बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज और इससे बचाव के तरीके

बवासीर यानी (पाइल्स) को आयुर्वेद में 'अर्श' कहा गया है। इसे 'हेमोरॉयड्स' भी कहा जाता है। बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो बहुत तकलीफदेह है। इसमें व्यक्ति को मलत्याग के समय दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मल मार्ग में फोड़ों को बवासीर के रूप में जाना जाता है। यह एक आम समस्या है और हर चार में से तीसरे व्यक्ति को कभी ना कभी इस समस्या से गुजरना पड़ता है।

 

piles treatment

 

पुरानी कब्ज और सख्त मल के कारण बवासीर की समस्या बढ़ सकती है। बवासीर का इलाज आधुनिक चिकित्सा में ऑपरेशन द्वारा किया जाता जाता है जबकि आयुर्वेद में घरेलू उपचार के जरिए भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। आज इस लेख में हम बवासीर होने के कारण, लक्षण और बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज जानेंगे।

 

आइए बवासीर के कारण जानने से पहले जानते हैं कि बवासीर क्या होता है? बवासीर ऐसी बीमारी है जिसमें पीड़ित के गुदा के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है। इस बीमारी की वजह से गुदा के अंदर या बाहर के हिस्से में स्किन इकट्ठा हो जाती है और मस्से जैसी बन जाती है। इन मस्सों से कई बार खून निकलने के साथ दर्द भी होता है। कठोर मल त्याग करने के कारण जोर लगाने पर यह मस्से बाहर आ जाते हैं। इस बीमारी के कारण व्यक्ति को उठने-बैठने में बहुत तकलीफ होती है। आइए इस बीमारी के प्रकार के बारे में जानते हैं।

 

बवासीर के प्रकार - Types of Piles in Hindi

 

बवासीर के चार प्रकार होते हैं। आइए इनके बारे में जानें-

 

  • अंदरुनी बवासीर - बवासीर का यह प्रकार मलाशय के अंदर विकसित होता है। अंदरुनी बवासीर में मस्से दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि यह गुदा की काफी गहराई में विकसित होते हैं। यह बवासीर की कोई गंभीर स्थिति नहीं है, इसमें मस्से अपने आप ठीक हो जाते हैं।

  • बाहरी बवासीर - बाहरी बवासीर का यह प्रकार मलाशय के ऊपर विकसित होता है। इसमें मस्से मलद्वार के ठीक बाहरी तरफ विकसित होते हैं जहां से मल बाहर आता है। कुछ मामलों में यह मस्से दिखाई नहीं पड़ते जबकि अन्य मामलों में यह मलाशय की सतह पर गांठ के जैसे दिखाई पड़ते हैं। बाहरी बवासीर से आमतौर पर कोई गंभीर समस्या पैदा नहीं होती है लेकिन अगर आपको इसमें दर्द या तकलीफ महसूस होती है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

  • प्रोलेप्सड बवासीर - जब अंदरुनी बवासीर के मस्सों में सूजन आ जाती है और वह मलाशय से बाहर की तरफ निकलने लगते हैं तो इस स्थिति को प्रोलेप्सड बवासीर कहा जाता है। इस बवासीर में मस्से सूजन ग्रस्त गांठ की तरह या गुदा से बाहर की ओर निकली हुई गांठ की तरह दिखाई देते हैं।

  • खूनी बवासीर - यह बवासीर की जटिल स्थिति है। खूनी बवासीर में किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती। इसमें मल त्याग करते समय खून आता है। इसमें गुदा के अंदर मस्से हो जाते हैं। मसालेदार भोजन, तली- भुनी चीजों और शराब से खूनी बवासीर में परहेज करना चाहिए।
  •  

     

    बवासीर होने के कारण - Causes of Piles in Hindi

     

    बवासीर रोग बहुत ही दर्दनाक स्थिति है। इस रोग में गुदा में मौजूद नसों में सूजन व तनाव आ जाता है जिसके कारण मलत्याग में बहुत तकलीफ होती है। कई लोग यह सोचते हैं कि यह बवासीर क्यों होता है? तो आपको बता दें कि बवासीर कई कारणों से हो सकता है। यह मल त्याग के समय अधिक जोर लगाने के कारण या गर्भावस्था के दौरान गुदा की नसों में दबाव बढ़ने के कारण भी हो सकता है। आइए बवासीर होने के अन्य कारणों पर चर्चा करें - 

