आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में असंतुलित खानपान के चलते लोग दिल से जुड़ी बीमारियों का तेजी से शिकार हो रहे हैं। इन दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण दिखने पर यदि सही कदम ना उठाएं जाएं तो हमें कई जोखिमों का सामना भी करना पड़ सकता है। दिल से जुड़ी बीमारियों में हार्ट ब्लॉकेज की समस्या भी एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। इसमें दिल की धड़कन बहुत धीरे-धीरे चलने लगती हैं। हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन ज्यादातर यह 30 वर्ष की उम्र के बाद के लोगों में ज्यादा देखी जाती हैं। आज इस लेख में हम हार्ट में ब्लॉकेज के बारे में चर्चा करेंगे और इसके लक्षण और कारणों का भी पता लगाएंगे।
सबसे पहले जानते हैं हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है? खराब जीवनशैली और गलत खानपान से यह हार्ट ब्लॉकेज की समस्या पैदा होती है। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में दिल की धड़कन कम हो जाती है और शरीर में ब्लड को हार्ट द्वारा पंप करने की जो प्रक्रिया होती है वह बहुत ही ज्यादा धीमी हो जाती है। हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण दिखने पर भी अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो मरीज को कार्डियक अरेस्ट भी हो सकता है। हार्ट अटैक की समस्या भी इसी हार्ट ब्लॉकेज के कारण होती हैं। हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों का पता लगाकर हार्ट ब्लॉकेज ट्रीटमेंट समय पर होना बेहद जरूरी है।
अक्सर लोगों को पता नहीं होता कि हार्ट ब्लॉकेज क्या है? हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को मेडिकल भाषा में कंडक्शन डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है। हार्ट ब्लॉकेज हृदय में इलेक्ट्रिक संकेतों से जुड़ी एक समस्या होती है। यह इलेक्ट्रिकल सिग्नल दिल की धड़कनों की वजह से बनते हैं और हृदय की गति को नियंत्रित करने का काम करते हैं। यह सिग्नल हृदय को पूरे शरीर में रक्त पहुंचाने की प्रक्रिया में भी मदद करते हैं। हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या तब उत्पन्न होती है जब ह्रदय के ऊपरी भाग एट्रियल में से यह इलेक्ट्रिक सिग्नल हृदय के निचले भाग वेंट्रिकल्स तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाते। इसी समस्या को हार्ट ब्लॉकेज की बीमारी कहा जाता है।
हार्ट ब्लॉकेज के प्रकार
हार्ट ब्लॉकेज तीन प्रकार की होती हैं। जो इस प्रकार है-
सिनोएट्रियल नोड ब्लॉक - सिनोएट्रियल नोड हृदय का वह मुख्य भाग है जो एक प्राकृतिक पेसमेकर की तरह काम करता है। यह इलेक्ट्रिकल सिग्नल पैदा करके हृदय को गति करने के लिए प्रेरित करता है। किसी वजह से जब यह हिस्सा प्रभावित होता है और हृदय को सही सिग्नल नहीं दे पाता है तो इसे सिनोएट्रियल नोड ब्लॉक कहा जाता है।
एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड ब्लॉक - एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड ब्लॉक वह स्थिति है जब ह्रदय में पैदा होने वाले इलेक्ट्रिकल संकेत की गति या तो बहुत धीमी हो जाती है या फिर यह संकेत हृदय के ऊपरी भाग एट्रियल से निचले भाग वेंट्रीकल्स तक नहीं पहुंच पाते हैं।
बंडल ब्रांचेज़ ब्लॉक - बंडल ब्रांचेज़ ब्लॉक के दो प्रकार है जो हृदय के निचले दाएं और बाएं हिस्से से संबंधित हैं।
(i) राइट बंडल ब्लॉक - यह स्थिति हृदय की मांसपेशियों में ठीक से रक्त प्रवाह ना होने की वजह से पैदा होती है।
(ii) लेफ्ट बंडल ब्लॉक - हृदय की मांसपेशियों में चोट लगने के कारण या अन्य किसी क्षति के कारण यह स्थिति पैदा होती है।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण
हार्ट ब्लॉकेज के कारणों का पता होना बेहद जरूरी है ताकि इन कारणों पर गौर करके हम हार्ट ब्लॉकेज की इस परेशानी से बच सके। आइए इन कारणों पर नजर डालें -
