दालचीनी के फायदे, नुकसान और उसके औषधीय उपयोग

दालचीनी एक ऐसा मसाला है जो हम सभी के घरों में आसानी से मिल जाता है। इस मसाले का इस्तेमाल ना केवल खाने में स्वाद को बढ़ाने के लिए बल्कि एक औषधि के रूप में भी किया जाता है। आयुर्वेद में दालचीनी को बहुत ही फायदेमंद औषधि के रूप में जाना जाता है।

 

आयुर्वेद के अनुसार दालचीनी के फायदे कई रोगों के इलाज में देखे जा सकते हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है कि दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी डायबिटिक और रोगाणुरोधी गुण होते हैं और ये गुण अन्य स्थितियों के बीच कैंसर और हृदय रोग से सुरक्षा कर सकते हैं। आज इस लेख में हम इसी दालचीनी के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे।

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दालचीनी का वैज्ञानिक नाम सिनामोमम ज़ेलेनिकम है। इसे अंग्रेजी में सिनेमन कहते हैं। दालचीनी वह मसाला है जो सिनामोमम परिवार के पेड़ों की शाखाओं से आता है। यह कैरीबियन, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में शुरुआत से ही पाया जाता है। यह बाद में भारत आया और फिर एक मसाले के रूप में और औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।

 

दालचीनी के पेड़ के तने को काटकर दालचीनी बनाई जाती हैं फिर अंदर की छाल को निकाला जाता है और लकड़ी के हिस्सों को हटा दिया जाता है। जब यह छाल सूख जाती है तो यह स्ट्रिप्स बन जाती है जो रोल हो जाती है, जिसे दालचीनी की छड़े कहा जाता है। इन्हीं छड़ों को पीसकर दालचीनी पाउडर बनाया जाता है। आइए अब दालचीनी के प्रकार के बारे में जानते हैं।

 

दालचीनी चार प्रकार की होती हैं जो इस प्रकार हैं-

  1. ट्रू दालचीनी व सीलोन दालचीनी या मैक्सिकन दालचीनी
  2. इंडोनेशियन दालचीनी
  3. वियतनामीज़ दालचीनी
  4. कैसिया दालचीनी या चाइनीज दालचीनी

इन चारों दालचीनी में से सीलोन दालचीनी को सबसे अच्छा माना जाता है। यह बहुत महंगी होती है लेकिन महंगी होने के बावजूद भी लोग इस दालचीनी को इसके गुणों और स्वाद के कारण खरीदना पसंद करते हैं।

 

दालचीनी के औषधीय उपयोग

आयुर्वेद के अनुसार दालचीनी के सेवन से अनेकों समस्याओं से आप राहत पा सकते हैं जैसे पाचन तंत्र संबंधी, डायबिटीज, चर्म रोग, हृदय रोग, महिलाओं और पुरुषों की समस्याएं आदि। आइए इन्हीं दालचीनी के फायदे के बारे में जानते हैं ताकि इन्हें जानकर आप भी इसका इस्तेमाल कर इसका लाभ उठा सकें।

 

  • डायबिटीज में फायदेमंद है दालचीनी - दालचीनी के इस्तेमाल से आप डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। मधुमेह के मरीज अगर दालचीनी को अपनी डाइट में शामिल करें तो मधुमेह को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। दरअसल इसमें एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते हैं साथ ही एक रिसर्च में पाया गया कि दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनॉल सिरम ग्लूकोस और इंसुलिन को कम करके डायबिटीज के खतरे से बचाव कर सकते हैं। दालचीनी डाइजेस्टिव एंजाइमों में जरूरी बदलाव कर देती है जिससे कार्बोहाइड्रेट्स की अवशोषण प्रक्रिया कम हो जाती है, ब्लड शुगर का स्तर कम हो जाता है।
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    अगर आप जानना चाहते हैं कि शुगर में दालचीनी कैसे खाएं? तो आपको बता दें कि आप यदि शुगर के मरीज हैं तो आप 1 लीटर पानी में 3 चम्मच दालचीनी पाउडर को 20 मिनट तक उबाल लें। अब इस पानी को ठंडा करके दिनभर इसका इस्तेमाल करें। इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रित रहेगा। इसके अलावा आप रोजाना सुबह-शाम दो कप दालचीनी की चाय का सेवन भी कर सकते हैं।

