जानें फेफड़ों में पानी भरने का कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

हमारे शरीर में फेफड़े बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। यह शरीर में ऑक्सीजन के संचार, रक्त को शुद्ध करने और साथ ही हमारे द्वारा ली जाने वाली सांस को फिल्टर करने का काम करते हैं। फेफड़े खून से कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण और उसे बाहर छोड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। आज कल हम जिस प्रदूषित वातावरण में सांस ले रहे हैं उसमें मौजूद हानिकारक कण हमारे फेफड़ों के लिए बहुत नुकसानदायक है।

 

यह प्रदूषित वायु फेफड़ों के कार्य को प्रभावित करती है और उन्हें नुकसान पहुंचाती है। दूषित हवा के कारण हमारे फेफड़े संक्रमण का शिकार हो जाते हैं यही कारण है कि आजकल लोग सांस संबंधी समस्याओं के ज्यादा शिकार हो रहे हैं। आज इस लेख में हम फेफड़ों में इन्फेक्शन का इलाज के बारे में चर्चा करेंगे।

 

lung infection

 

जब हम इस प्रदूषित वातावरण में सांस लेते हैं तो इसमें मौजूद हानिकारक कण हमारे भीतर चले जाते हैं और यह हानिकारक कणों से सबसे पहले हमारे फेफड़े प्रभावित होते हैं जिससे फेफड़ों में इन्फेक्शन की समस्या होना आम बात है। फेफड़ों में यह इन्फेक्शन यदि लंबे समय तक बना रहे तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है।

 

यह आपके फेफड़ों को कमजोर बनाता है और कई सांस संबंधित समस्याओं का कारण बनता है। कई बार लोग यह सोचते हैं कि इस बात का कैसे पता लगाएं कि फेफड़ों में इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए फेफड़ों में संक्रमण हुआ है। आप इस संक्रमण का पता कुछ लक्षणों के माध्यम से लगा सकते हैं। आइए फेफड़े खराब होने के लक्षण क्या होते हैं, जानते हैं-

 

  • खांसी के साथ खून आना - यदि आपको लंबे समय से खांसी हैं और खांसते समय बलगम के साथ आपको खून आ रहा है तो यह फेफड़ों में इन्फेक्शन का संकेत है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • सांस लेने में तकलीफ होना - अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो यह फेफड़े खराब होने का एक लक्षण है इसलिए इस लक्षण को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

  • बलगम निकलना - जब शरीर में कफ ज्यादा बढ़ जाता है तो यह हमारे फेफड़ों पर असर डालता है। बार-बार बलगम निकलना खराब फेफड़ों का संकेत है। अगर बार-बार बलगम निकले तो इस स्थिति को नजरअंदाज ना करें अन्यथा समस्या बढ़ सकती है।

  • सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत - सीढ़ियां चढ़ते वक्त यदि आपकी सांस फूलने लगती है तो यह फेफड़ों में इन्फेक्शन का लक्षण है। यह लक्षण फेफड़ों में खराबी का हो सकता है। सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई होना अस्थमा का संकेत होता है। अगर आप थोड़ी बहुत सीढ़ियां चढ़ने में ही थक जाते हैं तो आप इसे बिल्कुल भी अनदेखा ना करें।

  • सीने में दर्द - सीने में दर्द होना लोगों को लगता है कि हार्ट से जुड़ी कोई समस्या है लेकिन ऐसा नहीं है यह फेफड़ों की खराबी का भी संकेत हो सकता है। अगर सांस लेते समय आप सीने में दर्द महसूस कर रहे हैं तो यह फेफड़ों में इन्फेक्शन का एक लक्षण है जो आगे चलकर फेफड़ों के किसी गंभीर रोग का कारण बन सकता है।

  • वजन का घटना - लगातार वजन कम होना भी फेफड़ों में इन्फेक्शन का एक लक्षण है अगर खांसी के साथ बलगम निकल रहा है साथ ही वजन भी लगातार कम हो रहा है तो यह फेफड़े का कैंसर का एक मुख्य लक्षण हो सकता है। जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें ताकि आप किसी गंभीर स्थिति से बच सकें।

