जानें पेट दर्द के घरेलू उपचार और ऐसी स्थिति में सही आहार

हमारे शरीर में पेट एक अहम भूमिका निभाता है। पेट भोजन ग्रहण करता है और ऊर्जा प्रवाह में सहयोग करता है। यदि पेट सही है तो सब सही है। लेकिन अक्सर गलत खानपान की वजह से पेट में कई परेशानियां पैदा हो जाती हैं, जिसमें पेट दर्द भी शामिल है। वैसे तो पेट दर्द एक आम समस्या है जो कभी भी और किसी को भी हो सकती है लेकिन कुछ मामलों में यह पेट दर्द किसी बड़ी बीमारी के लक्षण के रूप में सामने आता है। आज हम इस लेख में इस पेट दर्द के कारण, लक्षण, आहार और पेट दर्द के घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे।

 

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पेट दर्द के प्रकार - Types of Stomach Pain in Hindi

 

पेट दर्द के प्रकार जानने से पहले आइए जानें कि पेट दर्द क्या होता है? पेट दर्द में पेट में ऐंठन, तेज दर्द, जलन या मरोड़ होता है। पेट दर्द बहुत गंभीर भी हो सकता है लेकिन अधिकांश पेट दर्द मामूली गड़बड़ी या पेट में इन्फेक्शन के कारण होता है और जल्दी ही ठीक हो जाता है। पेट दर्द होना एक आम बात है और आमतौर पर पेट दर्द का इलाज आप खुद भी कर सकते हैं। लेकिन जब यह दर्द काफी दिनों तक बना रहे तो फिर इसका तुरंत इलाज जरूरी है नहीं तो यह किसी बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है। पेट दर्द के कई विभिन्न प्रकार हैं आइए इनके बारे में जानते हैं-

 

  • सामान्य दर्द - यह दर्द सामान्य तौर पर गलत खानपान से अपच की वजह से होता है। यह पेट के पूरे या आधे भाग में होता है। यह दर्द बिना उपचार के भी ठीक हो जाता है।

  • स्थानीय दर्द - यह दर्द सामान्य दर्द से गंभीर होता है। यह दर्द पेट के एक हिस्से को अपना शिकार बना लेता है। अल्सर या अपेंडिसाइटिस इस दर्द का कारण हो सकते हैं।

  • ऐंठन - जब कब्ज की वजह से पेट में मल सख्त हो जाता है या गैस हो जाती है तो इस तरह का दर्द होता है। यह पेट की ऐंठन कुछ देर तक भी रह सकती है या पूरे दिन भी परेशान कर सकती है। दस्त के समय भी मरीज को इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है।

  • कोलिकी दर्द - इस तरह का दर्द पेट में लहरों की तरह उठता है। यह दर्द बार-बार शुरू होता है और अचानक से बढ़ जाता है। यह दर्द पथरी और पित्त की पथरी के कारण हो सकता है।
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    पेट दर्द के कारण - Causes of Stomach Pain in Hindi

     

    आइए पेट के कुछ सामान्य कारणों के बारे में जानते हैं जो इस प्रकार हैं-


  • इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस) - इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों को विशेष खाद्य पदार्थों को पचाने में बहुत परेशानी होती है और जिसके कारण उन्हें कई बार पेट में दर्द का अनुभव होता है जो अक्सर मल त्याग के बाद दूर हो जाता है।

  • गैस्ट्रोएंटेराइटिस - यह एक जीवाणु या वायरल संक्रमण है जो पेट में दर्द, उल्टी, बुखार, सूजन, दस्त जैसे अन्य लक्षणों का कारण बनता है। यह लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर कम हो जाते हैं पर यदि दो दिनों से अधिक समय तक बने रहें तो यह संक्रमण या सूजन जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत दे सकता है।

  • गैस्ट्रोएंटेराइटिस

     

  • कब्ज - जब कब्ज हो जाती है तो आंतों पर दबाव बढ़ जाता है जिससे पेट में दर्द होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे आहार में फाइबर या तरल पदार्थों की कमी, कुछ दवाओं का उपयोग या शारीरिक गतिविधियां में कमी। यह कब्ज आंतों में रुकावट का संकेत भी हो सकता है।