  • मस्तिष्क स्वास्थ्य करें बेहतर दालचीनी - दालचीनी के उपयोग से आप अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रख सकते हैं। दालचीनी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके मस्तिष्क को स्वस्थ बनाने में मदद करती हैं। दालचीनी आपकी याददाश्त को बढ़ा सकती है साथ ही यह आपके सीखने की क्षमता में भी वृद्धि करती है। दालचीनी में फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं जो ग्लूकोज का उपयोग करने की दिमाग की क्षमता को बढ़ाते हैं।
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    यह अल्जाइमर जैसे रोग की वजह से दिमाग में होने वाले बदलावों को भी नियंत्रित कर सकती हैं। इसके साथ ही दालचीनी पार्किंसन रोग के जोखिम से बचाव में कुछ हद तक सहायक है। दालचीनी में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो मस्तिष्क में हानिकारक प्रोटीन बनने से रोकते हैं। यह हानिकारक प्रोटीन मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं को नष्ट कर सकते हैं जिससे अल्जाइमर और पार्किंसन जैसे रोग होने का खतरा बढ़ सकता है।

  • पुरुषों के लिए लाभकारी है दालचीनी - दालचीनी एक बेहद गुणकारी औषधि है। दालचीनी के फायदे पुरुषों के लिए भी देखे जा सकते हैं। दालचीनी का सेवन करने से पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या दूर होती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या ज्यादा अल्कोहल का इस्तेमाल करने से होती है। यह हार्मोन में बदलाव के कारण भी हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए पुरुष दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने के लिए भी आप दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप दालचीनी को एक घरेलू नुस्खे के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
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    इसके सेवन के लिए आप सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ दालचीनी पाउडर का इस्तेमाल करें। अगर रोजाना एक गिलास दूध में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर पिया जाए तो यह पुरुषों में ताकत बढ़ाता है और एनर्जी को भी बनाए रखता है। दालचीनी के पाउडर को पीसकर आप दूध या गुनगुने पानी दोनों के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसका इस्तेमाल सब्जी में भी कर सकते हैं या आप दालचीनी की चाय का सेवन कर सकते हैं।

  • महिलाओं की सेहत में लाए सुधार दालचीनी - दालचीनी एक ऐसा मसाला है जो कई औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीज, कॉपर, जिंक, विटामिंस, लाइकोपिन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व शरीर के लिए जरूरी हैं। महिलाओं के लिए दालचीनी के फायदे काफी देखे जा सकते हैं। महिलाओं में पीसीओएस की समस्या काफी आम है। हार्मोनल चेंज की वजह से सिस्ट छोटी होने के साथ ओवरी का साइज बढ़ जाता है जिस वजह से अनियमित पीरियड्स, शरीर पर अधिक बाल आना और मुहांसों की दिक्कत हो जाती है। इन परेशानियों के लिए आप दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व आपके अनियमित पीरियड और मुहांसों की समस्या से आपको राहत दिला सकते हैं।
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    मेनोपॉज के दौरान भी महिलाओं को बहुत तेज दर्द और कई तरह की समस्याएं होती हैं साथ ही साथ मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन जैसी परेशानियों से भी जूझना पड़ता है। इन्हें दूर करने के लिए आप दालचीनी और शहद का सेवन कर सकती हैं। पीरियड्स के दौरान भी महिलाओं को तेज दर्द और पेट दर्द जैसी परेशानियां झेलनी पड़ती है। ऐसे में दालचीनी में मौजूद फाइबर, पोटेशियम और अन्य पोषक तत्व इन परेशानियों को दूर कर सकते हैं। इसके लिए आप दालचीनी का पानी पी सकते हैं। दालचीनी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाते हैं जिससे आप अनेक बीमारियों से दूर रहते हैं।



