जानें जटामांसी के फायदे, नुकसान और उपयोग

आयुर्वेद ने हमें कई ऐसी जड़ी-बूटियां दी हैं जिनका इस्तेमाल हम अनेकों स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ पाने के लिए करते हैं। इन्हीं में से कुछ जड़ी-बूटियां तो ऐसी हैं जिनके बारे में हमें सही से जानकारी भी नहीं है। ऐसी ही एक जड़ी बूटी है जटामांसी। हम में से कई लोग तो ऐसे होंगे जिन्होंने इसका नाम तक नहीं सुना होगा। यह बहुत ही गुणकारी औषधि है जो कई बीमारियों जैसे दिल की बीमारी, रक्तचाप, आदि से हमें बचाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम इसी गुणकारी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी जटामांसी के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे।

 

Jatamansi

 

जटामांसी को नारडोस्टेयस जटामांसी, बालछड़, स्पाइक्नाड व कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। यह अवसाद तनाव और थकान को कम करने के लिए एक गुणकारी औषधि है। इसे न्यूरोप्रोटेक्टिव जड़ी-बूटी के रूप में आयुर्वेद में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं में जटामांसी औषधि एक रामबाण इलाज है।

 

यह पहाड़ों पर ही बर्फ में पैदा होती है। जटामांसी की जड़ के साथ-साथ पत्ते भी हर्बल और पारंपरिक चिकित्सा में इस्तेमाल किए जाते हैं। इस औषधि का इस्तेमाल तेज गंध वाला परफ्यूम और दवा बनाने के लिए किया जाता है। जटामांसी की कीमत 300 रुपये किलो है। आइये अब अब जानते हैं कि जटामांसी की तासीर कैसी होती है? तो आपको बता दें कि इसकी तासीर ठंडी होती है।

 

जटामांसी के फायदे - Benefits of Jatamansi in Hindi

 

यह जड़ी-बूटी आयुर्वेद में औषधि के रूप में बरसों से इस्तेमाल की जा रही है। बाजार में कई रूपों में यह उपलब्ध है जैसे जटामांसी का तेल, जटामांसी का पाउडर, आदि। जटामांसी गंभीर बीमारी के जोखिम को कम नहीं कर सकती लेकिन यह हल्के-फुल्के स्वास्थ्य समस्याओं से आपका बचाव कर सकती है। आइए जटामांसी के फायदों पर नजर डालते हैं- 

 

  • उच्च रक्तचाप में फायदेमंद -  जटामांसी चूर्ण के फायदे उच्च रक्तचाप  की समस्या में देखे जा सकते हैं। जटामांसी में एंटी हाइपरटेंसिव उच्च रक्तचाप को कम करने वाला गुण मौजूद होता है इसलिए यह सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों तरह के रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।

  • पेट की परेशानियों में असरदार - आजकल ज़्यादातर लोगों ने फास्ट-फूड को अपने खानपान में शामिल कर लिया है जिस कारण उनकी पाचन क्रिया को बहुत नुकसान होता है। इस तरह के भोजन से हानिकारक बैक्टीरिया हमारे शरीर में चले जाते हैं और पेट दर्द, गैस, कब्ज, अल्सर, बवासीर जैसी हानिकारक बीमारियां हमारे शरीर में पैदा कर देते हैं। इन तमाम पेट की बीमारियों से बचने के लिए आप जटामांसी के चूर्ण का रोजाना सेवन करना शुरू कर दें। इसके लिए आप जटामांसी की जड़ के चूर्ण में बराबर मात्रा में सौंठ और सौंफ का मिश्रण मिलाकर इसका सुबह-शाम सेवन करें। इससे आप पेट की बीमारियों से अपना बचाव कर सकते हैं।