- हृदय से संबंधित रोग
- दवाओं का साइड इफेक्ट
- हार्ट सर्जरी
- जन्मजात हार्ट ब्लॉकेज
- संक्रमण
हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण
आज के समय की आधुनिक जीवनशैली हार्ट में ब्लॉकेज जैसी परेशानी का मुख्य कारण है। यही जीवनशैली कई अन्य बीमारियों का भी कारण बनती है जैसे; मधुमेह, बीपी, हार्ट अटैक, आदि। यदि हमें इन सब बीमारियों से बचना है तो अपने स्वास्थ्य को लेकर हमें सतर्क रहना होगा और बीमारी को उसके शुरुआती लक्षणों से पकड़ना होगा। यदि ऐसा किया जाए तो इन बीमारियों के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या के भी महीनों पहले लक्षण दिखने लगते हैं। यदि आप हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण को समय पर पहचान लें, तो इसका सही समय पर उपचार कर सकते हैं। आइए जानें हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण इन हिंदी -
थकान व कमजोरी - हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में आपको शारीरिक थकान व कमजोरी महसूस होती है। बिना कोई काम किए भी आप बहुत थका हुआ महसूस करते हैं। दरअसल हृदय की धमनियां कोलेस्ट्रॉल के कारण बंद हो जाती हैं या सिकुड़ जाती हैं जिससे दिल को अपने काम करने में काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिसका नतीजा यह होता है कि आपका शरीर हमेशा थका हुआ रहता है। इस स्थिति में रात को गहरी नींद सोने के बाद भी आप सुबह उठकर फ्रेश महसूस नहीं करते। आपको पूरे दिन आलस और थकान महसूस होती रहती है।
सांस लेने में तकलीफ होना - यदि आपको सांस संबंधी कोई परेशानी नहीं है लेकिन फिर भी कुछ दिनों से आप महसूस कर रहे हैं कि आप को सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो आपको हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या हो सकती हैं। जब हमारा दिल अपना काम सही तरीके से नहीं करता है तो फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाता है और इसी कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगती हैं। अगर आप भी ऐसी तकलीफ महसूस कर रहे हैं तो तुरंत किसी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें ताकि आप समय रहते हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थिति से बच सकें।
चक्कर आना - जब आपका दिल कमजोर होने लगता है तो रक्त संचार प्रभावित हो जाता है जिससे दिमाग को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसका नतीजा यह होता है कि आपको चक्कर आने लगते हैं।
पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन आना - जब दिल को शरीर के और अंगों में रक्त पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है तब शरीर में मौजूद शिराएं फूल जाती हैं और उन में सूजन आ जाती है। खासतौर पर यह सूजन पैर के पंजों में या फिर टखनों पर जल्दी नजर आती है। यह सूजन शरीर के किसी हिस्से में आ सकती है।
हमेशा सर्दी जुखाम रहना - अगर आप लंबे समय से सर्दी जुखाम से संक्रमित हैं तो यह भी आपके हार्ट ब्लॉकेज का एक लक्षण है। जब दिल शरीर के आंतरिक अंगों में रक्त संचार के लिए ज्यादा मेहनत करता है तब फेफड़ों में रक्त की संभावना बढ़ जाती है। यदि कफ के साथ सफेद या गुलाबी रंग का बलगम निकलता है तो इसका कारण फेफड़ों में रक्त स्रावित होना हो सकता है।
हार्ट ब्लॉकेज के आसान घरेलू उपाय
यदि आप ऊपर बताए गए हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों में से किसी एक भी लक्षण को महसूस करते हैं तो तुरंत संभल जाएँ। अपने हार्ट ब्लॉकेज की समस्या का समय रहते इलाज करें। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या का आप कुछ आयुर्वेदिक तरीकों से भी इलाज कर सकते हैं। हार्ट ब्लॉकेज का होम्योपैथिक इलाज भी किया जा सकता है। आज हम यहां कुछ ऐसे ही घरेलू उपायों से हार्ट ब्लॉकेज की बीमारी के निदान के बारे में जानेंगे।