  • थायराइड में दालचीनी के फायदे - थायराइड एक ग्रंथियों से जुड़ा रोग है जिसके लिए आपका रहन-सहन और खान-पान पूरी तरह से जिम्मेदार होता है। आयुर्वेद के अनुसार थायराइड गलत खानपान और तनावपूर्ण जीवन जीने के साथ शरीर में वात, पित्त व कफ दोष बिगड़ जाने के कारण होता है। मानव शरीर में पाए जाने वाली थायराइड सबसे बड़ी अंत: स्रावी ग्रंथियों में से एक है जो शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करने में सहायक होती है। इसके लक्षणों में वजन का तेजी से बढ़ना या घटना, बहुत अधिक थकान होना, चिड़चिड़ापन, तनाव, घबराहट, बाल झड़ना, गर्दन व मांसपेशियों में सूजन, आदि शामिल हैं।
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    लेकिन यदि आप दालचीनी का सेवन करते हैं तो आप थायराइड के लक्षण को काफी हद तक कम कर सकते हैं। थायराइड में दालचीनी के फायदे काफी मददगार हैं। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस जैसे गुण पाए जाते हैं जो इस बीमारी से आपका बचाव करते हैं। यदि आप दालचीनी का नियमित सेवन करते हैं तो आप थायराइड में होने वाली थकान कमजोरी को जड़ से खत्म कर सकते हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि थायराइड में दालचीनी कैसे खाएं? तो आपको बता दें कि इसके सेवन के लिए आप इसका इस्तेमाल दूध या गुनगुने पानी के साथ कर सकते हैं। आप काढ़े में भी दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। 


  • त्वचा को रखे स्वस्थ दालचीनी - त्वचा को स्वस्थ रखने में भी दालचीनी के फायदे देखे जा सकते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि दालचीनी में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण चर्म रोग से बचा सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने से आप एक्ने जैसी समस्या से भी निजात पा सकते हैं। दालचीनी के एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पिंपल और दाग धब्बों को कम कर सकते हैं। यदि आप दालचीनी और शहद का मिश्रण अपने पिंपल्स पर लगाते हैं तो यह बैक्टीरिया को मारकर आपके पिंपल्स की परेशानी को ठीक करता है।
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    दालचीनी कोलेजन को नष्ट होने से बचाती है और त्वचा के लचीलेपन को बरकरार रखती है। दालचीनी के इस्तेमाल से एंटी एजिंग की समस्या भी काफी हद तक कम की जा सकती है। इसमें घाव भरने वाले गुण भी मौजूद होते हैं। त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं।


  • मोटापा कम करें दालचीनी - वजन घटाने के लिए भी दालचीनी एक अच्छा देसी नुस्खा है। आजकल ज़्यादातर लोग इस मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर आप दालचीनी का सेवन करें तो आप अपनी इस परेशानी को खत्म कर सकते हैं। दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है जो इंसुलिन की संवेदनशीलता को बेहतर करता है।
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    इंसुलिन खून में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है लेकिन जब शरीर सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसी के कारण मोटापा, डायबिटीज जैसी कई समस्या खड़ी हो जाती हैं। दालचीनी इंसुलिन प्रतिरोध को कम कर वजन को नियंत्रित करती है। इसके अलावा दालचीनी का एंटी ओबेसिटी प्रभाव और इसमें मौजूद कई दूसरे तत्व आपके मोटापे को कम करने में आपकी मदद करते हैं।

     

  • पाचन संबंधी समस्याओं में रामबाण -  गर्म पानी में दालचीनी पीने के फायदे पेट संबंधी समस्याओं में देखे जा सकते हैं। दालचीनी का इस्तेमाल पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए प्राचीन काल से किया जा रहा है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो पाचन तंत्र व पेट में होने वाले संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया से लड़ते हैं। दालचीनी का पानी पेट संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह पानी कब्ज से छुटकारा दिलाने के साथ पाचन तंत्र को सुधारकर उसे मजबूत भी बनाता है जिससे ब्लाटिंग जैसी समस्याओं में भी जल्दी ही आराम मिलता है।

