हमारा भारत देश एक जड़ी-बूटियों से समृद्ध देश है। यहां तरह-तरह के औषधीय गुणों से समृद्ध पौधे उगते हैं जो अनेकों बीमारियों के इलाज के काम आते हैं। इन औषधीय पौधों का उपयोग हमारी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सदियों से किया जाता रहा है। कई औषधीय पौधे तो ऐसे हैं जिनका नाम भी हम नहीं जानते हैं लेकिन वह गुणों की खान हैं। आज हम ऐसे ही एक पौधे की बात कर रहे हैं जिसका नाम है कालमेघ। यह एक बहुत ही गुणकारी पौधा है जो कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है। आज इस लेख में हम कालमेघ के फायदे और नुकसान और कालमेघ का उपयोग कैसे करें, के बारे में जानेंगे।
आइए सबसे पहले जानते हैं कि कालमेघ क्या होता है? कालमेघ एक ऐसा पौधा है जो ज्यादातर घर के आस-पास या फिर जंगली इलाकों में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एंड्रोग्राफिस पैनिकुलाटा है। कालमेघ का पौधा हरे रंग का होता है और इसकी पत्तियां देखने में मिर्च के पौधे जैसी होती हैं। यह पत्तियां स्वाद में कड़वी होती हैं। कालमेघ को कालनाथ व ग्रीन चिरेता के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा बुखार, पेट की खराबी, पेशाब में जलन, आदि जैसी परेशानियों को ठीक कर सकता है। बात करें कालमेघ की कीमत की तो आपको बता दें 100 ग्राम कालमेघ पाउडर आपको 200 से 250 रुपये में मिल जाएगा।
अब बात करते हैं कि कालमेघ की पहचान कैसे करें? ज्यादातर लोग इसका नाम ही नहीं जानते हैं तो इसके पौधे को पहचानना तो और भी मुश्किल काम है। तो आइए जानते हैं कि इसकी पहचान आप कैसे कर सकते हैं। यह हम सभी के घरों के आस-पास बड़ी आसानी से मिल जाता है लेकिन हमें इसकी पहचान नहीं होती। कालमेघ के पौधे का तना एकदम सीधा होता है और इसकी पत्तियां हरी मिर्च के पौधे जैसी होती हैं। इसके पत्ते देखने में हरे और पीले दोनों रंग के होते हैं। इसके फूल गुलाबी रंग के होते हैं। यह पौधा मई और जून में उगता है। लंबाई में कालमेघ का पौधा छोटा होता है।
कालमेघ के फायदे - Benefits of Kalmegh in Hindi
कालमेघ एक जड़ी-बूटी है जिसके कई ऐसे फायदे हैं जो हमें अनेकों शारीरिक समस्याओं में लाभ पहुंचा सकते हैं। तो आइए जानते हैं कालमेघ के फायदे इन हिंदी -
डायबिटीज़ में फायदेमंद - डायबिटीज़ आजकल बहुत ही आम समस्या हो गई है और यह दिन-पर-दिन बढ़ती ही जा रही है। जहां यह बीमारी बड़ों को अपना शिकार बना रही है वहीं यह बच्चों को भी नहीं छोड़ रही है। ऐसे में यदि आप इस बीमारी से अपना बचाव करना चाहते हैं तो आप कालमेघ का सेवन कर सकते हैं। कालमेघ में एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है जो डायबिटीज़ की स्थिति से आपको बचा सकता है। कालमेघ के पौधे के अर्क का सेवन टाइप-1 डायबिटीज़ पर काफी असरदार होता है।
लीवर स्वस्थ रखने में सहायक - लीवर को स्वस्थ रखने में आप कालमेघ ड्रॉप के फायदे देख सकते हैं। कालमेघ में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो लीवर को ठीक कर सकते हैं। कालमेघ लीवर में होने वाली कई परेशानियों को हल कर सकता है। इसकी पत्तियों में हेपटोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों के अर्क की ड्रॉप का सेवन किया जाए तो यह लीवर और किडनी डैमेज से सुरक्षित रखने मे कारगर है।
अपच की समस्या में लाभकारी - अपच की समस्या, एसिडिटी, दस्त लग जाना आदि पेट से जुड़ी समस्याओं में कालमेघ चूर्ण के फायदे देखे जा सकते हैं। उल्टा-सीधा खा लेने से पेट में कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं और इन समस्याओं के लिए जो हम दवाओं का सेवन करते हैं तो उनके साइड इफेक्ट हमें झेलने पड़ते हैं। ऐसे में आप इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करें। यह आपको बहुत फायदा पहुंचाएगी।
हृदय रोगों में फायदेमंद - हृदय की समस्याओं से निपटने के लिए और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में आप कालमेघ का सेवन कर सकते हैं। कालमेघ में एंटीथ्रॉम्बोटिक क्रिया (रक्त के थक्के को रोकने की क्रिया) होती है इसलिए रिसर्च में पाया गया है कि यह क्रिया धमनियों को पतला कर रक्त प्रवाह में काफी सुधार कर सकती है जिससे हृदय रोग होने के खतरे को कम किया जा सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर - रोगों से लड़ने के लिए शरीर में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का बेहतर होना बहुत जरूरी होता है। इस रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी आप कालमेघ का सेवन कर सकते हैं। कालमेघ में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण होता है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है।