अदरक - अदरक में एंटी इंफ्लेमेटरी और हाइपोलिपिडेमिक तत्व पाए जाते हैं जो हृदय संबंधित रोगों को दूर करने में सहायक होते हैं। यह तत्व रक्त संचार में भी सहायक होते हैं साथ ही धमनियों में रुकावट जैसी समस्या से भी राहत पहुंचाने का काम करते हैं। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में अदरक का इस्तेमाल आपके लिए उपयोगी हो सकता है। अदरक के टुकड़े को एक कप पानी में थोड़ी देर डालकर उबालें। ठंडा हो जाने पर छानकर इसका सेवन करें।
हल्दी - हल्दी को हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू इलाज के एक कारगर उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटी- थ्रोम्बोटिक गुण होते हैं जो हृदय को सुरक्षित रखते हैं साथ ही हार्ट ब्लॉकेज को कम करने में भी आपकी मदद करते हैं। इसके लिए आप एक कप दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर गर्म करें। अब इस हल्दी वाले दूध का सेवन करें। यह हार्ट ब्लॉकेज के इलाज में आपको मदद करेगा।
दालचीनी - दालचीनी हार्ट ब्लॉकेज खोलने के उपाय में से एक है। एक अध्ययन में पाया गया कि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव पाए जाते हैं साथ ही यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाता है। यह हृदय तक रक्त प्रवाह को बनाए रखने में भी मदद करता है इसलिए इसे हार्ट ब्लॉकेज का अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है। आप दालचीनी के पाउडर को शहद में मिलाकर पेस्ट बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
अंगूर - फलों का इस्तेमाल सेहत के लिए फायदेमंद होता है। अंगूर इसका अपवाद नहीं है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और खास प्रकार के फाइटोकेमिकल्स हृदय को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। एक रिसर्च में पाया गया है कि धमनियों में होने वाली रुकावट को दूर करने में अंगूर बहुत फायदेमंद होता है। धमनियों में रुकावट हार्ट ब्लॉकेज का एक मुख्य कारण है इसलिए यह कहना सही होगा कि हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को कम करने में अंगूर आपकी मदद कर सकता है। आप दिनभर में 50 से 100 ग्राम अंगूर का सेवन कर सकते हैं।
इलायची - इलायची का इस्तेमाल हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक है। इसमें पाए जाने वाले कार्डियोटोनिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय को सुरक्षित रखते हैं। यह गुण हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को भी दूर करने में आपकी मदद करते हैं। आपको बता दें कि कार्डियोटोनिक दवा का इस्तेमाल दिल की मांसपेशियों की गति को बेहतर करने के लिए किया जाता है और यह गुण इलायची में मौजूद है इसलिए इलायची का सेवन हार्ट ब्लॉकेज में फायदेमंद है। आप अर्जुन की छाल के पाउडर का काढ़ा बनाकर उस काढ़े में इलायची डालें और फिर इसे पीएं। हफ्ते में तीन से चार बार आप इस काढ़े का इस्तेमाल जरूर करें।
अनार - अनार का जूस हृदय की धमनियों को लचीला रखने और रक्त वाहिकाओं में आई सूजन को कम करने में मदद करता है। इसे आर्टरी वाल्स में जमने वाले फैट को कम करने के लिए भी जाना जाता है जो हृदय रोगों का प्रमुख कारण है। यह धमनियों के जोखिम को कम कर सकता है। यह हृदय और मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बनाए रखता है जिससे हार्ट ब्लॉकेज का खतरा दूर होता है। हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू उपायों में अनार एक बेहतर उपाय है। आप रोज एक गिलास अनार के ताजा जूस का सेवन करें।
लहसुन - लहसुन के प्रयोग से उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है जिसका सीधा फायदा हमारे हृदय को होता है। हार्ट ब्लॉकेज के जोखिम को कम करने में भी लहसुन मदद करता है। आप इसे हार्ट ब्लॉकेज को कम करने के घरेलू उपाय के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। एक कप दूध में दो या तीन लहसुन की कलियों को थोड़ी देर उबालें। इस दूध को ठंडा होने के बाद छानकर पी लें। इसका इस्तेमाल आप रोज करें। भोजन बनाने में भी लहसुन का इस्तेमाल करें।