  • बालों को रखे स्वस्थ - घने लंबे और सुंदर बाल हमारे सौंदर्य को बढ़ाते हैं किंतु आज के प्रदूषित वातावरण में बालों का झड़ना आम बात है। यदि आप भी अपने बालों को घना और स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो आपको इन पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके लिए आप जटामांसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। जटामांसी के फायदे बालों के लिए भी देखे जा सकते हैं। यदि आप जटामांसी के पौधे की छाल का काढ़ा बालों में लगाते हैं और 1 घंटे बाद बाल धोते हैं तो यह आपके बालों का झड़ना बंद कर सकता है। इससे आपको मजबूत और घने बाल मिल सकते हैं। बाल झड़ने की समस्या और बालों को काला करने में भी आप जटामांसी तेल के फायदे का लाभ उठा सकते हैं।
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    Benefits of Jatamansi for hair

     

  • अनिंद्रा की परेशानी से बचाए - गलत खानपान और असंतुलित जीवनशैली यह हमारे शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक है। जंक फूड जहां हमारे शरीर के अंगों पर प्रभाव डालता है वहीं यह हमें अनिद्रा जैसी समस्या भी देता है। रात को अच्छी तरह पूरी नींद लेने से हमारा सारा दिन ऊर्जा और चुस्ती से भरा रहता है लेकिन यदि रात को नींद न आने जैसी समस्या हो तो यह शरीर को कई बीमारियों का घर बना देता है। यदि आप इस अनिद्रा जैसी परेशानी से बचना चाहते हैं तो जटामांसी के चूर्ण को रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करना शुरू कर दें। जटामांसी का प्रयोग आपको अच्छी नींद लाने में मदद करेगा और आपके मस्तिष्क की शक्ति को भी बढ़ाएगा।

  • सिरदर्द में कारगर - भागदौड़ भरी जिंदगी, घर और दफ्तर की तमाम परेशानियों के चलते हमारा शरीर बहुत ज्यादा थकान और तनाव महसूस करता है। यही थकान और तनाव सिरदर्द का कारण बन जाते हैं। इस तरह की तनाव और थकान से हुए इस सिर दर्द के इलाज के लिए आप जटामांसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप जटामांसी की जड़ को सौंठ और तगर को शुद्ध गाय के घी में बराबर मात्रा में पीसकर माथे पर इस लेप को लगाते हैं तो यह आपके सिर दर्द में बहुत आराम पहुंचाएगा।

  • त्वचा को बनाए चमकदार - जटामांसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हमारी त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से भी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह हमारी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से भी बचाते हैं। यदि आप अपनी त्वचा की रंगत सुधारना चाहते हैं और त्वचा में चमक लाना चाहते हैं तो आप जटामांसी का उपयोग करना शुरू कर दें। 

  • पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी - जटामांसी का उपयोग पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से आपको राहत दिला सकता है। प्राचीन समय से ही इसका इस्तेमाल पीरियड्स को नियमित करने के लिए किया जाता रहा है। यह पीरियड शुरू होने से पहले होने वाली दिक्कतों जैसे थकान, मूड में बदलाव, सिरदर्द, पेट दर्द, कब्ज की समस्या आदि में भी राहत दिलाने का काम करता है। यदि आप भी अपने पीरियड्स को आसान बनाना चाहती हैं तो जटामांसी का इस्तेमाल करना शुरू कर दें।

  • याददाश्त को बढ़ाने में सहायक - याददाश्त बढ़ाना भी जटामांसी के फायदों में से एक है। जटामांसी को याददाश्त बढ़ाने के लिए एक रामबाण जड़ी-बूटी माना गया है। यदि आप नियमित रूप से जटामांसी के चूर्ण को गाय के दूध के साथ इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके दिमाग की ताकत को बढ़ाता है साथ ही यह आपको भूलने की बीमारी से भी बचाता है। 