  • गैस्ट्राइटिस - इसमें पेट की परत में सूजन आ जाती है और सूजन के कारण पेट में दर्द होता है। गैस्ट्राइटिस के अन्य लक्षणों में उल्टी, गैस और सूजन आदि भी शामिल है।

  • गैस्ट्रोइसोफेगल रिपलक्स डिसीज़ (जीईआरडी) - गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज़ एक पुरानी स्थिति है जो लगातार एसिड रिफ्लक्स की खासियत होती है जिसमें पेट के एसिड पीछे की दिशा में जाते हैं और गले में ऊपर जाते हैं। यह जलन, उल्टी और पेट में दर्द का कारण बनते हैं। यह कई तरह की जटिलताओं को जन्म दे सकते हैं जैसे कि एसोफेजियल सूजन

  • पेप्टिक अल्सर - बैक्टीरिया और कई ऐसी दवाएं हैं जिनके ज्यादा इस्तेमाल से पेट या पेप्टिक अल्सर हो सकता है। यदि यह अल्सर या घाव ठीक नहीं होते तो यह पेट में गंभीर दर्द, अपच, सूजन और वजन घटने जैसी चीजों का कारण बन सकते हैं।

  • अपेंडिसाइटिस - अपेंडिक्स बड़ी आंत से जुड़ा एक छोटा ट्यूब के आकार का अंग होता है। जब यह सूजन या रोग ग्रस्त हो जाता है तो इस स्थिति को अपेंडिसाइटिस के रूप में जाना जाता है। इसके कारण पेट में बहुत गंभीर दर्द होता है और इसे सर्जरी के माध्यम से ही हटाया जा सकता है।

  • संक्रमण - भोजन की नली, आंतों या रक्त में संक्रमण के कारण रोगाणु हमारे पाचन तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं जिस कारण भी पेट में दर्द, कब्ज और दस्त जैसी समस्या हो सकती है।

  • पीरियड में पेट दर्द - पीरियड्स पेट में सूजन और दर्द के साथ-साथ गैस, ऐंठन और कब्ज आदि भी पैदा कर सकता है। जिन महिलाओं को एंड्रोमेट्रियोसिस है ऐसी स्थिति में आमतौर पर गर्भाशय में बनने वाला उत्तक शरीर के अन्य भागों में विकसित होने लगता है जिससे उन्हें अधिक गंभीर या पुरानी सूजन का और पेट में दर्द का अनुभव हो सकता है।

  • पित्त की पथरी - पित्त की थैली वसा के पाचन में सहायता के लिए पित्त को जमा करती और छोड़ती है। जब पित्ताशय की थैली या पित्त नलिकाओं में पथरी नामक पत्थर जैसी चीज बन जाती है तो पेट में गंभीर दर्द होता है जो कई परेशानियों को जन्म देता है।

  • मांसपेशियों में खिंचाव - किसी कारण यदि पेट में चोट या खिंचाव हो जाए तो भी पेट दर्द की समस्या हो सकती है। हमें अपने कई दैनिक कार्यों में पेट की मांसपेशियों के इस्तेमाल की जरूरत पड़ती है। कई लोग तो पेट के व्यायाम पर भी बहुत अधिक जोर देते हैं जिससे पेट पर चोट लग जाने का खतरा बढ़ जाता है और यही चोट और खिंचाव पेट दर्द को जन्म देता है।

  • सीलिएक रोग - सीलिएक रोग ग्लूटेन से एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण होता है। यह एक तरह का प्रोटीन है जो कई प्रकार के अनाज जैसे गेहूं और जौ में पाया जाता है। यह छोटी आंत में सूजन का कारण बनता है जिस कारण पेट दर्द होता है।
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    नाभि के नीचे पेट दर्द के कारण - Causes of Abdominal Pain Below Navel

     

    हमारे शरीर में पेट के निचले हिस्से में छोटी आंत, बड़ी आंत और मलाशय होता है। यदि इन अंगों में किसी तरह की कोई समस्या हो जाए तो हमें पेट के निचले हिस्से या नाभि के नीचे पेट दर्द का अनुभव होता है। आइए नाभि के नीचे पेट दर्द के कारणों पर नजर डालें - 

     

  • हर्निया - नाभि के नीचे पेट दर्द होने का कारण हर्निया भी हो सकता है। इसकी वजह से आपके पेट के आसपास सूजन आ जाती है। हर्निया की समस्या में पेट और कमर दोनों में दर्द होता है। यह गंभीर स्थिति है इसलिए अगर आपको तेज दर्द हो तो उसे नजरअंदाज न करें।