अर्जुन की छाल फॉर हार्ट ब्लॉकेज - अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज के लिए बहुत उपयोगी माना गया है। हृदय रोगों के लिए तो यह एक रामबाण इलाज है। अर्जुन की छाल बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती हैं और हृदय को उसके कार्य सुचारु रूप से करने में सक्षम बनाती है। एक शोध में पाया गया है कि हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों की रुकावट को भी दूर करने में अर्जुन की छाल बहुत सहायक है।
इसी तरह हार्ट में ब्लॉकेज के उपाय के तौर पर अर्जुन की छाल को उपयोगी माना जा सकता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में अर्जुन की छाल का पाउडर डालें और इसे उबालें। जब यह पानी अच्छी तरह से उबल जाए और आधा गिलास रह जाए, तो इसे ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा हो जाने के बाद इस पानी को पीएं। इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो से तीन बार जरूर दोहराएं। यह आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है।
तुलसी - तुलसी को दवा के रूप में हर घर में इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी में तनाव दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव से दिल से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। यदि आप तुलसी का इस्तेमाल करते हैं तो आप हार्ट अटैक जैसी समस्या से अपना बचाव कर सकते हैं। एक कप पानी में तुलसी के पत्तों को उबालें, फिर उसमें शहद और नींबू का रस मिक्स कर दें। थोड़ा ठंडा होने के बाद इस पानी को पीएं।
नींबू - हृदय रोग का एक कारक कोलेस्ट्रॉल है और नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने का काम करता है। वही नींबू में मौजूद फ्लेवोनॉयड सीधे तौर पर धमनियों में जमे फैट को कम करने में भी सहायक है। इस आधार पर हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में नींबू को सहायक माना जा सकता है। एक गिलास पानी में नींबू का रस, एक चम्मच शहद, एक चम्मच काली मिर्च पाउडर को मिलाकर गर्म करें। कुछ देर के बाद पानी को ठंडा होने के लिए रख दें। उसके बाद इस पानी का सेवन करें। दिन में एक से दो बार, आप इस पानी को पी सकते हैं।
पीपल - पीपल को आयुर्वेदिक और यूनानी औषधि के रूप में कई बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पीपल के पत्ते और छाल से दिल की बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। पीपल के पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटी ऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं जो हृदय स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। पीपल की छाल का उपयोग आप हृदय की कार्य क्षमता को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं साथ ही हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में भी यह कारगर है। 15 से 20 पीपल के पत्तों को अच्छे से धो लें उन्हें आगे और पीछे से थोड़ा काट लें। अब एक बर्तन में पानी को गर्म करें और उसमें पत्ते डाल दें। कुछ समय तक पानी को गर्म करें और उस पानी को थोड़ी देर बाद ठंडा करके पीएं। हफ्ते में तीन से चार बार इस पानी का सेवन करें। यह आपकी ब्लॉकेज की समस्या से आप को निजात दिला सकता है।
हार्ट में ब्लॉकेज होने पर कैसा हो खानपान
जाने-अनजाने हम कुछ ऐसी चीजों को खाकर अपने स्वास्थ्य के साथ छेड़छाड़ कर लेते हैं जिससे हम अपनी परेशानियों को और भी ज्यादा बढ़ा लेते हैं। चलिए आज इसी विषय पर बात करते हैं कि हार्ट ब्लॉकेज में हमारा खान-पान कैसा होना चाहिए। हार्ट ब्लॉकेज में हृदय को स्वस्थ रखने वाली चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे हम अपनी इस बीमारी को नियंत्रित रख पाएं। तो आइए जानते है हार्ट ब्लॉकेज में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