  • सांस लेने में घरघराहट की आवाज - छाती में इंफेक्शन होने पर जब आप सांस लेते हैं तो घरघराहट की आवाज आती है यह आवाज विंड पाइप के इंफेक्शन या ब्लॉक होने के कारण आती है।

  • बुखार - फेफड़ों में इन्फेक्शन के समय बुखार आना भी एक लक्षण है। लंग्स इंफेक्शन में बुखार में आपको पसीना आना, ठंड लगना, सिर दर्द, डिहाइड्रेशन, कमजोरी, बदन दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं, 102 डिग्री से ज्यादा बुखार होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

  • त्वचा और होंठों का नीला होना - फेफड़ों में इन्फेक्शन के दौरान ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिस कारण त्वचा और होंठ नीले पड़ जाते हैं। यह स्थिति बहुत गंभीर होती है इसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
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    कई लोग यह जानना चाहते हैं कि लंग्स इंफेक्शन कितने दिन में ठीक होता है? तो आपको बता दें कि इसका ठीक होना इसके लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। कई बार यह एक से तीन हफ्तों में भी ठीक हो जाता है। यदि इन्फेक्शन बहुत अधिक बढ़ जाए तो इसे ठीक होने में कुछ महीने भी लग सकते हैं।

     

    फेफड़ों में इन्फेक्शन के कारण - Lung Infection Causes

     

    फेफड़ों के इन्फेक्शन होने पर शरीर में ऑक्सीजन लाने और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने की जो प्रक्रिया होती है उस पर असर पड़ता है और यह फेफड़ों का इन्फेक्शन आपके पूरे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इस इन्फेक्शन से अपना बचाव करने के लिए इसके कारणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है ताकि हम इससे बच सकें। तो आइए फेफड़ों में इन्फेक्शन के कारण जानते हैं- 

     

  • धूम्रपान करना - जो लोग बहुत ज्यादा धूम्रपान करते हैं उनमें लंग इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है।


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  • ठंडी चीज़ों का सेवन - जो लोग ठंड के मौसम में भी फ्रिज के ठंडे पानी का सेवन करते हैं या अक्सर आइसक्रीम खाते हैं। कुछ लोगों को तो बर्फ खाना बहुत अच्छा लगता है और वह बर्फ खाते हैं। इस तरह की ठंडी चीज़ों का सेवन आपके फेफड़ों में संक्रमण के खतरे को बढ़ाता है।

  • तली-चिकनी चीज़ों का सेवन - तली-चिकनी चीजें ज्यादा खाना भी लंग्स इन्फेक्शन का एक कारण है। जो लोग बहुत अधिक फास्टफूड और चिकनाई वाला भोजन खाते हैं उनका यही भोजन उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन का कारण बनता है।

  • वायु प्रदूषण - आज के समय में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है और यह बढ़ा हुआ प्रदूषण का स्तर लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। इस वायु प्रदूषण के कारण लोग फेफड़ों के इन्फेक्शन से पीड़ित हो रहे हैं।
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    फेफड़ों के इन्फेक्शन से होने वाली बीमारियां -  Lung Infection Diseases

     

    फेफड़ों में इन्फेक्शन का इलाज को लेकर यदि लापरवाही बरती जाए तो यह इन्फेक्शन हमें कई तरह की बीमारियां दे सकता है। आइए जानते हैं लंग्स इन्फेक्शन के कारण हमारा शरीर कौन-कौन सी बीमारियों की चपेट में आ सकता है।

     

  • अस्थमा - यदि आपको सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ या तेज घरघराहट हो तो इसके कारण आपको अस्थमा भी हो सकता है। फेफड़ों में संक्रमण के लक्षण अस्थमा के लक्षणों का भी कारण बनते हैं।