  • गैस्ट्रोएंटेराइटिस - सामान्य भाषा में इसे पेट का फ्लू भी कहते हैं। इसकी वजह से भी पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। यह एक तरह का बैक्टीरियल संक्रमण होता है जिसकी वजह से पेट और आंतों की परत पर सूजन आ जाती है जिस कारण पेट दर्द होता है। भूख न लगना, बुखार, उल्टी आदि भी इसके लक्षण है।

  • पीरियड्स - महिलाओं को होने वाले पीरियड की वजह से भी उन्हें नाभि के आसपास दर्द महसूस होता है। पीरियड्स के समय में पेट के निचले हिस्से में दर्द होना एक आम बात है। लेकिन जब यह दर्द ज्यादा बढ़ जाए तो इसे नजरअंदाज न करें भले ही यह पीरियड्स के दौरान हो।

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  • यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (यूटीआई) - पेट के निचले हिस्से में दर्द का कारण यूरिन इन्फेक्शन भी है। यह बैक्टीरिया के कारण होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई अधिक पाया जाता है। यूटीआई होने पर पेट के निचले हिस्से में दर्द के साथ-साथ यूरिन पास करने में जलन, खुजली जैसी परेशानियां भी होती हैं।

  • गुर्दे की पथरी - गुर्दे की पथरी की वजह से भी पेट में दर्द होता है क्योंकि यह आपकी छोटी और बड़ी दोनों आंतों को प्रभावित करती है जिस कारण आपको तेज दर्द हो सकता है। ऐसी स्थिति में जब आपके पेट के निचले हिस्से में या नाभि में दर्द हो तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।


  • पेट दर्द के लक्षण - Stomach Pain Symptoms in Hindi

    आइए पेट दर्द होने के लक्षण जानते हैं जो निम्नलिखित हैं-

     

    1. पेट फूलना
    2. उल्टी आना
    3. पेट में गुड़गुड़ होना
    4. बुखार आना
    5. पेट में ज्यादा गैस बनना
    6. जलन होना
    7. खट्टी डकार आना
    8. पेट में भारीपन महसूस होना
    9. रुक-रुक कर पेट में दर्द होना
    10. मल के साथ खून आना
    11. पेट में सुई जैसी चुभन होना
    12. सांस लेने में तकलीफ होना
    13. पेशाब करते समय कभी-कभी दर्द होना

     

    पेट दर्द के घरेलू उपचार - Home Remedies for Stomach Pain in Hindi

     

  • हींग - प्राचीन समय से भारत में पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए हींग का इस्तेमाल किया जाता रहा है। हींग पेट दर्द दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय मे से एक है। इसमें मौजूद एंटीस्पास्मोडिक गुणों के कारण पेट दर्द के घरेलू नुस्खे में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह पेट की गैस की समस्या से होने वाले पेट दर्द में आराम दिलाता है। बच्चों के पेट दर्द की समस्या में भी आप हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं। हींग में कुछ बूंद पानी डालकर इसका एक पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को बच्चे की नाभि के आसपास लगा दें। इससे बच्चे को पेट दर्द में राहत मिलेगी।

  • अजवाइन - अजवाइन भी पेट दर्द का देसी उपचार है। अजवाइन में एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं जो पेट दर्द से आराम दिलाते हैं साथ ही इसमें कार्मिनेटिव गुण भी होता है जो पेट और आंतों से जुड़ी समस्या और गैस की समस्या के लिए भी लाभदायक है। अजवाइन अपच, पेट में ट्यूमर, डायरिया और पेट दर्द के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है। अजवाइन, अदरक और जीरा इन तीनों के पाउडर को अच्छी तरह से मिला लें और गुनगुने पानी से रात को सोने से पहले इनका सेवन करें।

  • चावल का पानी -  पेट दर्द के घरेलू उपचार के तौर पर चावल का पानी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अक्सर अपच के कारण पेट दर्द होता है ऐसे में जरूरी है कि हल्का भोजन करें। अपच से होने वाला दर्द चावल के पानी के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है। यह पानी गैस और अपच की समस्या में आराम दिलाता है। बच्चों के पेट दर्द के घरेलू नुस्खे के तौर पर भी आप चावल के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक भगोने में पानी उबलने के लिए रखें और उबलते पानी में चावल को धोकर डाल दें। जब चावल नरम हो जाए तो नरम होने के बाद चावल के पानी को छान लें। इस पानी को ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा होने पर इस पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 बार इसे पीएं।