  • हृदय के लिए फायदेमंद - जटामांसी के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी देखे जा सकते हैं। जटामांसी कार्डियोप्रोटेक्टिव (हृदय रोग से बचाव और स्वस्थ रखने वाली) गतिविधि प्रदर्शित करता है। इस गतिविधि के लिए मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव को जिम्मेदार माना जा सकता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं है कि हृदय स्वास्थ्य के लिए जटामांसी पाउडर बेहद लाभकारी है।
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    Jatamansi

     

  • शरीर की कंपन को दूर करने में लाभकारी -  यदि आपके शरीर के किसी भाग में कंपन होती है या फिर आपके हाथ पैर कांपते हैं तो आप जटामांसी का सेवन कर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। जटामांसी का काढ़ा इस परेशानी में बहुत फायदेमंद है। इसकी जड़ से तैयार किया गया काढ़ा नियमित रूप से सुबह और शाम सेवन करने से कंपन की समस्या जल्दी ही दूर हो जाती है। यह कंपन की समस्या दूर करने के साथ-साथ शरीर की मांसपेशियों को भी ताकत देता है।

    1. जटामांसी के उपयोग - Uses of Jatamansi in  Hindi

       

      जटामांसी के फायदों को जानने के बाद जटामांसी का उपयोग कैसे करें इसका सही तरीका पता होना बहुत जरूरी है। आइए अब आगे हम इसके उपयोग से जुड़ी बातें जानते हैं-

      1. जटामांसी की जड़ का पाउडर बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
      2. इसके पत्तों को मलहम के तौर पर भी उपयोग में लाया जा सकता है।
      3. इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर भी आप सेवन कर सकते हैं।
      4. पानी, दूध या फिर शहद के साथ भी आप जटामांसी के पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
      5. जटामांसी के पाउडर को चेहरे पर भी लगाया जा सकता है।
      6. हेयर मास्क लगाने के लिए भी आप जटामांसी के पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
      7. जटामांसी के तेल को भी बालों में लगा सकते हैं।

        जटामांसी के नुकसान - Side Effects of Jatamansi in Hindi

         

        किसी भी चीज की अति हमेशा ही नुकसान पहुंचाती है इसलिए जटामांसी का सेवन भी यदि आप अधिक मात्रा में करते हैं तो इसके भी कुछ नुकसान हो सकते हैं। आइए जटामांसी के नुकसान के बारे में जानें-

         

        1. ब्लड शुगर को कम करने के गुण जटामांसी में होते हैं ऐसे में यदि किसी को लो ब्लड शुगर की समस्या है तो उन्हें जटामांसी का सेवन नहीं करना चाहिए।
        2. किसी-किसी को जटामांसी के सेवन से एलर्जी की समस्या हो जाती है जिससे चेहरे पर रैशेज हो सकते हैं।
        3. गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी जटामांसी के प्रयोग से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
        4. जटामांसी के ज्यादा सेवन से गुर्दों को नुकसान और पेट दर्द जैसी शिकायत हो सकती है।
        5. जरूरत से ज्यादा जटामांसी का इस्तेमाल करने से बचें नहीं तो आपको उल्टी, दस्त हो सकते हैं।

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          यदि आप तनाव, अनिद्रा और बालों की अनेकों समस्याओं से परेशान हैं तो आप जटामांसी का सेवन करना शुरू कर सकते हैं। यह जटामांसी पाउडर आपके बालों के अच्छे विकास, आपकी याददाश्त को मजबूत बनाने और तनाव से निजात दिलाने में बेहद कारगर है।

          Jatamansi powder

           

          लेकिन अभी भी यदि आप यही सोच रहे हैं कि जटामांसी कहां मिलेगा तो आप इसे Namhya की वेबसाइट से ऑनलाइन घर बैठे ऑर्डर कर सकते हैं। तो जल्द से जल्द Namhya के इस हर्बल प्रोडक्ट का इस्तेमाल शुरू करें और इन तमाम समस्याओं से छुटकारा पाएं।

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          Author

          Ridhima Arora

          Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.