हेल्दी डाइट चार्ट - जानें सत्तू के फायदे और नुकसान

एक स्वस्थ शरीर के लिए खान-पान की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। यदि हम पौष्टिक भोजन न करें तो हम स्वस्थ कैसे रह सकते हैं। बड़ों से लेकर बच्चों तक स्वस्थ रहने के लिए सभी को पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है ताकि वह अपने रोज के कामों को और अपनी जरूरतों को आसानी से पूरा कर सके।

 

Healthy Diet Chart

 

आप अपनी उम्र के हिसाब से किसी एक्सपर्ट या किसी न्यूट्रिशनिस्ट की मदद से हेल्दी डाइट चार्ट बनवाएं और उसे फॉलो करें। ऐसा करने से आप एक स्वस्थ शरीर पा सकते हैं। हेल्दी डाइट चार्ट को फॉलो करके आप हेल्थी फूड खाएंगे जिससे विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन सहित सभी जरूरतों को आप पूरा कर पाएंगे। तो चलिए आज इस लेख में हम हेल्दी डाइट चार्ट पर चर्चा करते हैं।

 

संतुलित आहार क्या है? - What is Healthy Diet?

 

हेल्दी डाइट चार्ट की मदद से हम कुपोषण जैसी बीमारी का सामना करने से बच सकते हैं और वहीं इससे संबंधित रोगों को भी मात दे सकते हैं। हमारे गलत खानपान के चलते हमें कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। यदि हम समय रहते हेल्दी डाइट चार्ट को फॉलो करें तो हम ऐसी कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। आज के समय में लोग प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा से ज्यादा सेवन कर रहे हैं और ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिसमें फैट, शुगर, सॉल्ट के साथ सोडियम ज्यादा मात्रा में होते हैं और फल, सब्जियों, अनाज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन न के बराबर कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि हम एक हेल्थी डाइट चार्ट को फॉलो करें तो हम हर चीज संतुलित मात्रा में लेंगे और यही संतुलित आहार हमारे वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद करेगा। इसलिए हेल्दी डाइट चार्ट एक बहुत ही जरूरी चीज है। 

 

एक हेल्दी डाइट चार्ट कई मापदंडों पर निर्भर करता है जैसे कि व्यक्ति का लिंग, लाइफस्टाइल, फिज़िकल एक्टिविटी, उम्र, उसकी खान-पान से जुड़ी संस्कृति, आदि। लेकिन इन सब में एक चीज सामान्य होती है, सभी लोगों को एक हेल्दी डाइट की जरूरत पड़ती है जिसमें सभी तरह के विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन आदि शामिल हों इसलिए हमें अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक बैलेंस डाइट चार्ट को जरूर अपनाना चाहिए और अपने स्वास्थ्य के प्रति यह जिम्मेदारी हम सभी को निभानी चाहिए।

 

हेल्दी डाइट चार्ट में खाद्य पदार्थों को इन तीन श्रेणियों में बांटा जाता है-

 

एनर्जी रिच फूड - इसमें कार्बोहाइड्रेट और फैट आते हैं। अनाज व दाल, वेजिटेबल ऑयल, घी, ऑयल सीड्स व शुगर सब इसी श्रेणी में आते हैं।

 

बॉडी बिल्डिंग फूड - इस श्रेणी में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ आते हैं; जैसे दाल, ऑयल सीड, दूध व दूध से बनी चीजें, मीट, मछली, मुर्गा, आदि।

 

प्रोटेक्टिव फूड - विटामिन और मिनरल्स युक्त खाद्य पदार्थ इस श्रेणी में आते हैं; जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, अन्य फल व सब्जियां, दूध व दूध से बनी चीजें, अंडे, आदि।

 

जिस तरह व्यायाम करना, सोना, आराम करना हमारे शरीर के लिए जरूरी है उसी तरह संतुलित आहार भी हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है। कुछ भी खा लेना और पेट भर लेना सिर्फ यही जरूरी नहीं है, आपका भोजन पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। इससे न केवल आप बीमारियों से दूर रहेंगे बल्कि आपका शारीरिक विकास भी अच्छे से होता है। इसलिए एक संतुलित आहार चार्ट को फॉलो करना शरीर के लिए जरूरी है।

 

