भृंगराज एक औषधीय जड़ी-बूटी है जो न सिर्फ बालों के लिए बल्कि कई शारीरिक समस्याओं में भी फायदेमंद है। इस जड़ी-बूटी के गुणों की बात करें तो इसकी जड़, तने, पत्तियां, फूल इसका हर एक भाग हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। भृंगराज का दूसरा नाम एक्लिप्टा एल्बा है। इसे आयुर्वेदिक दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए इलाज करना पुराना भारतीय तरीका है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। आज इसके इन्हीं गुणों ने इसे दुनियाभर में लोकप्रिय बना दिया है। आज इस लेख में हम इस गुणकारी औषधि भृंगराज के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे।
भृंगराज एस्टेरेसी परिवार से संबंध रखने वाला पौधा है जिसे फॉल्स डेज़ी के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में दलदली स्थानों पर पाया जाता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीहिस्टामिनिक, हैपेटॉप्रोटेक्टिव और एक्सपेक्टोरेंट जैसे कई औषधीय गुण होते हैं। बात करें कि भृंगराज की तासीर कैसी होती है? तो बता दें इसकी तासीर ठंडी होती हैं इसलिए सर्दी जुखाम के समय इसका इस्तेमाल न करें। भृंगराज कितने प्रकार के होते हैं? तो जान लीजिए कि भृंगराज के पौधे दो प्रकार के होते हैं एक किस्म के फूल पीले होते हैं और दूसरे किस्म के फूल सफेद। हालांकि तेल निकालने के लिए दोनों ही प्रकार के फूल अच्छे रहते हैं। आइए अब भृंगराज के फायदे के बारे में जानते हैं-
भृंगराज के फायदे - Benefits of Bhringraj in Hindi
औषधीय गुणों की खान कहे जाने वाला भृंगराज हमारी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ठीक करने की क्षमता रखता है। आइए भृंगराज के फायदे हिंदी में विस्तार से जानते हैं-
सांस की तकलीफ में फायदेमंद - फेफड़ों की सूजन को दूर करने और फेफड़ों को कई प्रकार से फायदा पहुंचाने में भृंगराज बहुत कारगर है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण अस्थमा के दौरान होने वाली समस्याओं में भी राहत पहुंचाता है।
पेट की समस्याओं से दिलाए राहत - भृंगराज में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबॉयल गुण होते हैं जो पेट की समस्याओं से राहत दिलाते हैं। यह गुण आपके पेट में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करके पेट के संक्रमण, जलन, अल्सर और बैक्टीरिया से होने वाली आंतों की समस्याओं को भी दूर करता है।
बवासीर में लाभदायक - भृंगराज के तने और पत्तियों के अलावा इसकी जड़ भी कई रोगों के उपचार में काम आती है। बवासीर में भृंगराज तेल के फायदे देखे जा सकते हैं। इसकी जड़ के अर्क को प्रतिदिन यदि दो बार गाय के दूध के साथ लिया जाए तो यह बवासीर का उपचार करने में असरदार है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे प्रभावित क्षेत्र पर आई सूजन को कम करने के लिए इसे लगाने से मल को निकलने में आसानी होती है और धीरे-धीरे यह बवासीर की समस्या खत्म भी हो जाती है।
खांसी की करे रोकथाम - भृंगराज में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं और यह गुण खांसी का कारण बनने वाले किटाणुओं को खत्म करने के साथ-साथ उन हानिकारक कीटाणुओं को पैदा होने से भी रोकते हैं। इस प्रकार भृंगराज के अर्क का सेवन करने से आपको खांसी में राहत मिलती है।
बालों को दे पोषण - भृंगराज के फायदे बालों के लिए भी देखे जा सकते हैं। इसका तेल बालों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है इसीलिए इसे 'केशराज' भी कहते हैं। भृंगराज के तेल में मौजूद मेथनॉल नामक पोषक तत्व बालों के विकास में सहायक होते हैं। इस तेल से नियमित मालिश करने से स्कैल्प में रक्त संचार अच्छे से होता है। भृंगराज तेल में मौजूद मेथनॉल नामक पोषक तत्व बालों की जड़ों को पोषित करता है और बालों को मजबूत करने के साथ ही गंजेपन को भी दूर करता है।
आंखों की करे देखभाल - एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-डायबिटिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है भृंगराज। इसका एंटीबैक्टीरियल गुण आंखों को संक्रमण से बचाता है, वहीं इसका एंटी-डायबिटिक गुण आंखों को मधुमेह से होने वाले खतरे से भी बचाता है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण आंखों की सूजन को दूर करके आंखों को स्वस्थ बनाए रखता है।
दस्त के इलाज में कारगर - भृंगराज में एंटी-स्पास्मोडिक गुण होता है जो दस्त की समस्या से निजात दिला सकता है। यह गुण मल को चिकना होने से रोकता है जिस कारण दस्त से राहत मिलती है। साथ ही, यह मांसपेशियों में होने वाली सिकुड़न को भी कम करता है।