     

     1. बवासीर का एक मुख्य कारण कब्ज है। कब्ज में मल सूखा और कठोर हो जाता है जिसके कारण व्यक्ति को मल त्यागने में बहुत तकलीफ होती है। मलत्याग के लिए काफी देर तक बैठकर जोर लगाने के कारण गुदा की रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है जिसके कारण वह फूलकर लटक जाती है। इस लटकी हुई स्किन को ही बवासीर का मस्सा कहा जाता है।

     

    कब्ज

     

     2. कई लोगों का जॉब कई घंटों तक खड़े रहने वाला होता है और लंबे समय तक खड़े रहने से भी यह बीमारी हो सकती है।

     3. भारी वजन उठाना भी बवासीर होने का एक कारण है।

     4. ठीक से शौच न होना और फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना भी बवासीर का कारण हो सकता है।

     5. ज्यादा तला-भुना व ज्यादा मिर्च मसाले वाला भोजन बवासीर होने का कारण बनता है।

     6. महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर अधिक दबाव पड़ने से भी बवासीर होने का खतरा रहता है।

     7. शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण भी यह बीमारी अपना शिकार बना लेती है।

     8. शराब और धूम्रपान के सेवन के चलते भी बवासीर हो सकता है।

    9. अनुवांशिक कारणों के चलते भी यह बीमारी विरासत में मिल सकती है।

       

      बवासीर के लक्षण - Piles Symptoms in Hindi

       

      बवासीर होने पर आपको नीचे बताएं गए लक्षण देखने को मिल सकते हैं -

       

      1. शौच के बाद भी पेट सही से साफ न होने का आभास होना।

      2. गुदा के आसपास कठोर गांठ हो जाती है और इसमें दर्द रहता है तथा खून भी आता है।

      3. शौच के वक्त बहुत ज्यादा दर्द होना।

      4. शौच के वक्त जलन के साथ चमकदार लाल खून आना।

      5. शौच के वक्त म्यूकस का आना।

      6. गुदा के आसपास खुजली, लालिमा व सूजन रहना।

      7. बार-बार टॉयलेट जाने की इच्छा होना लेकिन मल न निकलना।

         

        महिला बवासीर के लक्षण - Piles Symptoms in Female

         

        महिला बवासीर

         

        सभी में बवासीर के लक्षण अलग-अलग दिखाई देते हैं। कई लक्षण सभी में बहुत आम होते हैं। आइए यहां हम महिलाओं में दिखने वाले बवासीर के लक्षणों के बारे में जानते हैं -

         

        1.गुदा के आसपास दर्द होना और कभी-कभी इस दर्द का बहुत असहनीय हो जाना।

        2.शौच करते समय दर्द महसूस होना।

        3. शौच के बाद भी पेट साफ न होने का आभास होना।

        4. गुदा के आसपास कठोर गांठ का होना और इसमें दर्द रहना।

        5. शौच के वक्त जलन के साथ खून आना।

        6. गुदा के आसपास खुजली का होना और सूजन रहना।

        7. बार-बार मल के आने जैसा महसूस होना।

           

          पाइल्स के घरेलू उपचार - Home Remedies For Piles in Hindi

           

          बवासीर जैसी बीमारी अनियमित खानपान और हमारी खराब जीवनशैली का नतीजा है। यह रोग पेट की समस्याओं से जुड़ा है जिसमें लगातार कब्ज रहना भी एक कारण है। इस रोग में गुदा मार्ग की नसों में सूजन आ जाती है। कई बार बवासीर में गुदा मार्ग में मस्से भी हो जाते हैं लेकिन आप कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर इन्हें जड़ से खत्म कर सकते हैं। आइए बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज जानते हैं-

           

        1. नारियल तेल - नारियल के तेल में एंटीइन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। यह गुण पाइल्स के दर्द को ठीक करने के साथ ही उसकी सूजन को कम करने में भी काफी मदद करते हैं। साथ ही नारियल के तेल में एंटीमाइक्रोबियल एजेंट भी पाया जाता है जो बैक्टीरिया को मारने और उसे पनपने से रोकता है। इस तरह नारियल का तेल पाइल्स की बीमारी में काफी फायदेमंद है। आप वर्जिन नारियल के तेल को प्रभावित क्षेत्र पर साफ हाथों से इस्तेमाल करें। दिन में दो-तीन बार आप इसे लगा सकते हैं जब तक कि आपका दर्द और गांठ गायब न हो जाए।