  • क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस - इस स्थिति में आपको गंभीर तरह की खांसी होती है जो आपको इस बीमारी का शिकार बना देती है।

  • क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज़ - इस बीमारी में फेफड़े की स्थिति सामान्य रूप में सांस लेने लेने में असमर्थ होती है जिससे हमें सांस लेने में कठिनाई होती है। 

  • निमोनिया - एल्वियोली का संक्रमण, आमतौर पर एक तरीके का बैक्टीरिया होता है। इस बीमारी की वजह से कई लोगों की मौत भी हो जाती है।

  • फेफड़े का कैंसर - फेफड़े का कैंसर किसी एक हिस्से में होता है लेकिन इसकी वजह से पूरे फेफड़े प्रभावित हो जाते हैं। ज्यादातर यह फेफड़े के मुख्य भाग में या फिर हवा की थैली के पास होता है।

  • टीबी - यह भी एक तरीके का बैक्टीरिया होता है जो आपके शरीर में सांस द्वारा प्रवेश करता है।
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    फेफड़े में पानी भरने के कारण - Causes of Pulmonary edema in Hindi

     

    फेफड़ों में पानी भर जाना एक गंभीर समस्या है। जिसे मेडिकल भाषा में पल्मोनरी एडिमा कहते हैं। इस समस्या का तुरंत इलाज जरूरी है क्योंकि पानी जब फेफड़ों से सांस की नली में जमा हो जाता है तो सांस लेने में मुश्किल हो जाती है। ऐसे में इसका इलाज तुरंत किया जाना चाहिए। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो पीड़ित की मौत भी हो सकती है। आइए फेफड़ों में पानी भरने के कारणों पर चर्चा करें -

     

  • निमोनिया - निमोनिया जैसी बीमारी के कारण भी फेफड़ों में पानी जमा होने का खतरा बढ़ जाता है।

  • हार्ट प्रॉबलम - फेफड़ों में पानी भरने का मुख्य कारण हार्ट प्रॉबलम होती हैं। इस स्थिति में ह्रदय फेफड़ों तक सही तरीके से रक्त को पंप नहीं कर पाता जिसकी वजह से फेफड़ों में रक्त ना पहुंचने के कारण खाली जगह में पानी भर जाता है। इसका असर रक्त वाहिकाओं पर भी पड़ता है और सांस लेने में पीड़ित को परेशानी होने लगती है। 
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    हार्ट प्रॉबलम

     

  • शरीर का कोई अन्य अंग खराब होना - जब शरीर का कोई हिस्सा सही तरीके से काम नहीं करता है तो भी फेफड़ों में पानी भर जाता है। यह हार्ट फेलियर, किडनी और लीवर के खराब होने के कारण ज्यादा होता है। लीवर सिरोसिस होने पर भी फेफड़ों में पानी जमा हो जाता है।

  • अन्य समस्याएं - ब्लड इंफेक्शन, सूजन, धमनियों में संकुचन और कई गंभीर संक्रमण के कारण भी फेफड़ों में पानी भर जाता है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है जिन्हें पहले से ही हार्ट या फेफड़ों से संबंधित कोई बीमारी हो।
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    फेफड़ों में पानी का घरेलू उपचार - Home Remedies of Pulmonary Edema

     

     

  • तुलसी - तुलसी के पत्तों का रस निकालकर एक चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से फेफड़ों की सूजन में लाभ होता है। 

  • लौंग - लौंग का पाउडर बनाकर 1 ग्राम शहद या घी में मिलाकर सुबह-शाम खाने से खांसी और सांस संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

  • बालू (रेत) - बालू या नमक को किसी कपड़े में बांधकर हल्का-सा गर्म करके इसका सेक करने से फेफड़ों में पानी भरने के कारण आई सूजन में बहुत अधिक लाभ मिलता है और दर्द में भी आराम आता है।

  • मजीठ - मजीठ का चूर्ण 1 से 3 ग्राम प्रतिदिन तीन बार सेवन करने से यह फेफड़ों को लाभ पहुंचाता है।