यदि संतुलित आहार की बात करें तो इसमें हरी सब्जियां, फल, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, अनाज के साथ-साथ पोल्ट्री, मछली, बीन्स, अंडे, नट्स, आदि शामिल हैं। वहीं हमें संतुलित आहार चार्ट में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट, सोडियम और ज्यादा शुगर वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। कैलोरी की बात करें तो महिलाओं के लिए 1200 से 1500 कैलोरी पर्याप्त हो सकती है, वहीं पुरुषों के लिए 1500 से1800 कैलोरी वाला आहार सही होता है। इस कैलोरी की मात्रा में व्यक्ति की उम्र और शारीरिक स्थिति के अनुसार बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में आपको किसी विशेषज्ञ से एक पोषक तत्व संतुलित आहार चार्ट बनवाकर ही इसे फॉलो करना चाहिए ताकि आप अपने शरीर को सही पोषक तत्व दे सकें।

 

संतुलित आहार के फायदे - Benefits of Healthy Diet in Hindi

 

जैसा कि हमने बताया कि संतुलित आहार एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है। एक हेल्दी डाइट चार्ट को फॉलो करने से आपको क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। हम इस बारे में विस्तार से जानेंगे:

 

  • वजन नियंत्रित रहता है - वजन को नियंत्रित रखने में संतुलित आहार का बहुत अधिक योगदान है आजकल हर कोई बाहर का खाना और ज्यादा तला भुना खाने के कारण वजन बढ़ने और मोटापे की परेशानी से जूझ रहा है।  ऐसे में अगर व्यायाम के साथ-साथ एक बैलेंस डाइट ली जाए तो वजन नियंत्रित रहता है। 


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  • बीमारियों से बचाव होता है -  गलत खानपान की वजह से हमारा शरीर तरह-तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाता है। ऐसे में यदि हम एक पौष्टिक आहार चार्ट को फॉलो करें तो हम मोटापे डायबिटीज़, दिल की बीमारियों, आदि के जोखिम को कम कर सकते हैं।

  • इम्यूनिटी को मजबूत करता है - संतुलित आहार में मिनरल्स और विटामिन्स मुख्य तत्व होते हैं जिससे हमारी इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ावा मिलता है और जब हमारी इम्यूनिटी मजबूत होती हैं तो हम कई तरह की बीमारियों को खुद से दूर रख सकते हैं।

  • शरीर को ऊर्जा देता है - एक नुट्रिशन फ़ूड चार्ट से शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम भी करते हैं। इससे लंबे समय तक शरीर में कमजोरी और आलस का एहसास नहीं होता जिससे व्यक्ति खुद को हर समय स्वस्थ और तंदुरुस्त महसूस करता है।

  • मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी - जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है उसे भूलने की बीमारी और कई अन्य मानसिक परेशानियां होने लगती हैं और आज के तनाव भरे जीवन में तनाव के चलते लोग बार-बार मूड स्विंग जैसी परेशानी को भी झेलते हैं। इस सब का कहीं ना कहीं कारण हमारा गलत खान-पान है। ऐसे में अगर हम हेल्दी डाइट चार्ट को फॉलो करें तो इस तरह की मानसिक परेशानियों को हम काफी हद तक कम कर सकते हैं क्योंकि हमारे खान-पान का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
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    संतुलित आहार के जरूरी मुख्य तत्व - Essential Elements of Healthy Diet in Hindi

     

    संतुलित आहार के फायदों के बारे में जानने के बाद हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि एक हेल्दी डाइट चार्ट के जरूरी मुख्य तत्व कौन से हैं। ताकि हम इन तत्वों के आधार पर खाने-पीने की चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर सकें। तो आइए इन तत्वों के बारे में जानते हैं-

     

  • कार्बोहाइड्रेट - कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को ऊर्जा देता है और यदि इसे सही मात्रा में लिया जाए तो यह हमारे शरीर की कई बीमारियों को रोकने में मदद करता है। कार्बोहाइड्रेट दो तरह का होता है अच्छा और खराब। अच्छा कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इसके लिए आप ब्राउन राइस, कम वसा वाला दूध, आलू व केले का सेवन कर सकते हैं। वहीं खराब कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है। यह तैलीय पदार्थों जैसे फ्रेंच फ्राइस व मीठे खाद्य पदार्थों जैसे चॉकलेट, आइसक्रीम, कुकीज़,सफेद ब्रेड, आदि में होता है इसलिए इन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखना ही हमारे सेहत के लिए उचित है।

  • प्रोटीन - हमारे शरीर के लिए जरूरी तत्वों में प्रोटीन भी आता है। यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इससे हमारी मांसपेशियों को ताकत मिलती है। प्रोटीन की मात्रा किसको कितनी लेनी चाहिए यह हर व्यक्ति की उम्र और उसके शारीरिक श्रम पर निर्भर करता है। प्रोटीन युक्त आहार लिस्ट में आप पनीर, अंडा, दूध व मटर जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं।

