हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग को कम करने के के कारगर देसी नुस्खे

पीरियड्स (मासिक धर्म) महिलाओं में होने वाली एक स्वाभाविक और नेचुरल प्रक्रिया है। लेकिन अगर आपको पीरियड्स में सामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग होती है तो यह आपके लिए चिंता का विषय है। पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने को मेडिकल भाषा में "मेनोरेजिया" कहा जाता है। इसमें पीरियड्स में सामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग होना या पीरियड्स ज्यादा दिन तक रहना दोनों ही परेशानी शामिल हैं।

 हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग

 

इस परेशानी की वजह से पीरियड्स के दौरान आपको हर 2 से 3 घंटे में सेनेटरी पैड बदलना पड़ सकता है। इस समस्या के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे पीरियड्स के समय पेट के निचले हिस्से में तेज और लगातार दर्द होना, सांस फूलना, उल्टी, सिरदर्द, थकान, स्वभाव में चिड़चिड़ापन और बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना। आज इस लेख में हम इसी पीरियड्स के फ़्लो को कम करने के देसी नुस्खे और तरीकों के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।

 

पीरियड्स के दौरान होने वाली हैवी ब्लीडिंग के कारण

मासिक धर्म में अधिक ब्लीडिंग किसी भी उम्र की महिला को प्रभावित कर सकती है। हालांकि जवान किशोरियां जिन्हें मासिक धर्म होना हाल ही में शुरू हुआ है और वह महिलाएं जो रजोनिवृत्ति के बेहद करीब है उनमें यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। पीरियड्स में हेवी फ़्लो कई वजह से हो सकता है जैसे शरीर में हार्मोन का असंतुलन, फाइब्रॉएड, मिसकैरेज, एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थाई गर्भावस्था) आईयूडी (जैसे कॉपर टी) जैसे गर्भनिरोधक के दुष्प्रभाव के कारण भी यह समस्या हो सकती है।

 

पीरियड्स के समय ज्यादा ब्लीडिंग होने से एक महिला की रोज की दिनचर्या बहुत हद तक प्रभावित होती हैं। उसके सामाजिक और भावनात्मक जीवन पर भी इसका असर पड़ता है। इसके अलावा इससे कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जैसे आयरन की कमी से एनीमिया भी आपको अपना शिकार बना सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ही चाहिए, साथ ही आप अपने रोज के खानपान में बदलाव के साथ-साथ कुछ देसी नुस्खों को अपनाकर भी इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। चलिए ऐसे ही कुछ देसी नुस्खों के बारे में जानते हैं-

 

हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग को कम करने के लिए धनिया का इस्तेमाल

महिलाओं में पीरियड्स के समय होने वाली अत्यधिक ब्लीडिंग उनके मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तनाव का कारण बन सकती है। ऐसे में धनिया का इस्तेमाल करके आप अपनी इस समस्या को काफी हद तक ठीक कर सकते हैं। धनिया महिलाओं की पीरियड्स संबंधित कई समस्याओं में जादुई रूप से काम करता है। यह एक ऐसा आम रसोई का मसाला है जो मासिक धर्म से जुड़ी कई समस्याओं के इलाज में मदद करता है। धनिया के बीज में प्राकृतिक स्टिमुलेंट्स होते हैं जो आपकी एंड्रोक्रिन ग्रंथियों को उत्तेजित करते हैं और एक सही हार्मोन संतुलन बनाए रखते हैं। धनिया के बीज के इस्तेमाल से मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द में भी आराम होता है और हेवी ब्लीडिंग भी कम हो जाती है।

हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग के लिए धनिया

 

धनिया के प्रभावी इमैनगॉग गुण मासिक धर्म को बढ़ावा देते हैं। धनिया के बीज और धनिया पत्ती दोनों ही पीरियड्स की देरी की समस्या से राहत दिलाने में समान रूप से कारगर हैं। इसके अलावा धनिया का एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पेट में होने वाली ऐंठन और दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। इमैनगॉग गुण होने के कारण धनिया के बीज गर्भाशय में रक्त के प्रवाह में सुधार करते हैं और एक असरदार तरीके से मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करते हैं।

 

आइए जाने इसका इस्तेमाल कैसे करें-

  1. सबसे पहले आधा लीटर पानी में 6 ग्राम धनिया के बीज उबाल लें।
  2. जब पानी आधा रह जाए तो इसमें एक चम्मच चीनी मिलाएं।
  3. जब यह मिश्रण चाय की तरह तैयार हो जाए।
  4. इस मिश्रण का सेवन दिन में तीन बार करें। 

 

पीरियड्स का फ़्लो कम करने में शीरा है फायदेमंद

शीरा पीरियड्स के फ़्लो को कम करने का एक असरदार तरीका है। यह आयरन से भरपूर होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। यह शरीर में रक्त की मात्रा को बनाए रखता है जो पीरियड्स के दौरान कम हो जाती है। इसके अलावा यह रक्त के थक्के को कम करता है और गर्भाशय की मांसपेशियों में होने वाले दर्द से भी राहत दिलाता है। हम शीरा का इस्तेमाल दो तरीकों से कर सकते हैं-