  • हृदय रोगों में उपयोगी दालचीनी - हृदय रोगियों के लिए अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे देखे जा सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार दालचीनी और अर्जुन की छाल से बना हुआ काढ़ा आपके दिल की सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। दरअसल इन दोनों का मिश्रण आपके शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है जिससे आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल संतुलित रहता है। ऐसे में अगर हृदय रोगी नियमित रूप से अर्जुन की छाल या दालचीनी से बना काढ़ा पीएं तो उनका हृदय स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।
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  •  स्वस्थ बालों के लिए फायदेमंद दालचीनी - यदि आप दालचीनी के पेड़ की पत्तियों का पेस्ट बनाकर अपने बालों में लगाएं और फिर उसे पानी से धो लें तो यह आपके बालों की सेहत को सुधार सकता है। इसके अलावा आप इसकी पत्तियों को उबालकर काढ़ा बनाकर भी उससे अपने बालों को धो सकते हैं। ध्यान रहे काढ़े को ठंडा होने के बाद ही अपने बालों पर इस्तेमाल करें। दालचीनी में मौजूद गुण गंजेपन की समस्या को भी दूर कर सकते हैं। दालचीनी के इस्तेमाल से आप अपने बालों को घना, काला और मजबूत बना सकते हैं। दालचीनी के फायदे बालों की ग्रोथ को बढ़ाने में भी देखे जा सकते हैं।
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  • अस्थमा रोग में कारगर दालचीनी - श्वास संबंधी समस्या जैसे कि अस्थमा कई लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। इससे बचने के लिए रोगी कई तरह की दवाओं का सहारा लेते हैं। आप अस्थमा के लक्षणों को घरेलू नुस्खों की मदद से भी कुछ हद तक कम कर सकते हैं। इसके लिए आप दालचीनी जैसी औषधीय जड़ी-बूटी का इस्तेमाल कर सकते हैं जो अस्थमा से जुड़ी कई परेशानियों को ठीक कर सकती है। दालचीनी में मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फोरस, प्रोटीन और विटामिन जैसे कई पोषक तत्व होते हैं जो अस्थमा में सांस संबंधी समस्याओं को कम करते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की खराश और सूजन में भी आराम दिलाते हैं। इसके लगातार सेवन से अस्थमा के अटैक में भी कमी आ सकती है।

  • खांसी-जुकाम से छुटकारा दिलाए दालचीनी - आज के प्रदूषण भरे वातावरण में हर कोई खांसी, जुकाम जैसी समस्या से परेशान हैं। यदि आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आप दालचीनी के फायदे का लाभ उठा सकते हैं। दालचीनी को पानी में घिसकर गर्म करें और लेप के रूप में लगाएं। इससे जुकाम में फायदा होता है। दालचीनी के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10 से 20 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती हैं। आप आधा चम्मच दालचीनी के पाउडर का दो चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे भी आपको खांसी में आराम मिलेगा।

  • कोरोना से बचाव करे दालचीनी - कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र उपाय हैं इम्यूनिटी का मजबूत होना। इसी को ध्यान में रखते हुए आयुष मंत्रालय ने भी हर्बल काढ़ा पीने की अपील की थी। दालचीनी में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले औषधीय गुण भरपूर मात्रा में होते हैं इसलिए इस काढ़े में दालचीनी मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाती है। कोरोना वायरस के संक्रमण के अलावा सर्दी में होने वाले छोटे-मोटे वायरल से भी यह काढ़ा आपका बचाव कर सकता है। इसलिए आप दालचीनी का सेवन जरूर करें।
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  • टीबी का इलाज करे दालचीनी - टीबी एक ऐसी बीमारी है जिससे दुनिया भर के कई लोग पीड़ित हैं। टीबी एक जानलेवा बीमारी है। यदि आप भी ऐसी जानलेवा बीमारी से ग्रस्त हैं तो आप दालचीनी के इस्तेमाल से इस बीमारी को ठीक कर सकते हैं। टीबी के मरीज को दालचीनी के तेल को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पीना चाहिए। ऐसा करने से टीबी के कीटाणु खत्म हो जाते हैं और आपको इस रोग से छुटकारा मिलता है।
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  • जोड़ों की समस्या करें दूर दालचीनी - बढ़ती उम्र के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं जिस कारण जोड़ों की समस्या हो जाती है जिसे अर्थराइटिस की समस्या भी कहते हैं। वजन बढ़ने के कारण भी जोड़ों की समस्या हो सकती है। जोड़ों में दर्द होने के कारण चलने-फिरने, उठने-बैठने में बहुत तकलीफ होती है। अर्थराइटिस में जोड़ों में दर्द, सूजन आदि जैसी परेशानियां रोगी को परेशान करती हैं। आप इन समस्याओं को खत्म करने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। दालचीनी का इस्तेमाल इस समस्या में बहुत फायदा पहुंचाता है।
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    इसके लिए आप दालचीनी चूर्ण का सेवन करें। आप दालचीनी पाउडर में काली मिर्च पाउडर और मिश्री मिलाएं और इसका गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। दालचीनी के तेल का इस्तेमाल भी आप अर्थराइटिस की समस्या में कर सकते हैं। नारियल तेल को गर्म करके उसमें दालचीनी पाउडर मिलाएं और तेल को गर्म होने दें। तेल का रंग बदल जाने पर इस तेल को छान लें। इस तेल से आप अपने जोड़ों पर मालिश करें। इससे आपको जोड़ो की समस्या में राहत मिलेगी।