        2. लहसुन - बवासीर के लक्षण जैसे सूजन और दर्द को कम करने में आप लहसुन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। लहसुन में मौजूद एलिसिन नामक कंपाउंड में एंटीइन्फ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो बवासीर के रोग में काफी फायदेमंद है और बैक्टीरिया को पनपने से भी रोकते हैं।

        3. लहसुन में एंटीथ्रॉम्बोटिक गुण भी मिलता है जो पाइल्स की वजह से बनने वाले ब्लड क्लोट को रोकता है। यह कहा जा सकता है कि लहसुन बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज है। आप तीन से चार लहसुन की कलियों को 10 मिनट के लिए पानी में उबालें। इस पानी को फ्रिज में ठंडा करें। इस पानी में रुई के फाहे को भिगोकर 10 से 15 मिनट के लिए अपने गुदा पर रखें। इससे आपको इस रोग में राहत मिलेगी।

        4. ट्री ट्री ऑयल - ट्री ट्री ऑयल में सूजन कम करने और दर्द से राहत दिलाने वाला एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, साथ ही इसमें एंटीसेप्टिक गुण भी मौजूद होता है जो इसके लक्षणों को कम करता है। ट्री ट्री ऑयल में रोगाणुरहित और जीवाणुरहित गुण भी होते हैं जो इससे होने वाले संक्रमण को रोकते हैं। ट्री टी ऑयल की कुछ बूंदे एक चम्मच जैतून के तेल में डालकर अच्छे से मिला लें। इस मिश्रण में रुई का फोहा डुबोकर अपने गुदा पर लगाएं।

        5. कलौंजी का तेल - कलौंजी का तेल बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीऑक्सीडेंट तीनों गुण पाए जाते हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। कलौंजी के तेल के साथ तिल के तेल को भी आप पाइल्स के इलाज के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। सिरके में आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर अच्छे से मिलाएं और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। यदि आपको कब्ज बहुत ज्यादा रहती है तो आप एक कप काली चाय में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पीएं। यह आपको कब्ज से राहत दिलाएगा।

        6. नींबू - आप नींबू से बवासीर का इलाज कर सकते हैं। नींबू में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है जो फ्री रेडिकल्स को हटाने में मदद करता है। नींबू में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाया जाता है जो सूजन को कम करने में कारगर है चाहे फिर सूजन बाहरी हो या अंदरुनी। आप नींबू के रस को निकालकर रुई की मदद से सूजन वाले हिस्से पर लगाएं। इससे सूजन में राहत मिलती है। नींबू के रस को फ्रिज में रखकर ठंडा कर लें और फिर सूजन के हिस्से पर इसे लगाएं यह कोल्ड कंप्रेस का काम करता है।
        7.  

          Lemon

           

          1. गर्म पानी -  बवासीर में गर्म पानी पीने के भी फायदे देखे जा सकते हैं। हल्का गर्म पानी पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है क्योंकि गर्म पानी से कब्ज में राहत मिलती है। गर्म पानी पीने से कब्ज नहीं होगी तो आपको मल त्यागने में आसानी होगी और मल त्याग के समय दर्द भी नहीं होगा। इस तरह बवासीर को ठीक करने में गर्म पानी काफी मदद करता है। आप रोज सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीएं चाहे तो आप गुनगुने पानी में नींबू या हल्दी मिलाकर भी पी सकते हैं। गर्म पानी पीने के अलावा आप सिट्ज़ बाथ भी ले सकते हैं।
          2.  