  • विटामिन - विटामिन की भी संतुलित आहार में मुख्य भूमिका है। विटामिन कई तरह के होते हैं और उनका शरीर के लिए अपना-अपना फायदा होता है। कोई हड्डियों के लिए, कोई इम्यूनिटी के लिए, कोई त्वचा के लिए, कोई खून के लिए तो कोई मांसपेशियों के लिए जरूरी है। अखरोट, मछली, पालक व कई अन्य चीजों में विटामिन पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है।

  • फाइबर - फाइबर युक्त आहार का सेवन हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत आवश्यक है और यह संतुलित आहार का एक मुख्य हिस्सा है। एक व्यक्ति को अपने आहार में कितना फाइबर लेना चाहिए, यह उसकी उम्र पर निर्भर करता है। फाइबर के सेवन से हम कई तरह के खासकर पेट की परेशानी, कब्ज व हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं।

  • फैट व शुगर - फैट व शुगर अधिक मात्रा में लिया जाए तो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है लेकिन इसकी सही मात्रा का यदि सेवन किया जाए तो यह शरीर को काफी फायदा भी पहुंचाता है। इसके लिए एक सही मात्रा में फैट और शुगर को अपने भोजन में शामिल करें और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।

  • फल - स्वस्थ शरीर पाने के लिए फलों को अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए। इससे न हमें सिर्फ जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं बल्कि यह आसानी से पच भी जाते हैं। जब अचानक किसी को कुछ खाने का मन हो तो वह अपनी छोटी भूख को शांत करने के लिए फलों को स्नैक्स की तरह भी खा सकते हैं। अगर आप फल नहीं खाना पसंद करते तो आप इनके जूस को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

  • हरी सब्जियां - शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए सब्जियों का सेवन बहुत ही अच्छा होता है संतुलित आहार के रूप में अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, धनिया, साग आदि शामिल करें। इसके अलावा गाजर, बींस, खीरे, ककड़ी और भी कई अन्य सब्जियों को डाइट में शामिल कर सकते हैं। आप सब्जियों का सूप बनाकर भी पी सकते हैं।

  • पानी - पानी भी हेल्दी डाइट चार्ट का मुख्य तत्व है क्योंकि कम पानी पीना अपने शरीर में बीमारियों को न्योता देना है। इसलिए संतुलित आहार के साथ-साथ उचित मात्रा में पानी पीना भी बहुत जरूरी है। खुद को हमेशा हाइड्रेट रखने के लिए और बीमारियों से दूर रहने के लिए आपको उचित मात्रा में पानी पीना चाहिए। हर रोज कम से कम 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पीएं।


  • महिलाओं के लिए डाइट चार्ट - Healthy Diet Chart for Women in Hindi

     

    महिलाओं की पोषक संबंधी जरूरतें पुरुषों से अलग होती हैं। महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म के कारण पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा आयरन की जरूरत होती है इसलिए महिलाओं को हेल्दी डाइट के रूप में इन खाद्य पदार्थों का जरूर सेवन करना चाहिए।

     

    healthy diet  for women

     

    1. महिलाओं को नाश्ते में प्रोटीन से भरपूर आहार लेना चाहिए।
    2. ब्रेड, दलिया या फिर अंकुरित अनाज का सेवन करना चाहिए।
    3. मौसमी फलों के साथ दूध भी नाश्ते में ले सकते हैं।
    4. दिन का भोजन प्रोटीन और वसा से भरपूर होना चाहिए।
    5. दोपहर के खाने में दो रोटी, एक कटोरी चावल, दाल, सब्जी, सलाद, एक कटोरी दही का सेवन अवश्य करें।
    6. शाम के वक्त स्नैक्स के तौर पर ग्रीन टी, जूस, फल या नट्स ले सकते हैं।
    7. रात का भोजन दिन के मुकाबले हल्का होना चाहिए।
    8. हल्का खाना लिस्ट इस प्रकार है- रात में आप आप दो रोटी, सब्जी, सलाद, एक कटोरी दाल ले सकते हैं।
    9. रात में सोने से पहले एक गिलास दूध जरूर पीएं।

     

    शाकाहारी डाइट चार्ट - Diet Plan for Vegetarian in Hindi

    आयुर्वेद में भोजन को तीन श्रेणियों में बांटा गया है सात्विक, राजसिक और तामसिक। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं-

     

    1. तामसिक भोजन - तामसिक भोजन में मांस, मछली, अंडे, मादक पदार्थ व बासी भोजन शामिल है।  यह व्यक्ति को आलसी और सुस्त बनाते हैं।

     

