कब्ज का इलाज, लक्षण और पाचन तंत्र मजबूत करने के नुस्खे

आज कब्ज की समस्या से बच्चे, बुजुर्ग और लगभग हर उम्र का इंसान जूझ रहा है। कब्ज को अंग्रेजी में कॉन्स्टिपेशन भी कहते हैं।अनियमित जीवनशैली कब्ज की सबसे बड़ी वजह में से एक है। कब्ज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मल पेट में ही जमा हो जाता है। पेट में मल जमने की वजह से गैस, एसिडिटी, पेट में भारीपन और सिरदर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अच्छी बात यह है कि कब्ज एक लाइलाज बीमारी नहीं है इसका इलाज संभव है। आइए आज इस लेख में हम कब्ज के प्रकार, कारण, लक्षण और कब्ज का इलाज के घरेलू तरीकों के बारे में जानते हैं।

 

कब्ज का इलाज

 

सबसे पहले जानते हैं कि कब्ज होता क्या है? कब्ज पाचन तंत्र से जुड़ी स्थिति है जिसमें मल त्याग करते समय बहुत कठिनाई होती है। मल त्याग करते समय जब गुदा मार्ग से मल आसानी से बाहर न निकले उस स्थिति को कब्ज कहते हैं। कब्ज की स्थिति में मल सख्त व सूखा हो जाता है। कई बार तो माल त्याग करते समय पेट में व गुदा मार्ग में दर्द भी हो जाता है। वैज्ञानिक तौर पर एक हफ्ते में तीन बार से कम शौच आना कब्ज कहलाता है। यह समस्या किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। किसी-किसी को यह समस्या कुछ समय के लिए होती है और किसी को लंबे समय तक यह समस्या चलती है। कब्ज की समस्या हर बीमारी की जड़ है इसलिए समय रहते इसका इलाज बेहद जरूरी है।

 

कब्ज के प्रकार - Typed of Constipation in Hindi

 

कब्ज से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक तौर रूप से तो परेशान होता ही है साथ ही साथ वह मानसिक रूप से भी परेशान होता है। कब्ज एक ऐसी समस्या है जिससे इंसान का उठना-बैठना, खाना-पीना सब कुछ मुहाल हो जाता है। आइए कब्ज के प्रकार के बारे में जानते हैं। कब्ज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है-

 

  • गंभीर कब्ज - कब्ज का यह प्रकार बहुत ही घातक होता है। गंभीर कब्ज में मल बाहर नहीं निकलता है। कब्ज के इस प्रकार की गंभीरता इस बात से भी समझी जा सकती है कि इस इस स्थिति में गैस भी पास नहीं होती है। गंभीर कब्ज होने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

  • पुरानी कब्ज - इस प्रकार की कब्ज में मल बहुत कठिनाइयों के साथ निकलता है क्योंकि मल बहुत कड़ा हो जाता है और बहुत ही कम मात्रा में बाहर निकलता है। पुरानी कब्ज में रोगी को मल त्याग के बाद भी संतुष्टि नहीं होती हैं।
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    कब्ज के कारण - Causes of Constipation in Hindi

     

    कब्ज की समस्या हमारे गलत खानपान और अनियमित जीवनशैली से जुड़ी है। यदि आप कब्ज का परमानेंट इलाज चाहते हैं तो आपको पहले यह जानना होगा कि कब्ज होने का मुख्य कारण क्या है? इससे आप इन कारणों को ध्यान में रख पाएंगे और कब्ज की समस्या से बच पाएंगे। आइए कब्ज के कारणों पर नज़र डालते हैं -

     

    1. तरल पदार्थों का कम सेवन -  हमारे शरीर को बेहतर ढंग से काम करने के लिए पानी और अन्य तरल पदार्थों की जरूरत होती है जैसे प्राकृतिक रूप से मीठे फल, सब्जियों का रस, सूप, आदि। यदि हम इन तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करें तो इससे मल नरम होकर आसानी से पास हो जाता है।