क्या खाएं
फल व सब्जियां - जितना हो सके ताजे फल और ताजी सब्जियों का सेवन करें। यह आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
साबुत अनाज - साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करें जैसे; गेहूं, चावल, जौ, मकई, राई, बाजरा, आदि।
डेयरी उत्पाद - हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में आप डेयरी उत्पाद का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन कम वसा वाले दूध और दही का ही सेवन करें।
सूखे मेवे और फलियां - सूखे मेवे जैसे बादाम और अखरोट को अपनी डाइट में शामिल करें और साथ ही फलियों में बींस का सेवन करें।
क्या ना खाएं
नमक- हार्ट के मरीजों को नमक का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। नमक का सेवन ज्यादा करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिसके कारण हार्ट अटैक आने का खतरा भी बढ़ सकता है इसलिए नमक का सेवन कम करें।
मीठी चीजें - कुछ लोग मीठे के शौकीन होते हैं लेकिन ज्यादा मीठा सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। खासकर दिल के मरीजों के लिए यह खतरा पैदा कर सकता है। इसलिए जितना हो सके अपने दिल के स्वास्थ्य के लिए मीठे से परहेज करें।
मैदा - मैदा से बनी चीजें खाने में तो स्वादिष्ट लगती हैं पर सेहत के लिए यह काफी नुकसानदायक होती हैं। दिल के मरीजों के लिए ज्यादा मैदा शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है इसलिए मैदा से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है। हार्ट में ब्लॉकेज हो तो मैदे से दूरी बनाकर रखें।
अंडे की जर्दी - अंडा वैसे तो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है लेकिन हार्ट पेशेंट के लिए अंडे की जर्दी का सेवन सही नहीं है। अंडे की जर्दी सैचुरेटेड फैट से भरपूर होती है और अंडा दिल की बीमारी का खतरा भी पैदा करता है। इसलिए दिल के मरीजों को अंडे की जर्दी का सेवन नहीं करना चाहिए।
हार्ट ब्लॉकेज से बचाव के तरीके
हृदय के स्वास्थ्य के लिए आपकी दिनचर्या बहुत महत्व रखती है इसलिए अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर आप अपने हृदय को स्वस्थ रखने में अपनी खुद की मदद कर सकते हैं। नीचे दिए गए तरीकों को अपना कर अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूर करें।
व्यायाम - हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को ठीक करने के लिए आप व्यायाम का सहारा ले सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो आप अपना वजन संतुलित रख सकते हैं। संतुलित वजन हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आप हार्ट ब्लॉकेज के लिए योग का सहारा भी ले सकते हैं। योग भी दिल को स्वस्थ रखने में बहुत बड़ा योगदान देता है। योग करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का बहाव सही रहता है, हृदय के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है साथ ही तनाव भी दूर रहता है।
धूम्रपान ना करें - दिल के मरीजों के लिए धूम्रपान बहुत ही हानिकारक है। धूम्रपान करना ह्रदय रोगों को बढ़ाने जैसा है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है साथ ही रक्त में ऑक्सीजन कोशिकाओं की कमी होने लगती हैं जिससे हृदय के लिए अपना काम करना बहुत मुश्किल हो जाता है। यदि आप हार्ट ब्लॉकेज से पीड़ित हैं तो तुरंत सिगरेट पीना छोड़ दें ताकि आप अपने हृदय को जोखिम से बचा सकें।
उचित खानपान - हार्ट ब्लॉकेज के मरीजों को कम वसा वाला व कम कैलोरी वाला भोजन खाना चाहिए। यदि आप सही समय पर सही तरीके से भोजन करें तो आप हार्ट ब्लॉकेज की समस्या से निजात पा सकते हैं।
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