            सिट्ज़ बाथ बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज है। जिसकी सलाह डॉक्टर भी आपको देते हैं। आप बाथ टब में गुनगुना पानी डालें और उसमें आधा कप सेब का सिरका मिला लें और इस पानी को सिट्ज़ बाथ के लिए तैयार करें। अब इस टब में 10 से 15 मिनट तक बैठ जाएं। यह गुनगुना पानी आपके गुदा की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और सूजन में भी राहत दिलाता है। सेब के सिरके में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया को मारने का काम करते हैं।

          3. एप्सम सॉल्ट बाथ - एप्सम सॉल्ट बाथ बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय है। बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने में एप्सम सॉल्ट बाथ मदद करता है। इसके लिए आप बाथ टब को गुनगुने एप्सम सॉल्ट पानी से भर दें। अब मल त्याग करने के बाद इस टब में 20 मिनट के लिए बैठ जाएं। टब को इतना ही भरें कि आपका गुदाद्वार इसमें डूब जाए। ऐसा करने से बवासीर के कारण होने वाली दर्द और जलन से तो राहत मिलेगी ही साथ ही बवासीर के मस्से भी इससे सूख जाएंगे।


          4. बवासीर से बचाव के तरीके - How to Prevent Piles Naturally

             

            घरेलू नुस्खों के साथ यदि आप कुछ तरीकों को अपनाते हैं तो आप बवासीर जैसी पीड़ादायक बीमारी से अपना बचाव कर सकते हैं। आप बवासीर से बचाव के लिए निम्न उपायों को अपना सकते हैं-

             

            1. मल त्यागने की इच्छा को अनदेखा न करें - अपनी मल त्यागने की इच्छा को अनदेखा न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपका मल सख्त और कठोर हो जाता है। मल सख्त होने से इसके बाहर आने के दौरान मुश्किल होगी और आपकी गुदा की नसों पर दबाव पड़ेगा। कठोर मल को बाहर निकालने के लिए आपको अत्यधिक जोर लगाना पड़ेगा जो कि इस बीमारी का एक कारण है।

            2. फाइबर युक्त पदार्थ अधिक खाएं - अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और सीरियल्स को शामिल करें। आप इसबगोल को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं जो कि एक नेचुरल फाइबर है।

            3. टॉयलेट में ज्यादा समय न बैठें - टॉयलेट में ज्यादा देर तक बैठने से मल त्यागने में परेशानी होने की संभावना बढ़ जाती है। बहुत देर तक टॉयलेट में बैठने से आपकी गुदा के आसपास की रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है इसलिए जितना जरूरी हो टॉयलेट में केवल उतना ही समय लगाएं।

            4. नियमित व्यायाम करें - शारीरिक गतिविधियों की कमी भी पाइल्स का एक कारण है। शारीरिक रूप से गतिशील रहने से मल त्यागने में आसानी होती है इसलिए जितना हो सके, व्यायाम करें। ज्यादा भारी एक्सरसाइज करने से बचें। प्रभावशाली और आसान एक्सरसाइज करने की आदत को अपनाएं। रोजाना 20 मिनट पैदल चलने से आपकी मल त्याग करने की प्रक्रिया बेहतर होती है। यदि आपका बैठे रहने का जॉब है तो अपनी जीवनशैली को थोड़ा बदलें। काम के बीच में ब्रेक लेकर थोड़ा घूमें। लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें जितना हो सके एक्टिव बने रहें।

            5. पानी ज्यादा पीएं - जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। इससे आपका मल नरम रहेगा और आपको मल त्यागने में आसानी होगी। दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं।
            6.  

               

              Namhya से खरीदें गोंद कतीरा - Buy Gond Katira From Namhya

               

              यदि आप बवासीर जैसी कष्टदायक बीमारी से परेशान है और आपको हमेशा कब्ज की शिकायत रहती है तो आप Namhya का प्रोडक्ट गोंद कतीरा इस्तेमाल कर सकते हैं। यह प्रोडक्ट हमारे पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है। गोंद कतीरा आपके मल को मुलायम करके मल त्यागने में मदद करता है और आपकी कब्ज का भी इलाज करता है। यह आपकी कमजोर पाचन शक्ति को भी मजबूत बनाता है।

               

              Gond Katira

               

              आप अपनी इन समस्याओं के लिए इस प्रोडक्ट पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि यह एक हर्बल प्रोडक्ट है। तो आज ही अपनी इस बीमारी से राहत पाने के लिए Namhya के इस प्रोडक्ट को घर लाएं और अपनी इस परेशानी से छुटकारा पाएं। आप यह प्रोडक्ट Namhya की वेबसाइट से ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं।

              Back to blog

              Author

              Ridhima Arora

              Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.