आज कब्ज की समस्या से बच्चे, बुजुर्ग और लगभग हर उम्र का इंसान जूझ रहा है। कब्ज को अंग्रेजी में कॉन्स्टिपेशन भी कहते हैं।अनियमित जीवनशैली कब्ज की सबसे बड़ी वजह में से एक है। कब्ज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मल पेट में ही जमा हो जाता है। पेट में मल जमने की वजह से गैस, एसिडिटी, पेट में भारीपन और सिरदर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अच्छी बात यह है कि कब्ज एक लाइलाज बीमारी नहीं है इसका इलाज संभव है। आइए आज इस लेख में हम कब्ज के प्रकार, कारण, लक्षण और कब्ज का इलाज के घरेलू तरीकों के बारे में जानते हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि कब्ज होता क्या है? कब्ज पाचन तंत्र से जुड़ी स्थिति है जिसमें मल त्याग करते समय बहुत कठिनाई होती है। मल त्याग करते समय जब गुदा मार्ग से मल आसानी से बाहर न निकले उस स्थिति को कब्ज कहते हैं। कब्ज की स्थिति में मल सख्त व सूखा हो जाता है। कई बार तो माल त्याग करते समय पेट में व गुदा मार्ग में दर्द भी हो जाता है। वैज्ञानिक तौर पर एक हफ्ते में तीन बार से कम शौच आना कब्ज कहलाता है। यह समस्या किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। किसी-किसी को यह समस्या कुछ समय के लिए होती है और किसी को लंबे समय तक यह समस्या चलती है। कब्ज की समस्या हर बीमारी की जड़ है इसलिए समय रहते इसका इलाज बेहद जरूरी है।
कब्ज के प्रकार - Typed of Constipation in Hindi
कब्ज से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक तौर रूप से तो परेशान होता ही है साथ ही साथ वह मानसिक रूप से भी परेशान होता है। कब्ज एक ऐसी समस्या है जिससे इंसान का उठना-बैठना, खाना-पीना सब कुछ मुहाल हो जाता है। आइए कब्ज के प्रकार के बारे में जानते हैं। कब्ज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है-
कब्ज के कारण - Causes of Constipation in Hindi
कब्ज की समस्या हमारे गलत खानपान और अनियमित जीवनशैली से जुड़ी है। यदि आप कब्ज का परमानेंट इलाज चाहते हैं तो आपको पहले यह जानना होगा कि कब्ज होने का मुख्य कारण क्या है? इससे आप इन कारणों को ध्यान में रख पाएंगे और कब्ज की समस्या से बच पाएंगे। आइए कब्ज के कारणों पर नज़र डालते हैं -
1. तरल पदार्थों का कम सेवन - हमारे शरीर को बेहतर ढंग से काम करने के लिए पानी और अन्य तरल पदार्थों की जरूरत होती है जैसे प्राकृतिक रूप से मीठे फल, सब्जियों का रस, सूप, आदि। यदि हम इन तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करें तो इससे मल नरम होकर आसानी से पास हो जाता है।
2. कम फाइबर वाले भोजन का सेवन - फाइबर दो प्रकार का होता है सोल्युबल और इनसोल्युबल, दोनों ही तरह के फाइबर पेट के लिए उपयोगी होते हैं। सोल्युबल फाइबर पानी के साथ मिलकर जेल बनाकर पाचन को बढ़ाता है और इनसोल्युबल फाइबर मल को मोटा और भारी करता है जिससे मल जल्दी बाहर आ जाता है। फाइबर की यह गतिविधि मल त्याग की प्रक्रिया को सामान्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है इसलिए फाइबर की कमी कब्ज का कारण बनती है। कब्ज से बचाव के लिए जितना हो सके फाइबर का ज्यादा उपयोग करें। फलों, सब्जियों और अनाज में भरपूर मात्रा में फाइबर होते हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें।
3. शारीरिक गतिविधि की कमी - किसी भी तरह का कोई शारीरिक श्रम या कोई व्यायाम न करना भी कब्ज होने का कारण है। पेट की मांसपेशियों के मजबूत होने से मल त्याग करना सुविधाजनक हो सकता है। यदि हम कोई शारीरिक श्रम नहीं करेंगे तो हमारे पेट की मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं इसलिए शारीरिक श्रम बेहद जरूरी है। शारीरिक गतिविधियों का अभाव कब्ज का एक बड़ा कारण है।
4. मल की इच्छा को रोकना - मल को रोके रखने से कब्ज की बीमारी जन्म ले सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मल को रोके रखने से पेट और आंते धीरे-धीरे हमें मल त्याग का संकेत देना बंद कर देते हैं। इसकिए जब भी आपको मल त्याग की इच्छा हो तो तुरंत टॉयलेट जाएं।
5. दवाएं - हम दवाइयों का सेवन बीमारियों के इलाज के लिए करते हैं लेकिन कई दवाइयों का सेवन हमें कब्ज जैसी बीमारी देता है। कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स और दर्द निवारक दवाएं कब्ज का कारण बन सकती हैं, इसलिए दवाइयों को भी कब्ज का कारण माना जा सकता है।