  • गुग्गुल - गुग्गुल की 1 ग्राम मात्रा गुड़ के साथ प्रतिदिन तीन-चार बार लेने से फेफड़ों में आई सूजन खत्म होती है।

  • धतूरा - धतूरे के पत्तों का लेप फेफड़ों पर करने से या पत्तों के काढ़े से सेक करने से फेफड़ों की पीड़ा और सूजन दूर होती हैं।

  • त्रिफला - 1 ग्राम त्रिफला चूर्ण, 1 ग्राम शिलाजीत को 140 मिलीलीटर गाय के मूत्र में मिलाकर दिन में दो बार लेने से फेफड़ों में जमा पानी निकल जाता है और दर्द और सूजन में भी आराम आता है।

  • अर्जुन - अर्जुन की जड़ और लकड़ी का चूर्ण 6-6 ग्राम बराबर मात्रा में लेकर 250 लीटर दूध के साथ दिन में 2 बार लेने से फेफड़ों में पानी जमा होने की समस्या ठीक हो जाती है।
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    फेफड़ों में जलन होने का कारण - Cause of Burning Sensation in The Lungs

     

    सीने में हो रहे दर्द और जलन के लिए हम दिल की बीमारियों को ही दोषी मानते हैं लेकिन कई बार फेफड़ों की बीमारी के कारण भी ऐसा होता है। प्लूरिसी फेफड़ों से संबंधित रोग है। हमारे फेफड़ों की सुरक्षा के लिए उन पर पतली झिल्ली का एक खोल चढ़ा होता है। इन झिल्लियों को प्लूरा कहते हैं। इन झिल्लियों में होने वाले संक्रमण को प्लूरिसी कहते हैं। इस संक्रमण के कारण इन झिल्लियों में सूजन आ जाती है और यह मोटी हो जाती हैं जिस वजह से दोनों झिल्ली आपस में टकराने लगती हैं। टकराव के कारण झिल्लियों के बीच का द्रव एक जगह जमा होने लग जाता है जिस कारण रोगी को बहुत तेज फेफड़ों में जलन और दर्द महसूस होता है।

     

    फेफड़ों में जमा कफ निकालने के उपाय - Remedies to Remove Phlegm Accumulated in Lungs

     

    आज के धूल भरे प्रदूषित वातावरण के कारण ज्यादातर लोग फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं से परेशान हो रहे हैं। इन समस्याओं को कम करने के लिए सबसे पहले हमारे लिए छाती में जमे कफ या बलगम को साफ करना बेहद जरूरी है क्योंकि इस कफ व बलगम के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है और फेफड़ों का इन्फेक्शन बढ़ जाता है। तो आइए फेफड़ों में जमा कफ कैसे निकाले, इस बारे में जानते हैं -

     

  • अदरक -  फेफड़ों में इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए अदरक कारगर है। इसकी तासीर गर्म होती है और यह बलगम को भी आसानी से साफ करने में उपयोगी है। आप अदरक का एक टुकड़ा लें और उसका रस निकाल लें। अब इस रस को शहद के साथ मिलाकर इसका इस्तेमाल करें। इससे आपको सर्दी, जुकाम और खांसी में राहत मिलेगी और आपका बलगम भी साफ हो जाएगा।

  • काढ़ा - फेफड़ों से बलगम को साफ करने में काढ़ा भी काफी फायदेमंद होता है। काढ़ा हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और सर्दी जुकाम में भी हमें राहत दिलाता है। आप काली मिर्च, तुलसी मुनक्का, दालचीनी और लौंग आदि का काढ़ा बनाकर पीएं। यह आपके बलगम को आसानी से साफ कर देगा।
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    काढ़ा

     

  • नींबू पानी - अगर आप अपने फेफड़ों में जमे बलगम को निकालना चाहते हैं तो नींबू पानी का सेवन करें। नींबू पानी शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है और यह गाढ़े बलगम को ढीला करने में भी मदद करता है। आप एक गिलास गर्म पानी लें, उसमें नींबू का रस मिलाएं और इसे पी जाएं।

