। 
  2. आंवले के चूर्ण को रात भर के लिए एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठने के बाद इस पानी को छलनी से छान कर खाली पेट पी लें। यह पानी पीने के 15 से 20 मिनट के बाद ही आपका पेट साफ हो जाएगा। 

 

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हड्डियों की मजबूती के लिए बढ़िया

 

कैल्शियम हड्डियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है यदि कैल्शियम की कमी हो जाए तो यह आपकी हड्डियों को कमजोर कर सकता है जिससे हड्डियों के टूटने का डर भी रहता है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करने के साथ ही हड्डियों के विकास का काम भी करता है इसलिए हमारे शरीर के लिए कैल्शियम बहुत ही जरूरी है। आंवला कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है। आंवले के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं और ताकतवर होती हैं। आंवले के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस एवं जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है, इसलिए रोजाना आंवले का चूर्ण खाने की आदत डालनी चाहिए।

 

पीरियड्स की समस्या में लाभकारी

 

 

महिलाओं में पीरियड संबंधी समस्याओं जैसे; पीरियड देर से आना, ज्यादा ब्लीडिंग होना, जल्दी-जल्दी पीरियड आना, पीरियड में ब्लीडिंग कम होना, पेट में दर्द होना, जैसी कई समस्याएं होती रहती हैं। ऐसे में उन महिलाओं के लिए आंवले का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। आंवले के सेवन से वह अपनी इन तमाम तकलीफों में राहत पा सकती हैं। दरअसल आंवले में मिनरल्स, विटामिंस पाए जाते हैं, जो पीरियड्स में बहुत आराम दिलाते हैं। इसलिए यदि नियमित रूप से आप आंवला, आंवले के रस और खासकर आंवला के चूर्ण का सेवन करना शुरू कर दें तो इससे पीरियड संबंधी सभी परेशानियों से आपको छुटकारा मिल जाएगा।

 

प्रजनन समस्या में फायदेमंद

 

आंवला प्रजनन के लिए भी बहुत ही उत्तम है। दरअसल यह आयरन और जिंक का बेहतर स्त्रोत है जिस वजह से यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। महिलाओं और पुरुषों में आंवले के सेवन से पुरुषों में शुक्राणु की क्रियाशीलता और मात्रा बढ़ती है और महिलाओं में अंडाणु अच्छे और स्वस्थ बनते हैं। साथ ही महावारी नियमित होती है। इस तरह दोनों को ही अपनी प्रजनन क्षमता में सुधार और दोषमुक्त करने के लिए नियमित आंवला चूर्ण का सेवन करना चाहिए।

 

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए मजबूत

 

आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार है। इसके साथ ही इसमें विटामिन ए, पॉलीफेनॉल और फ्लेवनॉइड्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। आंवले में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं जो सीजनल फ्लू के खतरे को भी कम करते हैं। आयुर्वेद में भी आंवले का सेवन बहुत फायदेमंद माना गया है। कहा जाता है कि इसके सेवन से शरीर में वाइट ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ती है जिससे फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद मिलती है और शरीर बीमारियों से कोसों दूर रहता है।

 

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वजन घटाने में सहायक

 

आज के समय में भागदौड़ भरी जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण ज्यादातर लोग मोटापे की समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं। मोटापा सिर्फ आपके वजन बढ़ने से संबंधित नहीं है बल्कि यह मोटापा आपके शरीर में कई तरह की बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है। मोटापे की वजह से आप हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ जैसी गंभीर समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। मोटापा कम करने और वजन घटाने के लिए आंवले का सेवन सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। यदि आप नियमित रूप से आंवले के जूस का या आंवले के चूर्ण का सेवन करते हैं तो आप इससे मिलने वाले अनेकों फायदों का लाभ उठा सकते हैं। इसको पीने से ना सिर्फ आपका वजन कम होगा बल्कि इससे आपके शरीर का चयापाचय भी सही होता है। वजन घटाने के लिए आंवले के जूस को आयुर्वेद में औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

 

संक्रमण से करें बचाव

 

आंवला में बैक्टीरिया और फंगस से लड़ने की क्षमता होती है और यह हमारे शरीर को बाहरी बीमारियों से बचाता हैं। आंवला शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता हैं। आंवला, अल्सर, अल्सरेटिव, कोलेटीस, पेट में संक्रमण जैसी तमाम परेशानियों को खत्म करता है और हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है। आंवला के चूर्ण का रोजाना सेवन करने से कई तरह के संक्रमणों से बचा जा सकता है।

 

दांतों को बनाए मजबूत

 