6. आईबीएस - आईबीएस (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) एक पेट से जुड़ी ऐसी समस्या है जिसमें पेट में दर्द रहता है और बेचैनी रहती है, साथ ही 3 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए मल त्याग की आदतों में बदलाव होता है, जैसे कभी दस्त या कब्ज। इस बीमारी के कारण भी कब्ज की समस्या हो सकती है।
7. हाइपोथायरायडिज्म - हाइपोथायरायडिज्म शरीर में हार्मोनल असंतुलन के लिए जिम्मेदार है और यह असंतुलन कब्ज जैसी बीमारी का एक कारण है।
8. हेल्थ सप्लीमेंट्स - हम कई बार आयरन और कैल्शियम के लिए सप्लीमेंट का इस्तेमाल करते हैं। यह सप्लीमेंट भी कब्ज का एक कारण बन सकते हैं।
9. गर्भावस्था - गर्भावस्था भी कब्ज का एक कारण है। इस समय गर्भवती महिलाओं को कब्ज का सामना करना पड़ता है। इस दौरान प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर ज्यादा और मोटीलिन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, इसी कारण पेट से गुदा मार्ग तक मल आने में लगने वाला टाइम बढ़ जाता है। गर्भवती महिलाएं अतिरिक्त आयरन का सेवन करती हैं जिसके कारण से भी उन्हें कब्ज की शिकायत रहती हैं। इस समय बड़ा हुआ गर्भाशय भी मल को बाहर निकलने से रोक सकता है।
10. तनाव - तनाव कई शारीरिक रोगों की जड़ है। ऐसे ही तनाव कब्ज भी पैदा करता है। तनाव के कारण निकलने वाले हार्मोन आंतों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं और मल त्याग को बाधित कर सकते हैं। साथ ही तनाव में व्यक्ति सही से न खाता है और न ही पानी पीता है जिस कारण कब्ज की समस्या होती है।
11. पर्याप्त नींद न लेना - काम की व्यस्तता के चलते व्यक्ति भरपूर नींद नहीं ले पाता। पर्याप्त नींद न लेने के कारण ही हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता जिसके कारण भी कब्ज की समस्या हो जाती है।
कब्ज के लक्षण - Symptoms of Constipation in Hindi
कब्ज की समस्या यदि अधिक समय तक बनी रहती है तो यह पुरानी कब्ज बन जाती है जो रोजमर्रा के कामकाज करने की हमारी क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती हैं। पुरानी कब्ज की समस्या में मल त्याग करने की प्रक्रिया अत्यधिक तनाव का कारण बन सकती हैं। आइए पुरानी कब्ज के लक्षण के बारे में जानते हैं -
- सामान्य से कम बार मल त्याग करना।
- गांठदार व सख्त मल आना।
- लंबे समय तक शौचालय में बैठना।
- मल त्याग के समय अधिक जोर लगाने की जरूरत होना।
- शौच के बाद भी पेट साफ नहीं होना।
- पेट में दर्द व मरोड़ उठना।
- मुंह में छाले होना।
- मुंह से बदबू आना।
- जीभ का रंग सफेद या मटमैला हो जाना।
- भूख कम लगना।
- चेहरे पर मुंहासे निकलना।
- जी मिचलाना व चक्कर आना।
यदि आप इन लक्षणों में से ज़्यादातर को लंबे समय से अनुभव कर रहे हैं तो आपकी कब्ज को पुराना माना जा सकता है।
कब्ज के घरेलू उपचार - Home Remedies of Constipation in Hindi
कब्ज को कैसे दूर करें? यह सवाल हर कब्ज के रोगी के मन में आता है। तो आपको बता दें कि कब्ज कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। आप कब्ज का इलाज खुद से घरेलू तरीकों से भी कर सकते हैं। इन घरेलू चीजों का इस्तेमाल करके आप कब्ज से अपना बचाव कर सकते हैं। आइए जानते हैं कब्ज का इलाज इन हिंदी -
कब्ज के दुष्प्रभाव - Side Effects of Constipation in Hindi
यदि आप कब्ज को अनदेखा करते हैं तो यह अनदेखी कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। कब्ज से हमारे शरीर को कई नुकसान पहुंचते हैं। आइए इन नुक़सानों के बारे में जानें -
कब्ज से बचाव के तरीके - How to Avoid Constipation
कब्ज की समस्या हमारी खराब दिनचर्या के कारण होती है। यदि हम अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव लाएं तो हम इस समस्या से बच सकते हैं। आइए दिनचर्या से जुड़ी कुछ बातों पर ध्यान दें-
पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय - Home Remedies to Increase Digestion Power
जितना आपका पेट स्वस्थ रहेगा उतने ही आप सेहतमंद रहेंगे इसलिए आपके संपूर्ण स्वास्थ्य की भलाई के लिए आपके पेट का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। अपनी खराब जीवनशैली और अपनी खराब आदतों के चलते हम अपने पाचन तंत्र को बिगाड़ लेते हैं। खराब पाचन तंत्र के चलते हमें पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो जाती है। ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि पाचन क्रिया कैसे सुधारे? तो आइए आज पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए और आपके पेट के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए कुछ घरेलू उपायों पर नजर डालते हैं-
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