    2. कम फाइबर वाले भोजन का सेवन - फाइबर दो प्रकार का होता है सोल्युबल और इनसोल्युबल, दोनों ही तरह के फाइबर पेट के लिए उपयोगी होते हैं। सोल्युबल फाइबर पानी के साथ मिलकर जेल बनाकर पाचन को बढ़ाता है और इनसोल्युबल फाइबर मल को मोटा और भारी करता है जिससे मल जल्दी बाहर आ जाता है। फाइबर की यह गतिविधि मल त्याग की प्रक्रिया को सामान्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है इसलिए फाइबर की कमी कब्ज का कारण बनती है। कब्ज से बचाव के लिए जितना हो सके फाइबर का ज्यादा उपयोग करें। फलों, सब्जियों और अनाज में भरपूर मात्रा में फाइबर होते हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें।

     

    कब्ज का इलाज


    3. शारीरिक गतिविधि की कमी - किसी भी तरह का कोई शारीरिक श्रम या कोई व्यायाम न करना भी कब्ज होने का कारण है। पेट की मांसपेशियों के मजबूत होने से मल त्याग करना सुविधाजनक हो सकता है। यदि हम कोई शारीरिक श्रम नहीं करेंगे तो हमारे पेट की मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं इसलिए शारीरिक श्रम बेहद जरूरी है। शारीरिक गतिविधियों का अभाव कब्ज का एक बड़ा कारण है।


    4. मल की इच्छा को रोकना -  मल को रोके रखने से कब्ज की बीमारी जन्म ले सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मल को रोके रखने से पेट और आंते धीरे-धीरे हमें मल त्याग का संकेत देना बंद कर देते हैं। इसकिए जब भी आपको मल त्याग की इच्छा हो तो तुरंत टॉयलेट जाएं।


    5. दवाएं -  हम दवाइयों का सेवन बीमारियों के इलाज के लिए करते हैं लेकिन कई दवाइयों का सेवन हमें कब्ज जैसी बीमारी देता है। कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स और दर्द निवारक दवाएं कब्ज का कारण बन सकती हैं, इसलिए दवाइयों को भी कब्ज का कारण माना जा सकता है।


    6. आईबीएस - आईबीएस (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) एक पेट से जुड़ी ऐसी समस्या है जिसमें पेट में दर्द रहता है और बेचैनी रहती है, साथ ही 3 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए मल त्याग की आदतों में बदलाव होता है, जैसे कभी दस्त या कब्ज। इस बीमारी के कारण भी कब्ज की समस्या हो सकती है।


    7. हाइपोथायरायडिज्म - हाइपोथायरायडिज्म शरीर में हार्मोनल असंतुलन के लिए जिम्मेदार है और यह असंतुलन कब्ज जैसी बीमारी का एक कारण है। 


    8. हेल्थ सप्लीमेंट्स - हम कई बार आयरन और कैल्शियम के लिए सप्लीमेंट का इस्तेमाल करते हैं। यह सप्लीमेंट भी कब्ज का एक कारण बन सकते हैं।


    9. गर्भावस्था - गर्भावस्था भी कब्ज का एक कारण है। इस समय गर्भवती महिलाओं को कब्ज का सामना करना पड़ता है। इस दौरान प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर ज्यादा और मोटीलिन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, इसी कारण पेट से गुदा मार्ग तक मल आने में लगने वाला टाइम बढ़ जाता है। गर्भवती महिलाएं अतिरिक्त आयरन का सेवन करती हैं जिसके कारण से भी उन्हें कब्ज की शिकायत रहती हैं। इस समय बड़ा हुआ गर्भाशय भी मल को बाहर निकलने से रोक सकता है।