पहला तरीका

  1. एक या दो चम्मच शीरा को एक कप गर्म पानी या दूध में मिला लें।
  2. फिर इस मिश्रण को पूरे दिन में एक बार जरूर पिएं।

 

दूसरा तरीका

  1. एक आधा बड़ी चम्मच शीरा को एक गिलास लेमनग्रास चाय में मिला लें।
  2. इस मिश्रण को सुबह और रात को सोने से पहले पिएं।
  3. अच्छे परिणाम के लिए आप इस तरीके को कुछ महीनों तक लगातार दोहराएं। 

 

पीरियड्स फ़्लो को कम करने का कारगर उपाय है दालचीनी

पीरियड्स फ़्लो को कम करने में दालचीनी काफी फायदेमंद है। यह जड़ी-बूटी गर्भाशय में रक्त प्रवाह को कम करके रक्तस्राव को कम कर देती है। साथ ही साथ इसमें सूजनरोधी और एंटीस्पास्मोडिक गुण होने के कारण यह ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करती है। पीरियड्स के समय ब्लीडिंग को कम करने के लिए दालचीनी को दो तरह से इस्तेमाल करें-

 

 हैवी पीरियड ब्लीडिंग के लिए दालचीनी

पहला तरीका

  1. एक छोटी चम्मच दालचीनी पाउडर को एक कप पानी में मिला लें।
  2. अब इस पानी को कुछ देर उबलने के लिए रख दें।
  3. उबलने के बाद इस मिश्रण में शहद मिलाकर इसे पूरे दिन में 2 बार पिएं।

दूसरा तरीका

  1. दालचीनी की छाल के घोल को पूरे दिन में दो बार तीन बूंद लें।
  2. 15 से 30 बूंद दालचीनी के आवश्यक तेल को आप एक चौथाई पानी में मिलाकर पूरे दिन में तीन बार पी सकते हैं।

 

हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग को कम के लिए सेब के सिरके को आजमाएं

पीरियड्स के दौरान होने वाली ज्यादा ब्लीडिंग को रोकने के लिए आप सेब के सिरके को भी आजमा सकते हैं। यह हार्मोन को संतुलित रखता है और आपके शरीर के विषैले पदार्थों को साफ करने में भी सहायक है। पीरियड्स के समय होने वाले पेट दर्द, सिर दर्द और थकान जैसी परेशानियों से भी छुटकारा दिलाता है। मासिक धर्म से संबंधित परेशानियों से निजात पाने के लिए सिरके का इस्तेमाल ऐसे करें- 

 

  1. एक या दो छोटा चम्मच कच्चा और बिना छना सेब का सिरका एक गिलास पानी में लें।
  2. फिर इसे अच्छी तरह से मिलाएं और इस पानी को पी जाएं।
  3. अच्छे परिणाम के लिए पीरियड के समय इस मिश्रण को दिन में तीन बार पिएं। 

हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग सेब के सिरके

 

हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग को कम करने में मेथी के बीज है मददगार

मासिक धर्म में होने वाली अत्यधिक बिल्डिंग को कम करने में मेथी के बीज एक बढ़िया देसी नुस्खा है। यह शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाए रखता है और गर्भाशय के कार्य में भी सुधार लाता है। मेथी के बीज को पीरियड्स संबंधी परेशानियों में कैसे इस्तेमाल करें -

 

  1. एक छोटे चम्मच मेथी के बीज को दो कप पानी में मिला लें।
  2. अब इस पानी को तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा ना रह जाए।
  3. अब इस पानी को छान लें और छानने के बाद इसमें थोड़ा शहद मिलाएं।
  4. पीरियड्स के दौरान इस मिश्रण को दिन में दो या तीन बार पिएं। 

 

पीरियड्स के फ़्लो को कम करने में लाल रास्पबेरी है लाभकारी

पीरियड्स में होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव से पीड़ित महिलाओं के लिए लाल रास्पबेरी की पत्तियां बहुत लाभकारी होती हैं। लाल रास्पबेरी गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूती देती हैं और साथ ही पेट के निचले हिस्से के दर्द को भी कम करती हैं। पीरियड्स के समय इसका इस्तेमाल कैसे करें-

  1. एक बड़ी चम्मच सुखी लाल रास्पबेरी की पत्तियों को एक कप गर्म पानी में डाल दें।
  2. अब इस पानी को 10 मिनट के लिए उबलने दें।
  3. अब इसे छानकर पी जाएं।
  4. इस मिश्रण को पूरे दिन में तीन बार पिएं।
  5. रास्पबेरी की पत्तियों की चाय को पीरियड्स शुरू होने से एक हफ्ता पहले पीना शुरू कर दें और पीरियड्स के दौरान भी इस चाय को पीते रहें।

 