     

  •  साइनस की समस्या में फायदेमंद दालचीनी - साइनस एक ऐसी बीमारी है जिसमें नाक के अंदर घाव बन जाता है। इस घाव को ठीक करने के लिए आप दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप दालचीनी, आक का दूध तथा दारूहल्दी को पीस लें। इसका एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को नाक के अंदर लगाएं। इससे साइनस से होने वाले घाव भर जाते हैं और साइनस की समस्या में भी फायदा होता है।

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    दालचीनी का उपयोग कैसे करें

    दालचीनी का इस्तेमाल अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थों में किया जाता है। साथ ही मार्केट में भी अब दालचीनी से बने प्रोडक्ट आसानी से मिल जाते हैं जिनका इस्तेमाल आप कर सकते हैं। इसके अलावा औषधीय गुणों से भरपूर दालचीनी को आप अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए किन तरीकों से, कितनी मात्रा में और कब इस्तेमाल कर सकते हैं, आइए जानते हैं-

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    1. दालचीनी पाउडर का सेवन आप दूध के साथ कर सकते हैं।
    2. दालचीनी को शहद के साथ मिलाकर भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। शहद के साथ मिलाकर आप इसे चेहरे पर भी लगा सकते हैं।
    3. दालचीनी का इस्तेमाल आप अपने खाने में मसाले की तरह भी कर सकते हैं।
    4. काढ़ा बनाने में भी आप दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    5. गर्म पानी में दालचीनी मिलाकर आप पी सकते हैं और पानी में दालचीनी को उबालकर उस पानी को आप बालों को धोने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

    दालचीनी का आप रोजाना 0.1 मिलीग्राम से ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर सकते। इससे ज्यादा इस्तेमाल शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। वैसे तो दालचीनी खाने का कोई समय स्पष्ट नहीं है फिर भी इसका इस्तेमाल चाय की तरह सुबह किया जा सकता है। दोपहर या रात के भोजन में इसकी कुछ मात्रा का सेवन किया जा सकता है। आप अपने लिए इसकी सही मात्रा या सही समय जानने के लिए डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।

     

    दालचीनी के नुकसान

    दालचीनी को अगर सही समय पर और सही मात्रा में न खाया जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकती है। आइए इन नुकसान के बारे में जानते हैं-

    1. दालचीनी का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से सिर में दर्द जैसी शिकायत हो सकती है।
    2. दालचीनी गर्भवती स्त्रियों के लिए खतरनाक है क्योंकि यह गर्भपात का कारण बन सकती है। 
    3. दालचीनी के अधिक सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
    4. इसका अधिक सेवन पेट संबंधी समयाओं का कारण बन सकती है।
    5. लीवर संबंधित समस्याओं का सामना भी आपको करना पड़ सकता है।
    6. दालचीनी के एसिडिक नेचर की वजह से आपके दांत प्रभावित हो सकते हैं जिससे आपको दांतो की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

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    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.