  • तुलसी - तुलसी न केवल एक पौधा है बल्कि एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी भी है। अल्सर के कारण होने वाले पेट दर्द के घरेलू उपचार के तौर पर आप तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। तुलसी में एंटीअल्सर और अल्सर के घाव को भरने वाले गुण मौजूद होते हैं जिस कारण यह अल्सर की समस्या पर अपना सकारात्मक प्रभाव डालती है। यदि आप अल्सर के कारण होने वाले पेट दर्द से परेशान हैं तो तुलसी का सेवन जरूर करें। एक कप गर्म पानी में तुलसी के सात-आठ पत्ते डालकर पीएं। आप तुलसी के पत्तों को चबाकर भी खा सकते हैं।

  • जीरा - जीरे का इस्तेमाल न केवल मसाले के तौर पर किया जाता है बल्कि इसका इस्तेमाल पेट से जुड़ी समस्याओं के इलाज के तौर पर भी किया जा सकता है। जीरे का अर्क इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण जैसे पेट दर्द, कब्ज, पेट फूलना आदि में लाभदायक है। पेट दर्द के घरेलू उपचार करने के लिए आप जीरे को तवे पर भून लें और दिन में दो-तीन बार इस भुने हुए जीरे को चबा-चबा कर खाएं।

  • सौंफ - कई बार गलत खान-पान के कारण पेट में दर्द हो जाता है और इस तरह के पेट दर्द में आराम पाने के लिए आप सौंफ का इस्तेमाल कर सकते हैं। सौंफ हमारी पाचन शक्ति को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। इसके अलावा सौंफ में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है जो इस इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के कारण पैदा होने वाले सूक्ष्मजीवों को खत्म कर सकता है। पेट दर्द से आराम के लिए आप एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ 10 मिनट के लिए उबालें। उसके बाद ठंडा होने के लिए कुछ देर रखें। अब इस पानी को छानकर इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर पीएं। आप इस पानी को दिन में एक-दो बार पी सकते हैं।


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  • अदरक - अदरक भी पेट दर्द के घरेलू उपचार है। अदरक में एंटीअल्सर गुण होते हैं जो अल्सर की समस्या से राहत दिलाते हैं। इसके अलावा अदरक में एंटीट्यूमर गुण भी पाए जाते हैं जिसकी मदद से पेट में बनने वाले ट्यूमर से आराम मिलता है। इसके अलावा अदरक पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं जैसे अपच, कब्ज, ऐंठन आदि में भी हमें राहत दिलाती है। एक कप पानी गरम करें, उसमें अदरक डालें, पानी के उबलने पर उसमें चाय की पत्ती डालें और दो-तीन बार अच्छी तरह उबाल लें। अब इस पानी को छान लें। इसमें शहद मिलाएं, चाहे तो उसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं। अब धीरे-धीरे करके आप इस तरह बनी अदरक की चाय को दिन में दो-तीन बार पी सकते हैं। यह आपके पेट के लिए काफी फायदेमंद है।

  • हरड़ - हरड़ जिसे हरितकी भी कहा जाता है। यह एक बहुत ही अच्छी जड़ी-बूटी है। आयुर्वेद में हरड़ को पेट दर्द के घरेलू उपचार के तौर पर काफी समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है। हरड़ पेट दर्द दूर करने में  कारगर है। यदि आप नियमित रूप से हरड़ का सेवन करते हैं तो यह आपके पाचन तंत्र में सुधार कर सकता है। साथ ही यह ऐंठन, कब्ज, अपच और पेट से जुड़ी कई तमाम समस्याओं में लाभदायक है। एक कप गर्म पानी में 1 से 3 ग्राम हरड़ का सेवन आपको पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है।


  • पेट दर्द में क्या खाना चाहिए - What to Eat During Stomach Pain

     

    पेट दर्द के इलाज के लिए आप दवाओं के साथ-साथ सही आहार का इस्तेमाल करके भी इससे राहत पा सकते हैं। आइए ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में जानते हैं जो पेट दर्द के समय खाना चाहिए-

     