    10. तनाव - तनाव कई शारीरिक रोगों की जड़ है। ऐसे ही तनाव कब्ज भी पैदा करता है। तनाव के कारण निकलने वाले हार्मोन आंतों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं और मल त्याग को बाधित कर सकते हैं। साथ ही तनाव में व्यक्ति सही से न खाता है और न ही पानी पीता है जिस कारण कब्ज की समस्या होती है।


    11. पर्याप्त नींद न लेना - काम की व्यस्तता के चलते व्यक्ति भरपूर नींद नहीं ले पाता। पर्याप्त नींद न लेने के कारण ही हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता जिसके कारण भी कब्ज की समस्या हो जाती है।

     

    कब्ज के लक्षण - Symptoms of Constipation in Hindi

     

    कब्ज की समस्या यदि अधिक समय तक बनी रहती है तो यह पुरानी कब्ज बन जाती है जो रोजमर्रा के कामकाज करने की हमारी क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती हैं। पुरानी कब्ज की समस्या में मल त्याग करने की प्रक्रिया अत्यधिक तनाव का कारण बन सकती हैं। आइए पुरानी कब्ज के लक्षण के बारे में जानते हैं -

     

    1. सामान्य से कम बार मल त्याग करना।
    2. गांठदार व सख्त मल आना।
    3. लंबे समय तक शौचालय में बैठना।
    4. मल त्याग के समय अधिक जोर लगाने की जरूरत होना।
    5. शौच के बाद भी पेट साफ नहीं होना।
    6. पेट में दर्द व मरोड़ उठना।
    7. मुंह में छाले होना।
    8. मुंह से बदबू आना।
    9. जीभ का रंग सफेद या मटमैला हो जाना।
    10. भूख कम लगना।
    11. चेहरे पर मुंहासे निकलना।
    12. जी मिचलाना व चक्कर आना।

     

    यदि आप इन लक्षणों में से ज़्यादातर को लंबे समय से अनुभव कर रहे हैं तो आपकी कब्ज को पुराना माना जा सकता है।

     

    कब्ज के घरेलू उपचार - Home Remedies of Constipation in Hindi

     

    कब्ज को कैसे दूर करें? यह सवाल हर कब्ज के रोगी के मन में आता है। तो आपको बता दें कि कब्ज कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। आप कब्ज का इलाज खुद से घरेलू तरीकों से भी कर सकते हैं। इन घरेलू चीजों का इस्तेमाल करके आप कब्ज से अपना बचाव कर सकते हैं। आइए जानते हैं कब्ज का इलाज इन हिंदी -

     

    कब्ज के घरेलू उपचार

     

  • पानी - यदि आप सुबह उठने के बाद तुरंत पानी का सेवन करते हैं तो यह आपकी कब्ज के इलाज का एक कारगर उपाय है। सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीने से कब्ज की समस्या में राहत मिलती है। आप रोज सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाएं और बैठकर जितना हो सके इस पानी को एक-एक घूंट करके पीएं। यह आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाएगा।

  • पपीता - पपीता कब्ज का एक रामबाण इलाज है क्योंकि इसके रस में पपाइन नामक तत्व होता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है। यह गुणकारी फल शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है। यह आंतों के लिए एक ल्यूब्रिकेट का काम करता है यानी मल को मुलायम कर पेट को साफ करता है। आप रोज सुबह खाली पेट एक बाउल भर के पपीता खाएं। यह आपको कब्ज की परेशानी से निजात दिलाएगा। 

  • त्रिफला - आंवला, हरड़ और बहेड़ा नामक तीन फलों को बराबर मात्रा में मिलाकर त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है। यह त्रिफला चूर्ण कब्ज की आयुर्वेदिक दवा है। त्रिफला आपके पेट को साफ करता है और पेट फूलने और उसमें सूजन जैसी लक्षणों से भी आप को राहत दिलाता है। इसलिए त्रिफला का सेवन आपको कब्ज में आराम पहुंचाता है।