पीरियड फ़्लो कम करने का कारगर नुस्खा है ठंडी सिकाई

यदि आप पीरियड्स में होने वाली अधिक बिल्डिंग से परेशान है तो आप ठंडी सिकाई का इस्तेमाल कर सकते हैं। ठंडी सिकाई करने से रक्त वाहिकाओं का संकुचन होगा। इससे रक्त का प्रवाह कम होगा साथ ही पेट के निचले हिस्से के दर्द में भी आराम आएगा। फ़्लो कम करने के लिए ठंडी सिकाई कैसे इस्तेमाल करें-

हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग

 

  1. एक पतले तौलिए पर कुछ बर्फ के टुकड़े रखें।
  2. फिर तौलिए को बांध लें।
  3. अब तौलिए से पेट के निचले हिस्से पर 15 से 20 मिनट तक सिकाई करें।
  4. अगर जरूरत लगे तो इस उपाय को हर 4 घंटे बाद इस्तेमाल करते रहें।

 

ऊपर बताए गए पीरियड्स के फ़्लो को कम करने के देसी नुस्खों के अलावा और भी कई आसान घरेलू उपाय हैं जिनका इस्तेमाल करके भी पीरियड्स के दौरान होने वाली हेवी ब्लीडिंग को काफी हद तक कम किया जा सकता है जैसे-

  • केले का फूल - दही के एक कप के साथ पके हुए केले के फूल का सेवन करने से प्रोजेस्टेरोन बढ़ने लगता है जिससे हेवी ब्लीडिंग पर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। पीरियड्स के फ़्लो को कम करने का यह भी एक असरदार प्राकृतिक उपाय है।

  • सरसों के दानें - सरसों के दानों को पीस कर एक महीन पाउडर बना लें। पीरियड्स के समय हेवी फ़्लो होने पर गर्म दूध के साथ इसके एक चम्मच पाउडर का सेवन करें। यह बहुत ही असरदार घरेलू नुस्खा है।
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  • सौंफ - सौंफ को पीसकर उसका पाउडर बना लें और एक चम्मच पाउडर को एक कप पानी में लगभग 5 मिनट तक उबालें। फिर छानकर गुनगुना करके इसे पिएं।
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  • अदरक - अदरक को कुछ मिनट पानी में उबालकर उसका पानी तैयार कर ले। और इस पानी को भोजन करने के बाद दिन में तीन बार पिएं। यह पानी पीरियड्स में होने वाले फ़्लो को कम करने में मदद करता है।


  • मासिक धर्म में होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव को कम करने में जहां देसी नुस्खे कारगर हैं वहीं यदि आप अपने खानपान में बदलाव करती हैं तो भी आप इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकती हैं। जैसे-

     

    • आयरन युक्त भोजन - आयरन महिलाओं के लिए बहुत अच्छा खनिज है जो एनीमिया जैसी कमी को दूर करने में मदद करता है। यदि महिलाएं अपने भोजन में आयरन का भरपूर मात्रा में सेवन करें तो इससे उन्हें पीरियड्स में होने वाले अधिक रक्तस्राव को भी कम करने में मदद मिलेगी। आयरन युक्त आहार कौन-कौन से हैं - 
    1. आयरन युक्त भोजन में शामिल हैं, हरी सब्जियां, फलियां, अंडे की जर्दी, किशमिश, कद्दू के बीज, आलूबुखारा, लाल मीट और दालें।
    2. इसके अलावा आप डॉक्टर की सलाह पर आयरन के सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।

    हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग

     

    • मैग्नीशियम युक्त भोजन - महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन को संतुलित करने के लिए मैग्निशियम बहुत ही अहम खनिज है। इसके अलावा यदि शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाए तो भी पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है इसलिए पीरियड्स के फ़्लो को कम करने के लिए मैग्नीशियम युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। मैग्नीशियम युक्त आहार कौन-कौन से हैं -
    1. मैग्नीशियम युक्त भोजन जैसे ओट्स, नट्स, एवोकाडो, डार्क चॉकलेट, कद्दू और तरबूज हैं।
    2. यदि आप मैग्निशियम के सप्लीमेंट लेना चाहते हैं तो इसके लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

     

    हैवी पीरियड्स ब्लीडिंग को कम करने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स

    1. रोजाना एक्सरसाइज करें। 
    2. रोज सुबह योगासन करें।
    3. गुनगुने पानी से नहाएं ताकि मांसपेशियों को आराम मिले।
    4. अगर पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है तो उस हिस्से पर गर्म पानी की बोतल से सिकाई करें।
    5. कमर दर्द से राहत के लिए अपनी कमर पर नारियल के तेल या जैतून के तेल से मसाज करें।
    6. रोजाना ग्रीन टी पिएं।
    7. कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।
    8. जितना हो सके उतना आराम करें।
    9. पीरियड्स के दौरान भारी वजन उठाने से बचें।
    10. यदि कोई सप्लीमेंट लेना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही लें। 

     

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    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.