    2. राजसिक भोजन - राजसिक भोजन तीखा व बहुत अधिक चटपटा होता है। यह व्यक्ति को अशांत और आक्रामक बनाता है।

     

    3. सात्विक भोजन - सात्विक भोजन पूरी तरह से शाकाहारी होता है। इसमें पूर्ण भोज्य सामग्री अनाज, शाक-सब्जी, दालें, फल, मेवे, बीज, दूध और दूध से बने पदार्थ शामिल होते हैं।

     

    भोजन से न केवल हमें ऊर्जा मिलती है बल्कि शरीर को स्वस्थ व बलवान रखने का यह काम भी भोजन करता है। इससे मस्तिष्क का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। सात्विक एवं शाकाहारी भोजन को हमेशा से अच्छा माना गया है और शाकाहारी भोजन को मानव शरीर के अनुकूल माना जाता है। शाकाहारी भोजन शरीर और मन को शांत एवं संतुलित रखने में मदद करता है। शाकाहारी भोजन आपके शरीर को स्वच्छ और शुद्ध रखता है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है इसलिए शाकारी भोजन ही व्यक्ति के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। आइए शाकाहारी डाइट चार्ट के बारे में जानते हैं-

     

    1. सुबह नाश्ते में एक कप दूध के साथ आप पोहा, बिस्किट, सूजी का उपमा, दलिया, अंकुरित अनाज या कोई एक मौसमी फल ले सकते हैं।
    2. दिन के भोजन में आप एक-दो पतली रोटी, एक कटोरी चावल, एक कटोरी हरी सब्जी और साथ में एक गिलास छाछ/ मट्ठा या एक कटोरी दही भी ले सकते हैं।
    3. शाम के नाश्ते में आप फलों का सलाद या एक कटोरी सब्जियों का सूप ले सकते हैं।
    4. रात के भोजन में एक-दो पतली रोटी, एक कटोरी हरी सब्जी, एक कटोरी मूंग दाल।
    5. रात को सोते समय हल्का गर्म दूध पी सकते हैं। 

     

    प्रोटीन से भरपूर सत्तू - Protein Rich Sattu

     

    यदि आप अपनी डाइट में शामिल करने के लिए प्रोटीन का कोई सस्ता विकल्प ढूंढ रहे हैं तो आप सत्तू का सेवन कर सकते हैं। यह यूपी, झारखंड, बिहार, बंगाल, जैसे राज्यों में काफी फेमस है। सत्तू में प्रोटीन की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती हैं और यह बहुत सस्ता भी होता है इसलिए इसे गरीबों का प्रोटीन भी कहा जाता है। इसके अलावा सत्तू में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो शरीर के टिशू को रिपेयर करने का काम करते हैं। सत्तू में कार्बोहाइड्रेट भी होता है जो हमारे शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करता है। सत्तू के लिए यह कह सकते हैं कि सत्तू एनर्जी का पावर हाउस है। आइए जानते हैं सत्तू कैसे बनाते हैं?

     

    Protein Rich Sattu

     

    आजकल मार्केट में आसानी से बना हुआ सत्तू मिल जाता है लेकिन अगर आप इसे घर पर खुद से बनाना चाहते हैं तो आप काबुली चना (छोले) को कढ़ाई में सुखाकर बिना किसी तेल के भूनकर उसे मिक्सर ग्राइंडर में पीसकर उसका आटा तैयार कर सकते हैं या फिर लाल चने को भूनकर पीसकर उसका आटा भी बना सकते हैं। दोनों ही सत्तू कहलाते हैं। 100 ग्राम सत्तू में 356 कैलोरीज और 20 ग्राम प्रोटीन होता है और फाइबर भी 10 ग्राम होता है। इसके इन्हीं गुणों के कारण इसे सुपरफूड कहा जाता है। 

     

    सत्तू के फायदे और नुकसान - Benefits & Side Effects of Sattu

     

    हर चीज के फायदे और नुकसान होते हैं ऐसे ही सत्तू के भी कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं-

     

    सत्तू के फायदे - Benefits of Sattu in Hindi

     

    1. डायबिटीज के मरीजों के लिए सत्तू बहुत फायदेमंद है क्योंकि सत्तू के रोजाना सेवन से शरीर में ग्लूकोज का अवशोषण कम होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। बस डायबिटीज मरीजों को सत्तू में चीनी मिलाकर नहीं पीना चाहिए।

     

    2. एक कप सत्तू में 10 ग्राम फाइबर होता है फाइबर की अधिक मात्रा के कारण सत्तू पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। इसमें मौजूद फाइबर और आयरन जैसे तत्वों के कारण पेट साफ रहता है। पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है।