  • शहद - खांसी-जुकाम के इलाज के लिए तो शहद को फायदेमंद माना जाता ही है साथ ही यह छाती में जमा बलगम को भी निकालने में सहायक है।

  • भाप - बलगम निकालने के लिए भाप भी काफी असरदार है। गरम पानी की भाप लेने से बलगम ढीला हो जाता है और फिर आसानी से बाहर निकल जाता है। आप एक बर्तन में गर्म पानी लें और उसमें अजवाइन, पुदीना आदि मिलाकर भाप लें।

  • गरारे करें - गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर यदि आप गरारे करते हैं तो यह भी फेफड़ों में जमा बलगम को निकालने में आपकी मदद करेगा।

  • एसिड बढ़ाने वाली चीज़ों से बचें - फेफड़ों में यदि बलगम जमा हो गया है तो उन खाने की चीज़ों से परहेज करना चाहिए जो एसिड बढ़ाती हैं क्योंकि एसिड रिफ्लक्स बलगम को बढ़ाता है।
  • लंग्स इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए

     

    प्रदूषित वातावरण में मौजूद फंगस, बैक्टीरिया, वायरस इन सब से बचना हमारे लिए नामुमकिन है, ऐसे में लंग्स इन्फेक्शन होना स्वभाविक है जिसके कारण आपके फेफड़े खराब होने लगते हैं। फेफड़े खराब होने पर क्या करें? तो आपको बता दें कि प्रदूषित वायु से बचना तो मुमकिन नहीं है, ऐसे में आपके पास बस एक ही विकल्प बचता है कि आप अपने फेफड़ों को बचाने के लिए अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें ताकि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे और आप फेफड़ों के संक्रमण से होने वाली बीमारियों से बच सकें। आइए जानते हैं कि लंग्स इन्फेक्शन होने पर क्या खाना चाहिए।

     

  • हेल्दी फैट - मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट का इस्तेमाल करें। इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता। यह फैट सीधा पौधों से मिलता है यह हेल्दी फैट्स ब्लड प्रेशर को सही रखने, सूजन को कम करने और हमारे स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए आप ड्राई फ्रूट्स, अंडे, ऑलिव ऑयल, एवोकाडो आदि का सेवन करें।

  • प्रोटीन - प्रोटीन हमारे शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं के उत्पादन में भी मददगार है। यदि आप अपनी श्वसन कोशिकाओं को मजबूत करना चाहते हैं तो दिन में कम से कम 2 बार प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन करें जैसे मांस, अंडे, फलियां आदि।

  • फल व सब्जियां - फल और सब्जियों में विटामिन्स, फाइबर, खनिज भरपूर होते हैं जो आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए इनका ज्यादा से ज्यादा सेवन करें जैसे, जामुन, अनानास, अंगूर, सेब, पपीता और सब्जियों में ब्रोकली, मटर, टमाटर, अदरक, चुकंदर, कद्दू आदि।

  • पोटैशियम - पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने और पाचन में सुधार के लिए फायदेमंद है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी शरीर में इसकी सही मात्रा का होना बेहद जरूरी हैं। पोटेशियम का सबसे बढ़िया स्रोत है केला। इसके अलावा पोटैशियम के लिए आप पत्तेदार साग, टमाटर, काली मिर्च, हल्दी आदि को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
  • लंग्स इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए।

     

    अपने खानपान में कुछ चीज़ों का परहेज करके आप अपने लंग्स इन्फेक्शन के लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि लंग्स इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए।

     

  • डेयरी उत्पाद - जब शरीर डेयरी उत्पादों को पचाता है तो दूध के पचने से कैसोमोर्फिन नामक पदार्थ टूटता है जिससे शरीर में बलगम की मात्रा और बढ़ जाती है और रोगी को सांस लेने में घरघराहट और तकलीफ महसूस होती है इसलिए डेयरी उत्पाद का सेवन ना करें।