लीवर की समस्या में फायदेमंद - लीवर की बीमारी को पीलिया भी कहा जाता है। इस परेशानी में भृंगराज की पत्तियों और जड़ से निकलने वाले अर्क को इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें कई तरह के ऐसे औषधीय गुण मौजूद हैं जो हैपटोप्रोटेक्टिव (लीवर को ठीक करने की क्षमता) के रूप में काम करता है। इस अर्क को इस बीमारी में टॉनिक की तरह पिया जा सकता है।
किडनी की समस्या से दिलाए छुटकारा - किडनी की परेशानी से ग्रस्त रोगी भी भृंगराज के फायदों का लाभ उठा सकते हैं। किडनी की परेशानी को दूर करने के लिए भृंगराज की जड़ का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जड़ शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालती है जिससे आपके शरीर की कार्यप्रणाली बेहतर होती है।
बुखार से दिलाए राहत - भृंगराज में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो बुखार दूर करने में असरदार होते हैं। यह सभी गुण आपको मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से अपना बचाव करने में भी मदद करते हैं।
त्वचा के संक्रमण से बचाए - यदि आप बिना किसी केमिकल वाली दवाओं के इस्तेमाल से अपनी त्वचा में होने वाले संक्रमण को दूर करना चाहते हैं तो आप भृंगराज का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होता है जो त्वचा के संक्रमण से आपको बचाता है। त्वचा के संक्रमण के लिए आप इसकी पत्तियों के पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपनी त्वचा संबंधी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।
कब्ज और अपच को करे दूर - भृंगराज में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व आपके लिवर को स्वस्थ रखता है। यह पेट की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है। इसके सेवन से हमारी आंत सुचारू रूप से काम करती है। यह पेट में होने वाली अपच, कब्ज और अन्य परेशानियों से राहत दिलाता है।
भृंगराज पाउडर के फायदे - Benefits of Bhringraj Powder in Hindi
दिल रहे स्वस्थ - हाई बीपी और हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भृंगराज पाउडर बहुत असरदार है।
पेट रखे दुरुस्त - पेट से जुड़ी हर परेशानी को दूर करने में भृंगराज पाउडर बहुत लाभकारी है। यह पेट दर्द, आंत में सूजन और ब्लोटिंग जैसी परेशानियों में राहत देता है।
लीवर रहे हेल्दी - भृंगराज पाउडर लीवर को हेल्दी रखने और हेपेटाइटिस जैसे रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक है।
मसूड़े रखे स्वस्थ - मसूड़ों की सूजन और उनमें खून आने की समस्या को दूर करने में भृंगराज पाउडर फायदेमंद है। यह दांतों को मजबूत बनाता है और मुंह के छाले भी ठीक करता है।
गंजापन करे दूर - भृंगराज पाउडर बालों के लिए बहुत अच्छा होता है। यदि आप गंजेपन से परेशान हैं तो यह पाउडर बालों के रोम को फिर से बढ़ने वाले बालों के लिए उत्तेजित कर सकता है।
भृंगराज के नुकसान - Side Effects of Bhringraj in Hindi
वैसे तो भृंगराज एक बहुत ही गुणकारी औषधि है लेकिन फिर भी यदि इसका इस्तेमाल करते समय लापरवाही की जाए तो कुछ नुकसान हो सकते हैं। आइए भृंगराज के नुकसान जानते हैं -
1. शुगर के रोगियों को इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद गुण रक्त में मौजूद ग्लूकोस के स्तर को कम कर देते हैं।
2. कब्ज की समस्या वालों को भृंगराज से दूर रहना चाहिए। इसमें मौजूद एंटी-स्पास्मोडिक मल को चिकना होने से रोकता है और यह कब्ज के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है।
3. भृंगराज की तासीर ठंडी होती हैं इसलिए सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
भृंगराज का उपयोग - Uses Of Bhringraj in Hindi
भृंगराज का उपयोग आप किस तरह से कर सकते हैं, आइए जानते हैं-
1. नहाने से पहले भृंगराज तेल की कुछ बूंदे शैंपू में मिलाकर फिर बालों में शैंपू करें। इससे बालों को पोषण मिलता है।
2. भृंगराज के अर्क को नारियल के तेल में मिलाकर आप सिर की मालिश कर सकते हैं।
इसकी पत्तियों को अजवाइन के बीज के साथ सेवन करने से पित्ताशय की समस्या का समाधान मिल सकता है।
3. इसकी पत्तियों को सीसम या नारियल के तेल के साथ उबालकर अर्क बनाकर इसका इस्तेमाल आप बालों को काला करने के लिए कर सकते हैं।
4. अगर आपको अनिद्रा की शिकायत है तो बिस्तर पर जाने से पहले इसके तेल से अपने सिर की मालिश करें। इससे आपको नींद न आने की बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा।
5. भृंगराज चूर्ण का और अर्क का इस्तेमाल सीमित मात्रा में औषधि के रूप में करें तो आप इसके अनेकों फायदे पा सकते हैं।
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