  • अंजीर - कब्ज की बेहतरीन औषधियों में अंजीर भी शामिल है। इसके बीज मल को मुलायम बनाते हैं ताकि मलद्वार से मल आसानी से बाहर निकल जाए। एक शोध में पाया गया है कि इसमें मौजूद फाइबर मल त्यागने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करते हैं। अंजीर को कब्ज का घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आप अंजीर को रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट इनका सेवन करें।

  • आलूबुखारा - आलू बुखारे में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है और यह फाइबर मल की मात्रा को बढ़ाकर पेट साफ करता है, इसलिए आलूबुखारे को कब्ज के लिए फायदेमंद माना गया है। यदि आप कब्ज से पीड़ित हैं तो आपको नियमित रूप से आलूबुखारे का सेवन करना चाहिए। आप रोज दो आलूबुखारे खा सकते हैं।

  • कीवी - कीवी का सेवन कब्ज का इलाज करने में मददगार है। यदि आप कीवी का सेवन करने हैं तो यह आपके मल त्याग में लगने वाले समय को कम करता है और उसे सुविधाजनक बनाता है। कीवी को छीलकर टुकड़ों में काट लें और अब इस पर काला नमक लगाकर खाएं।

  • गेहूं का चोकर - कब्ज से बचाव के लिए फाइबर युक्त गेहूं का चोकर बहुत मददगार है। यह चोकर मनुष्य को मोटापे और कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों से बचाता है। साथ ही यह पाचन तंत्र मजबूत करने की दवा के रूप में भी काम करता है इसलिए चोकर को कब्ज का एक अचूक इलाज माना जा सकता है। आप आटे से निकाले गए चोकर को मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें। अब 20 ग्राम पाउडर को पानी में घोलकर रोजाना सेवन करें। आप इस चोकर को दैनिक आहार में भी शामिल कर सकते हैं। इसे रोटी, दलिया और हलवा, आदि बनाते समय उसमें मिला सकते हैं। इस तरह आप इस घरेलू नुस्खे से अपनी कब्ज का इलाज कर सकते हैं।

  • जैतून का तेल - कब्ज के इलाज के लिए आप जैतून का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप रोज सुबह खाली पेट जैतून का तेल पीएं या खाना बनाने में इसका इस्तेमाल करें तो यह आपके मल को मुलायम करता है और आपको मल त्याग के समय जोर नहीं लगाना पड़ता। जैतून के तेल के सेवन से आपका पेट आसानी से साफ हो सकता है।

  • सेब - सेब के लिए कहा जाता है कि यदि आप रोज एक सेब खाते हैं तो यह आपको बीमारियों से दूर रखता है इसलिए यदि आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो आप भी सेब खाकर इसके फायदों का लाभ उठा सकते हैं। सेब को छिलके सहित खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलता है जो आपकी कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद है। आप रोज सुबह एक सेब अपने नाश्ते में शामिल करें। आप चाहें तो सेब का शेक बनाकर भी पी सकते हैं।


  • कब्ज के दुष्प्रभाव - Side Effects of Constipation in Hindi

     

    यदि आप कब्ज को अनदेखा करते हैं तो यह अनदेखी कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। कब्ज से हमारे शरीर को कई नुकसान पहुंचते हैं। आइए इन नुक़सानों के बारे में जानें -

     

  • बवासीर रोग - यदि आपको लंबे समय से कब्ज की समस्या बनी हुई है तो यह बवासीर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। इसलिए समय रहते अपने कब्ज की परेशानी का इलाज करें।

  • वजन बढ़ना - मल त्याग करते समय एस्ट्रोजन नामक हार्मोन शरीर से बाहर निकल जाते हैं जो मोटापे का कारण होते हैं। अगर लंबे समय से कब्ज की समस्या रहे तो ठीक से पेट साफ नहीं होने की वजह से यह हार्मोन पाचन तंत्र में मिलने लगते हैं जिसकी वजह से वजन बढ़ने लगता है।


  • weight gain

     