     

    3. सत्तू में 20 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है और इसमें फाइबर भी होता है। यही कारण है कि यह वजन घटाने में काफी मददगार है। इससे आपको बहुत देर तक भूख नहीं लगती है और काफी समय तक आप पेट भरा हुआ महसूस करते हैं। यह आपके मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है और कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है।

     

    4. गर्मी में यदि लू लग जाए तो आप सत्तू का सेवन कर सकते हैं। सत्तू की तासीर ठंडी होती है इसलिए गर्मी में शरीर को अंदर तक ठंडा रखता है। यदि तेज धूप की वजह से आप थकान महसूस करें तो तुरंत एनर्जी के लिए सत्तू पी सकते हैं।

     

    5. यदि सत्तू का सुबह खाली पेट सेवन किया जाए तो यह आपकी भूख बढ़ा सकता है इसमें पोटेशियम मैग्नीशियम के अलावा कई ऐसे तत्व मौजूद हैं जिनसे भूख बढ़ाने में मदद मिलती है।


    6. सत्तू कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है क्योंकि इसमें फाइबर अधिक होता है जो खून में फैट के लेवल को  बेहतर बनाने में मदद करता है।

     

    सत्तू के नुकसान - Side Effects of Sattu in Hindi

     

    1. सत्तू का अधिक मात्रा में सेवन पेट में गैस की समस्या पैदा कर सकता है इसलिए जिन लोगों को गैस की समस्या रहती है उन्हें तो सत्तू का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए।
    2. गर्मियों में लगने वाली लू या डिहाइड्रेशन जैसी समस्या में सत्तू बहुत फायदेमंद है लेकिन बारिश के मौसम में सत्तू का सेवन कम करना चाहिए।
    3. जिन लोगों को चने से एलर्जी हो उन्हें सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।
    4. जिन लोगों को पथरी की समस्या है उन्हें भी सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।

     

    सत्तू खाने का तरीका - How to Eat Sattu

     

    सत्तू खाने में न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत ही लाभदायक है। इसका सेवन हमें कई तरह की बीमारियों से दूर रखता है। सत्तू अपने आप में कंप्लीट डाइट है। इसे सुबह नाश्ते में, दोपहर के खाने में या रात के खाने में कभी भी खाया जा सकता है। लेकिन यदि आप इसे सुबह खाली पेट खाते हैं तो यह बहुत ही फायदेमंद होता है। आइए सत्तू खाने के तरीकों के बारे में जानते हैं -

    1. सत्तू को आप पानी में घोलकर पी सकते हैं।
    2. आप इसमें चीनी और नींबू मिलाकर शरबत बनाकर भी पी सकते हैं।
    3. यदि मीठा पसंद नहीं है तो आप सत्तू में जीरा और नमक मिलाकर भी पी सकते हैं।
    4. आप सत्तू के लड्डू बनाकर भी खा सकते हैं।

     

    Namhya से खरीदें इंस्टेंट ब्रेकफ़ास्ट विद सत्तू

     

    यदि आप भी प्रोटीन का कोई आसान विकल्प ढूंढ रहे हैं तो आप Namhya का इंस्टेंट ब्रेकफास्ट विद सत्तू का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनका यह प्रोडक्ट 100% नेचुरल है और अपने आप में एक कंप्लीट मील है। यह सत्तू पाउडर प्राकृतिक प्रोटीन की अच्छाइयों से भरा हुआ है और इसमें दिन की शुरुआत के लिए कार्ब्स, प्रोटीन और वसा का एक सही संतुलन है। इसमें नट्स और सत्तू के अलावा कोई प्रिजर्वेटिव्स नहीं है। इसे आप बड़ी आसानी से झटपट अपने सुबह की भागदौड़ के बीच तैयार कर सकते हैं।

     

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    इसे तैयार करने के लिए आप आधा कप पानी या दूध में दो-तीन चम्मच सत्तू पाउडर के मिलाएं। इसे पीकर एक हेल्थी दिन की शुरुआत करें। यह उन लोगों के लिए तो बेहद फायदेमंद है जो यह कहते हैं कि हमारे पास नाश्ते के लिए समय नहीं है। जब आप इस प्रोडक्ट को इस्तेमाल करेंगे तो आप कभी यह नहीं कह पाएंगे कि नाश्ते के लिए समय नहीं है क्योंकि यह झटपट बनने वाला एक सुपरफूड है। तो जल्द ही Namhya के इस प्रोडक्ट को उनकी वेबसाइट से घर बैठे ऑर्डर करें और इस सुपरफूड को अपने डाइट चार्ट में शामिल करें।

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    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.