  • सादे चावल - पेट दर्द के समय ब्लैक और ब्राउन राइस को पचा पाना बहुत मुश्किल होता है इसलिए व्हाइट यानि सादे चावल खाने चाहिए। उबले हुए व्हाइट चावल आसानी से पच जाते हैं, साथ ही व्हाइट चावल में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है और फाइबर कम होता है। यह आपके दस्त की परेशानी को कम करता है।

  • केला - केला खाना पेट दर्द में अच्छा होता है क्योंकि यह आसानी से पच जाता है। इसके अलावा उल्टी और दस्त होने के कारण आपके शरीर से बहुत अधिक मात्रा में खनिज बाहर निकल जाते हैं। केले में मौजूद पौटेशियम जैसे खनिज शरीर में इसकी कमी भरपाई करते हैं।

  • व्हाइट ब्रेड - जब आप स्वस्थ होते हैं तो होल ग्रेन या साबुत अनाज खाना आपके लिए फायदेमंद होता है लेकिन जब आपके पेट में दर्द हो तब आपको यह नहीं खाना चाहिए। ऐसे में आपको व्हाइट ब्रेड खानी चाहिए, यह फाइबर युक्त होलग्रेन से ज्यादा अच्छी होती है। पेट दर्द की समस्या में यह आपके लिए फायदेमंद होती है।

  • उबला आलू - आलू में भी व्हाइट राइस की तरह ही बहुत अधिक स्टार्च होता है इसलिए पेट दर्द में आलू को उबालकर या सेककर खाना चाहिए। केले की तरह आलू भी आपके शरीर में पोटेशियम की भरपाई करता है जो आपके पेट के लिए लाभदायक होता है।

  • ज्यादा पेय पदार्थ लें - पेट दर्द की समस्या में ठोस आहार आपके पेट के दर्द को और अधिक बढ़ा सकते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों को न खाएं, इसकी जगह आप तरल खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। यह आपको पेट दर्द से राहत दिलाएंगे। आप सूप, नारियल पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें।
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    पेट दर्द में क्या नहीं खाना चाहिए - Foods to Avoid During Stomach Pain

     

    यदि आप पेट दर्द की समस्या से परेशान हैं तो आपको कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए। यदि आप इन चीजों से परहेज रखेंगे तो आपको पेट दर्द से राहत मिलेगी अन्यथा यह आपकी स्थिति को और अधिक बिगाड़ सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन खाद्य पदार्थों के बारे में जो पेट दर्द में नहीं खाने चाहिए -

     

  • प्रोसेस्ड फूड - प्रोसेस्ड फूड में स्वाद को बनाए रखने के लिए और लंबे समय तक इन्हें सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के कैमिकल मिलाए जाते हैं। यह कैमिकल आपके पेट को और ज्यादा खराब कर सकते हैं इसलिए पेट दर्द की समस्या के समय प्रोसेस्ड फूड न खाएं।

  • प्रोसेस्ड फूड

     

  • एसिड वाले फल-सब्जियों से रहें दूर - पेट दर्द के समय ऐसी फल और सब्जियों से बचें जिनमें एसिड अधिक मात्रा में होता है क्योंकि यह आपके पेट दर्द में आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं जैसे; टमाटर, चकोतरा, आदि।

  • मसालेदार खाना - अधिक मसालेदार भोजन को पचाना बहुत मुश्किल होता है। जब आपको पेट दर्द की समस्या हो तो अधिक मसाले वाला खाना नहीं खाना चाहिए। जितना हो सके कम मसाले वाला खाना खाएं और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें।

  • डेयरी उत्पाद - दूध व दूध से बनी चीजें पेट दर्द में न खाएं। इन खाद्य पदार्थों को पचाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में फैट होता है। बिना फैट वाली दही का आप सेवन कर सकते हैं लेकिन इसे भी आप कम मात्रा में ही खाएं।

  • तले-भुने खाद्य पदार्थ - पेट दर्द की समस्या में तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि इन्हें पचा पाना आसान नहीं होता है। यदि आप तली-भुनी चीजों का सेवन करते हैं तो यह आपके पेट दर्द की समस्या को बढ़ा सकती है।

  • सोडा - सोडे में मौजूद गैस आपकी पाचन क्रिया को प्रभावित करती है। पेट दर्द के समय यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है इसलिए पेट दर्द में सोडा न पीएं।
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    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.