चमकते, सुंदर, मजबूत दांत किसे पसंद नहीं होते, परंतु जब इन्हीं सुंदर दांतों में कीड़ा लगने जैसी समस्या उत्पन्न हो जाए तो यह एक चिंता का विषय है। ऐसे में आंवला आपकी मदद कर सकता है। यदि आप दांतों को स्वस्थ और मजबूत बनाना चाहते हैं तो रोज आंवले के चूर्ण का सेवन करें। आंवला एक शक्तिशाली एंटीमाइक्रोबियल एजेंट है। इसलिए यह विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया से होने वाली परेशानियों को कम कर सकता है। यह पाया गया है कि आंवला स्ट्रेप्टोकॉकस म्यूटन नामक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सक्षम है। स्ट्रेप्टोकॉकस म्यूटन दांतों में कीड़ा लगने का मुख्य कारण होता है। अतः आंवला इसके विकास को रोककर दांत में कीड़े लगने जैसी समस्या के इलाज में काफी फायदेमंद है।

 

खून साफ करे आंवला

 

आंवले के रस का सेवन करने से खून साफ होता है और रक्त संबंधित विकार दूर होते हैं। क्योंकि आंवला एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है। यह खून साफ करने का काम करता है। साथ ही हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं को भी बढ़ाता है। आंवला में आयरन प्रचूर मात्रा में होता है जिस कारण यह खून में आयरन के स्तर को बढ़ाकर एनीमिया जैसी बीमारी को भी रोक सकता है।

 

नकसीर की समस्या में लाभकारी

 

अगर किसी को नकसीर की तकलीफ है तो उसे रोजाना एक चम्मच आंवले के चूर्ण को पानी में मिलाकर इसका सेवन करते रहना चाहिए। इस तरह आंवले के सेवन से नाक से खून आने की परेशानी से आराम मिलता है।

 

दिलाए तनाव से मुक्ति

 

आंवला खाने से तनाव से भी छुटकारा मिलता है और अच्छी नींद आती है। यदि आंवले के तेल से बालों की जड़ों में मालिश की जाए तो कलर ब्लाइंडनेस जैसी परेशानी में आराम मिलता है। यह सर को ठंडा रखता है और राहत देता है। इसलिए तनाव से मुक्ति के लिए रोजाना आंवला के चूर्ण का सेवन करें। 

वैसे तो आंवला एक बहुत ही गुणकारी औषधि है परंतु फिर भी कई मामलों में इसका सेवन आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। इसलिए किन लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, आइए जानते हैं -

 

  1. निम्न रक्त चाप के मरीजों को आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम बढ़ सकता है।
  2. जिन लोगों को गैस की समस्या रहती है उन्हें भी आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके अम्लीय गुण पेट में जलन की परेशानी पैदा करते हैं।
  3. जिन लोगों की त्वचा रूखी होती है उन्हें आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद कुछ तत्व शरीर में डिहाइड्रेशन को बढ़ा सकते हैं जिससे उनके बालों में रूसी और खुजली की भी परेशानी हो सकती हैं।
  4. सर्दी जुखाम में आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। जिसके कारण यह हमारे शरीर के तापमान को बिगाड़ देता है।
  5. यदि आपकी किसी तरह की सर्जरी होने वाली है तो आंवले का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें क्योंकि इसके एंटीप्लेटलेट गुण बिल्डिंग की परेशानी को बढ़ा सकते हैं।
  6. जो लोग अंग्रेजी दवाईयां खा रहे हैं उन्हें आंवले का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए।

 

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आंवला चूर्ण कई औषधीय गुणों से भरपूर है जो विटामिन सी का एक प्राकृतिक स्त्रोत है। यदि आप भी अपनी पाचन क्रिया को दुरुस्त करना चाहते हैं, अपने सिस्टम को डिटॉक्सिफाई करना चाहते हैं, श्वसन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो इसमें Namhya का बेस्ट क्वालिटी का आंवला चूर्ण आपकी मदद कर सकता है। यह आंवला चूर्ण 100% नेचुरल है जो आंवला के सैकड़ों गुणों से भरपूर है। यह आपके शरीर में टॉक्सिन के कारण होने वाले नुकसान को रिपेयर करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण आपके शरीर को पोषण देते हैं और उसे फिर से नया बनाते हैं। यदि आप यह प्रोडक्ट खरीदना चाहते हैं तो अब बड़ी ही आसानी से Namhya की वेबसाइट से घर बैठे बेस्ट प्राइज़ पर यह बेस्ट प्रोडक्ट आंवले का चूर्ण खरीद सकते हैं और एक हेल्दी लाइफ एंजॉय कर सकते हैं।

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Author

Ridhima Arora

Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.