  • नमकीन पदार्थ - सोडियम पानी के संग्रहण का कारण बनता है जिससे फेफड़ों के इंफेक्शन से ग्रस्त मरीज को सांस लेने में तकलीफ बढ़ सकती है। इसलिए नमकीन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।

  • सोडा - फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त रोगी को सोडा बिल्कुल नहीं पीना चाहिए क्योंकि यह उसके फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है। सोडे में कार्बोनेटेड बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद होता है जिससे शरीर में गैस और सूजन हो जाती है और सांस लेने में मुश्किल होती हैं।

  • तली-भुनी चीज़ें - लंग्स इन्फेक्शन से पीड़ित व्यक्ति को तली-भुनी चीज़ों के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह बलगम को बढ़ाता है और इंफेक्शन के लक्षणों को भी बढ़ावा देता है। लंग्स इंफेक्शन से पीड़ित लोगों को तली-भुनी चीजों से परहेज रखना चाहिए।
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    फेफड़े मजबूत करने के लिए क्या खाना चाहिए - Best Foods to Strengthen Lungs

     

    स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ लंग्स का होना बहुत जरूरी है। आज के प्रदूषण भरे वातावरण और कोरोना वायरस जैसे संक्रमण के दौर में तो लंग्स को स्वस्थ रखना बहुत चुनौती भरा है। यदि आप अपने लंग्स का ख्याल रखना चाहते हैं तो अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीज़ों को शामिल करें जो आपके लंग्स को मजबूत बनाए रखने के लिए कारगर हैं जैसे-

  • हल्दी - हल्दी गुणों की खान है। हमारे स्वास्थ्य के लिए तो यह बेहद फायदेमंद है। हल्दी फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने में भी सहायक होती है। यह सीने में भारीपन, जकड़न, सांस लेने में दिक्कत की समस्या आदि में फायदा पहुंचाती है।

  • लहसुन - लहसुन में फ्लेवोनॉयड होते हैं जो ग्लूटाथिओन के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं। इससे विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती हैं और यह फेफड़ों को बेहतर ढंग से काम करने में भी मदद करता है।
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  • अखरोट - अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो अस्थमा और दूसरी श्वसन संबंधी समस्याओं से लड़ने में कारगर है। ओमेगा 3 फैटी एसिड एक एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व होता है जो इन्फ्लेमेशन से संबंधित समस्याओं को कम करता है। अपने फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए आप अखरोट भी खा सकते हैं।

  • शहद - स्वास्थ्य के लिए शहद बहुत ही फायदेमंद होता है इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने में सहायक है।

  • ग्रीन टी - ग्रीन टी का सेवन भी आप फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए कर सकते हैं जिसमें पॉलीफेनॉल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो वायरस से लड़ने में सहायक होते हैं।
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    Namhya से खरीदें लंग्स क्लींज़ टी - Buy Namhya's Lung Cleanse Tea

     

    यदि आप फेफड़ों के इन्फेक्शन के इलाज की दवा ढूंढ रहे हैं या अपने फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने का कोई उपाय ढूंढ रहे हैं तो आप Namhya की लंग्स क्लींज़ टी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक हर्बल प्रोडक्ट है जिसके मुख्य घटक हैं अदरक, दालचीनी, तुलसी, इलायची, अडूसा जो फेफड़ों की सूजन, फेफड़ों में जमने वाले कफ और खांसी आदि को नियंत्रित करने में कारगर है।

     

    lung cleanse tea

     

    आप इस प्रोडक्ट के इस्तेमाल से श्वसन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। आज ही Namhya की वेबसाइट से ऑनलाइन घर बैठे इस प्रोडक्ट को ऑर्डर करें और अपने लंग्स को सेहतमंद बनाएँ।

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    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.