त्वचा संबंधी रोगों में उपयोगी - त्वचा पर चकत्ते होना, घमोरियां, आंखों के नीचे काले गड्ढे, एग्जिमा, त्वचा में खुजली जैसे त्वचा संबंधी रोगों में कालमेघ बहुत उपयोगी है। आप 10 ग्राम कालमेघ के पाउडर को दो गिलास पानी में उबालें और पानी जब आधा रह जाए तो सुबह इसको खाली पेट पी लें। आप इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। इस तरह इसका सेवन आपके त्वचा संबंधी रोगों को खत्म करने में आपकी मदद करेगा।
पेशाब से संबन्धित रोगों में फायदेमंद - पेशाब संबंधी समस्याओं जैसे पेशाब का पीला आना, पेशाब करते समय जलन होना आदि में आप कालमेघ का सेवन कर सकते हैं। 10 ग्राम कालमेघ पाउडर को दो गिलास पानी में उबाल लें और जब यह आधा रह जाए तो सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। कालमेघ पाउडर का इस तरह सेवन करने से आपको पेशाब में हो रही दर्द की समस्या और रुक-रुक कर पेशाब आने की जो समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
घाव भरने में करे मदद - कालमेघ चोट लगने पर होने वाले घाव को भरने में भी बहुत फायदेमंद है। कालमेघ के अर्क का सेवन करने से गहरा घाव भी ठीक हो जाता है। इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर भी आप सेवन कर सकते हैं। कालमेघ एक औषधीय जड़ी-बूटी है जो पुराने घाव के भरने में भी एक रामबाण की तरह काम करती हैं।
वायरल संक्रमण से करे बचाव - बदलते मौसम में होने वाले वायरल संक्रमण से बचाव में भी कालमेघ बहुत फायदेमंद है। कालमेघ में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो वायरल संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। कालमेघ के अर्क के सेवन से आप वायरल संक्रमण से अपना बचाव कर सकते हैं।
पेट के अल्सर में लाभकारी - कालमेघ गैस्ट्रिक और डुओडनल अल्सर दोनों में फायदेमंद है। कालमेघ में माजूद एंड्रोग्राफ़ोलाइड में अल्सर विरोधी, सूजन रोधी, और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह पेट में ज्यादा एसिड के स्राव को रोकता है। यह मुक्त कणों से भी लड़ता है और गैस्ट्रिक म्यूकोसल की रक्षा करता है। इस तरह कालमेघ गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव एजेंट के रूप में काम करता है।
एचआईवी संक्रमण से बचाव में कारगर - एचआईवी/एड्स जैसी घातक बीमारी के लक्षणों को कम करने में भी कालमेघ बहुत ही कारगर है। कालमेघ में मौजूद एंड्रोग्राफ़ोलाइड में एंटी-वायरस और एंटी-एचआईवी गुण होते हैं। यह एचआईवी संक्रमण के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ इसको फैलने से भी रोकता है।
आंत के रोगों में लाभकारी - अल्सरेटिव कोलाइटिस जो कि एक दीर्घकालीन बीमारी है, बड़ी आंत की सूजन का कारण बनती है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के सही ढंग से कार्य न करने के कारण होती है। इस बीमारी में कालमेघ बहुत ही लाभकारी है। कालमेघ में माजूद एंड्रोग्राफ़ोलाइड में सूजन-रोधी गुण होता है और यह अल्सरेटिव कोलाइटिस से जुड़ी सूजन को कम करने की क्षमता रखता है। कालमेघ अपने पित्त संतुलन गुणों के कारण सूजन और आंत के रोगों के इलाज में मदद करता है। यह हमारी पाचन अग्नि में सुधार करता है ताकि हमारा मल त्याग बेहतर तरीके से हो सके।
कालमेघ का उपयोग - Uses of Kalmegh in Hindi
कालमेघ के फायदों के बारे में जानने के बाद यह जानना बेहद जरूरी है कि आप कालमेघ का इस्तेमाल किस-किस रूप में कर सकते हैं। कालमेघ का उपयोग करने के कई तरीके हैं आइए इन तरीकों के बारे में विस्तार से जानें -
कालमेघ के चूर्ण का सेवन आप पानी के साथ कर सकते हैं।
इसकी पत्तियों के पेस्ट को घाव पर लगाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
कालमेघ की पत्तियों को ब्लेंडर में पानी के साथ घोलकर जूस के रूप में भी आप पी सकते हैं।
इसकी पत्तियों के अर्क का सेवन भी कर सकते हैं।
कालमेघ के नुकसान - Side Effects of Kalmegh in Hindi
गुणकारी औषधि कालमेघ के कई फायदे हैं लेकिन इन फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हैं जिनके बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए कालमेघ से होने वाले नुकसान के बारे में जानते हैं-
कालमेघ का अधिक मात्रा में सेवन करने से एलर्जी हो सकती है।
इसका अधिक सेवन लो बीपी और लो शुगर का कारण बन सकता है इसलिए समय-समय पर बीपी और शुगर की जांच करते रहें।
दूसरी किसी बीमारी की दवा का सेवन करते समय कालमेघ का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
इसके ज्यादा सेवन से आपकी भूख में कमी आ सकती है।
गर्भवती महिलाओं को और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कालमेघ के चूर्ण के सेवन से बचने की सलाह दी गई है।
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Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.
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