  • थकावट - कब्ज से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर थका-थका नजर आता है। दरअसल पेट साफ न होने के कारण शरीर के अंदर कार्बोहाइड्रेट का स्तर बढ़ता है। साथ ही शरीर के अंदर कई तरह की गैस बनना शुरू हो जाती हैं जिसकी वजह से उर्जा प्रदान करने वाले सेल्स पर असर पड़ता है। डिटॉक्सिफाई न होने के कारण शरीर में बनने वाले टॉक्सिक पदार्थ खून में शामिल हो जाते हैं और जिस वजह से ऊर्जा का स्तर लगातार घटने लगता है। जिस कारण कब्ज वाला व्यक्ति हमेशा थकावट महसूस करने लगता है।

  • त्वचा, बाल और नाखूनों पर असर - टॉक्सिन की वजह से दूषित खून न सिर्फ हमारी त्वचा बल्कि हमारे नाखून और बालों को भी नुकसान पहुंचाता है। कब्ज के कारण हमारी त्वचा पर कील मुहांसे हो जाते हैं, नाखून कमजोर हो जाते हैं और बाल भी कमजोर होकर झड़ने लग जाते हैं।

  • इम्यूनिटी होती है कमजोर - कब्ज के कारण शरीर के अंदर वायरस, बैक्टीरिया और कैंसर वाले सेल्स बढ़ने लगते हैं। यह हमारे शरीर की इम्युनिटी की क्षमता पर असर डालते हैं और उसे कमजोर करते हैं। लंबे समय से कब्ज की समस्या से हमारे यूरिनरी ट्रैक्ट में इनफेक्शन भी हो सकता है।

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    कब्ज से बचाव के तरीके - How to Avoid Constipation

    कब्ज की समस्या हमारी खराब दिनचर्या के कारण होती है। यदि हम अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव लाएं तो हम इस समस्या से बच सकते हैं। आइए दिनचर्या से जुड़ी कुछ बातों पर ध्यान दें-

     

  • समय पर शौच - मल को रोककर रखने से हमारे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है और साथ ही यह कब्ज की समस्या को भी जन्म देता है। इसलिए आपको जब भी जरूरत महसूस हो तभी आप तुरंत मल त्याग के लिए जाएं।

  • नियमित दिनचर्या - एक नियमित दिनचर्या कब्ज की समस्या से बचाव का एक बेहतर तरीका है। अपने सुबह उठने और रात को सोने का समय तय करें। साथ ही तीनों समय का भोजन भी नियमित समय पर करें और हल्का खाएं। यदि आप यह सभी कार्य नियमित तरीके से करेंगे तो आप कब्ज से होने वाली बीमारियों से भी बच सकते हैं।

  • फाइबर युक्त भोजन - अपने भोजन में फाइबर वाली चीजों को शामिल करें। जितना हो सके ओट्स, ब्राउन राइस, फल व सब्जियां ज्यादा से ज्यादा खाएं। यदि आप पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन करेंगे तो आप कब्ज से बचे रहेंगे।

  • रोज व्यायाम करें - यदि आप कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करेंगे तो आप कभी कब्ज की समस्या से छुटकारा नहीं पा सकते। इसलिए अपने व्यस्त जीवन में कुछ समय निकालकर घर पर व्यायाम करें या आप जिम भी जा सकते हैं। अगर आप खेलकूद में रुचि रखते हैं तो अपनी रुचि के अनुसार रोज किसी न किसी खेल को समय दें। इस तरह यदि आप कोई न कोई व्यायाम करते रहेंगे तो आप कब्ज से अपना बचाव कर सकते हैं।

  • खाली पेट पानी पीएं - सुबह उठते ही यदि आप खाली पेट पानी पीने की आदत डाल लें तो यह कब्ज से बचाव का सबसे आसान तरीका है।
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    पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय  -  Home Remedies to Increase Digestion Power

     

