शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए समय रहते इस पर ध्यान देना आवश्यक है। हम अपने शरीर को इन बीमारियों से बचाने के लिए कई आयुर्वेदिक औषधियों को अपना सकते हैं। ऐसी ही एक आयुर्वेदिक औषधि के बारे में आज बात करेंगे जो है त्रिफला चूर्ण। सालों से लोग त्रिफला चूर्ण का सेवन करते आए हैं। अधिकतर लोग इसे पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि यह ना सिर्फ पेट के लिए बल्कि शरीर की कई दूसरी समस्याओं से भी आपको छुटकारा दिला सकता है। तो आइए आज इस लेख में हम त्रिफला चूर्ण के फायदे और त्रिफला चूर्ण खाने की विधि के बारे में जानते हैं।
सबसे पहले जान लेते हैं कि त्रिफला क्या होता है? त्रिफला संस्कृत शब्द से मिलकर बना है जिसमें 'त्रि' का मतलब है तीन और 'फला' का मतलब है फल। इसका मतलब यह हुआ कि त्रिफला कोई फल या कोई जड़ी-बूटी नहीं बल्कि यह तीन चीजों से बना हुआ एक तरह का मिश्रण है जो हमें चूर्ण के रूप में मिलता है। अगर त्रिफला चूर्ण की तासीर के बारे में बात करें तो बता दें इसकी तासीर गर्म होती है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। अब आइए जानते हैं वह कौन से तीन फल हैं जिनके मिश्रण से यह त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है।
आंवला - आंवला को अमृतफल व आमलकी के नाम से भी जानते हैं। इसे कई तरह से इस्तेमाल में लाया जाता है। लोग फल, जूस, अचार और चूर्ण के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह हमारी पाचन शक्ति के लिए भी बहुत अच्छा है। यह शरीर को ठंडा रखता है और इसे डिटॉक्सीफाई करता है। यह लीवर, हृदय व फेफड़ों के लिए भी अच्छा रहता है।
बहेड़ा - इसे भी औषधि की तरह इस्तेमाल किया जाता है। बहेड़ा को बिभीतकी और विभिता नाम से भी जानते हैं। इसके सेवन से बुखार को कम करने और घाव को भरने में मदद मिलती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह दर्द निवारक की तरह काम करता है। यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है।
हरड़ - हरड़ को हरितकी के नाम से भी जानते हैं। यह देखने में अखरोट जैसा फल होता है। इसे तब तोड़ा जाता है जब यह पककर पीले रंग का हो जाता है। यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मसूड़ों से खून आने की समस्या को भी यह ठीक करता है। यह पाचन को बेहतर करता है। लीवर को स्वस्थ बनाता और हमारी भूख को बढ़ाने का काम करता है।
ऊपर बताए गए तीनों फलों को अलग-अलग शारीरिक समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब इन तीनों का मिश्रण बनाकर त्रिफला बनता है तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं पर अपना असर दिखाता है। आइए त्रिफला चूर्ण के फायदे के बारे में जानें।
त्रिफला चूर्ण के फायदे - Benefits of Triphala Powder in Hindi
त्रिफला चूर्ण के सेवन से आप अनेकों बीमारियों का उपचार घर बैठे कर सकते हैं। तो आइए त्रिफला के फायदे हिंदी में जानते हैं -
आंखों के लिए फायदेमंद त्रिफला - आंखें हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है जिसका हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए। आंखों के स्वास्थ्य के लिए त्रिफला एक टॉनिक का काम करता है। यह आंख के लेंस में ग्लूटाथिओन के स्तर को बढ़ा सकता है। इसके अलावा यदि मोतियाबिंद के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो भी आप त्रिफला का सेवन कर सकते हैं।
कब्ज में लाभकारी त्रिफला - गलत खानपान के चलते आजकल सभी लोग कब्ज की परेशानी से जूझ रहे हैं लेकिन यदि ऐसे में त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जाए तो कब्ज से राहत मिल सकती है। त्रिफला चूर्ण कब्ज के लिए बहुत लाभकारी है। त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लिया जाए तो आप कब्ज की समस्या से राहत पा सकते हैं।
शरीर में एलर्जी और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोके - त्रिफला गुग्गुलु में एंटी-वायरल, एंटी-एलर्जी गुण होते हैं जो सर्दी, बुखार, जी मिचलाना जैसी समस्याओं का इलाज कर सकते हैं। इसको पाउडर रूप में पानी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। त्रिफला गुग्गुल के फायदे उन लोगों के लिए देखे जा सकते हैं जिन्हें एलर्जी की समस्या ज्यादा होती है।
मोटापा कम करने में सहायक - त्रिफला चूर्ण और मोटापा आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे मुमकिन है कि त्रिफला से मोटापा कम हो जाए। लेकिन यह सच है यदि आप त्रिफला का सेवन करते हैं तो आप कुछ हद तक अपना वजन कम कर सकते हैं। वजन कम करने में त्रिफला चिकित्सीय एजेंट की तरह काम कर सकता है यह ना सिर्फ वजन कम करने में मदद करेगा बल्कि शरीर का फैट भी कम कर सकता है। अपने वजन को कम करने के लिए यदि आप 10 हफ्ते तक त्रिफला चूर्ण का सेवन करें तो आप वजन और फैट दोनों में कमी देख सकते हैं।
रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मददगार - शरीर में रेड ब्लड सेल्स का कम होना एनीमिया की समस्या खड़ी कर सकता है। इस समस्या से बचाव के लिए आप त्रिफला और शहद के फायदे देख सकते हैं। त्रिफला चूर्ण रेड ब्लड सेल्स और हिमोग्लोबिन को बढ़ाने में काफी असरदार है साथ ही शहद भी शरीर में खून बढ़ाने में मदद करता है।
इम्यूनिटी बढ़ाए त्रिफला - त्रिफला में इम्यूनिटी मॉड्यूलेटरी गुण होता है इसलिए कमजोर इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आप त्रिफला का सेवन कर सकते हैं। त्रिफला में कई ऐसे एक्टिव कंपाउंड हैं जैसे गैलिक एसिड, एलेजिक एसिड जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं और यह हमारे शरीर की इम्यूनिटी को सुधारने में सक्षम है।
हृदय को स्वस्थ रखे त्रिफला - हाई ब्लड प्रेशर और बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है। यदि आप त्रिफला चूर्ण का सेवन करें तो आप अपने रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं और कोलेस्ट्रॉल को भी कम कर सकते हैं। त्रिफला चूर्ण रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल जैसी परेशानियों को कम करके हमारे हृदय को स्वस्थ रखने मदद करता है।
डायबिटीज़ में उपयोगी त्रिफला - त्रिफला चूर्ण डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी है। इसके नियमित सेवन से उनका ब्लड ग्लूकोज लेवल कम हो जाता है। दरअसल इसमें एंटी-डायबिटिक और हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव होता है जो टाइप-2 डायबिटीज को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
त्वचा रखे जवां त्रिफला - सेहतमंद और जवां त्वचा किसे नहीं पसंद। यदि आप भी अपनी त्वचा को सेहतमंद रखना चाहते हैं तो त्रिफला का इस्तेमाल करें। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण ना सिर्फ त्वचा की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं बल्कि त्वचा की देखभाल के साथ-साथ उसे स्वस्थ भी बनाए रखते हैं। त्रिफला का सेवन बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी कम करता है। इसके साथ-साथ त्वचा में होने वाली खुजली, जलन जैसी समस्याओं से भी त्रिफला चूर्ण आपको छुटकारा दिला सकता है।
त्रिफला चूर्ण का सेवन - How to Use Triphala Powder?
त्रिफला चूर्ण के फायदे की जानकारी के बाद यह जानना भी बेहद जरूरी है कि इसके सेवन का तरीका क्या होता है। तो आइए जानते हैं कि त्रिफला चूर्ण का सेवन कैसे करें -
1. सुबह के समय त्रिफला चूर्ण - त्रिफला चूर्ण का सेवन आप सुबह के समय भी कर सकते हैं। सुबह के समय इसका सेवन करना अच्छा होता है क्योंकि सुबह इसका सेवन शरीर को पोषण देता है जैसे विटामिन, आयरन, कैल्शियम, आदि। सुबह के समय आप इसका सेवन गुड़ के साथ कर सकते हैं।
2. रात के समय त्रिफला चूर्ण - रात के समय त्रिफला चूर्ण का सेवन करना 'रोचक' कहलाता है क्योंकि रात को त्रिफला लेने से पेट की सफाई तथा कब्ज आदि का निदान हो जाता है। रात में इसे गर्म दूध के साथ लेना चाहिए। पानी के साथ भी ले सकते हैं। इसका काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जा सकता है।
त्रिफला के सेवन के तरीके जानने के बाद यह पता होना भी जरूरी है कि इसे कितनी मात्रा में और कब लेना चाहिए। तो आपको बता दें कि त्रिफला को 5 ग्राम से ज्यादा नहीं लेना चाहिए और दिन में 2 बार से ज्यादा इसका सेवन नहीं करना चाहिए। कई लोगों का यह सवाल होता है कि त्रिफला चूर्ण कितने दिन खाना चाहिए? तो जान लीजिए त्रिफला चूर्ण के 15 दिन के सेवन से ही आपको इसके बेहतर परिणाम मिलने लगेंगे।
त्रिफला चूर्ण बनाने की सामग्री - Ingredients in Triphala Powder
वैसे तो त्रिफला चूर्ण आसानी से बाजार में मिल जाता है लेकिन आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। आइए इसे बनाने की सामग्री के बारे में जानते हैं-
सामग्री
- हरड़ 20 ग्राम
- बहेड़ा 40 ग्राम
- आंवला 80 ग्राम
बनाने की विधि
- सबसे पहले सभी सामग्रियों को पीसकर इनका बारीक पाउडर बना लें।
- फिर इन्हें छान लें।
- अब इन सभी चूर्ण को मिला लें।
- अब इस मिश्रण को एक कांच के जार में भर लें।
- आपका त्रिफला चूर्ण रोजाना इस्तेमाल के लिए तैयार है।
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त्रिफला पाउडर में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हमें कई स्वास्थ्य लाभ देते हैं। यह त्रिफला पाउडर खासतौर पर कब्ज, एसिडिटी, गैस से राहत दिलाता है। इसके साथ-साथ ही यह पाउडर हृदय रोग, डायबिटीज और हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी सहायक है।
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