    जितना आपका पेट स्वस्थ रहेगा उतने ही आप सेहतमंद रहेंगे इसलिए आपके संपूर्ण स्वास्थ्य की भलाई के लिए आपके पेट का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। अपनी खराब जीवनशैली और अपनी खराब आदतों के चलते हम अपने पाचन तंत्र को बिगाड़ लेते हैं। खराब पाचन तंत्र के चलते हमें पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो जाती है। ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि पाचन क्रिया कैसे सुधारे? तो आइए आज पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए और आपके पेट के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए कुछ घरेलू उपायों पर नजर डालते हैं-

     

  • गरम पानी - यदि आप अपने दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करते हैं तो यह न सिर्फ आपकी पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है बल्कि  टॉक्सिंस को भी हमारे शरीर से बाहर निकालता है। आप चाहे तो जीरे के पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। यह भी आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक है।
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  • भोजन अच्छे से चबाएं - भोजन को अच्छी तरह से चबा-चबा कर खाना पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का सबसे आसान उपाय है। एक्सपर्ट की मानें तो भोजन आधे से ज्यादा आपके मुंह में ही पचने योग्य हो जाता है। आप जितना अच्छी तरह से धीरे-धीरे भोजन को चबाते हैं उसमें लार अच्छी तरह से मिल जाती है क्योंकि हमारी लार में पाचन एंजाइम होते हैं। इसलिए यह भोजन के बेहतर पाचन में सहायक होती है और पाचन को मजबूत बनाती है।
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  • दही या छाछ पीएं -  दही और छाछ में दोनों में प्रोबायोटिक्स होते हैं। प्रोबायोटिक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं और हमारी पाचन शक्ति को भी बढ़ाते हैं। यह प्रोबायोटिक्स मेटाबॉलिज्म को तेज करने में भी मदद करते हैं। इसलिए दही और छाछ का सेवन दोपहर के खाने के साथ जरूर करें।

  • फाइबर युक्त भोजन - फाइबर आपके पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी होता है इसलिए जितना हो सके अपने भोजन में फाइबर वाली चीजों को शामिल करें जैसे ड्राई फ्रूट, नट्स, साबुत अनाज, दालें, सोयाबीन, छोले, राजमा, आदि।

  • हर्बल टी -  पुदीना, अजवाइन, जीरा, दालचीनी, कैमोमाइल टी, ग्रीन टी, आदि जैसी हर्बल टी का इस्तेमाल आप पाचन शक्ति को मजबूत बनाने के लिए कर सकते हैं। आप अपने दिन की शुरुआत इन हर्बल टी के साथ करें या आप इनका सेवन भोजन करने के बाद भी कर सकते हैं। यह हर्बल टी आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने और भोजन के बेहतर पाचन में मदद करती हैं।

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    Namhya से खरीदें ट्रैगाकैंथ गम क्रिस्टल

    यदि आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं, साथ ही आपनी पाचन शक्ति को भी दुरुस्त बनाए रखना चाहते हैं तो आप Namhya के प्रोडक्ट ट्रैगाकैंथ गम क्रिस्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस प्रोडक्ट का मुख्य घटक गोंद कतीरा है। यह आपके पाचन में सुधार करता है और भोजन के अवशोषण में मदद करता है। यह कब्ज में मल त्याग की क्रिया को उत्तेजित करके सुधार करता है।

     

    gond katira

     

    यह आपके शरीर के अंगों को पोषण भी देता है। Namhya का यह प्रोडक्ट एक हर्बल प्रोडक्ट है जिसका इस्तेमाल आप अपनी पुरानी से पुरानी कब्ज के इलाज के लिए कर सकते हैं। यदि आप भी इस प्रोडक्ट को पाना चाहते हैं तो Namhya की वेबसाइट से ऑनलाइन घर बैठे इस प्रोडक्ट ट्रैगाकैंथ गम क्रिस्टल को ऑर्डर कर सकते हैं।

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    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.