जानिए क्या है मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के घरेलू उपाय और आहार

वजन बढ़ने जैसी परेशानी से आज हर कोई जूझ रहा है। कुछ लोग जम कर खाते हैं फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता और वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, कम खाना जैसी तमाम चीजें करते हैं फिर भी उनका वजन कम होने का नाम ही नहीं लेता। इसके पीछे का कारण है आपका मेटाबॉलिज्म। जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म कम होता है उन्हें फैट कम करने में काफी दिक्कत होती है। आपके वजन का ज्यादा और कम होना मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करता है। मेटाबॉलिज्म हमारे खाने को एनर्जी में बदलता है। गलत खान-पान और अनहेल्थी लाइफस्टाइल की वजह से मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है जिस कारण वजन लगातार बढ़ने लगता है और एनर्जी लो रहने लगती है। आज इस लेख में हम मेटाबॉलिज्म क्या होता है? और मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाए, उनके बारे में जानेंगे।

 

What is Metabolism in Hindi

 

मेटाबॉलिज्म क्या है - What is Metabolism in Hindi

 

आइए सबसे पहले मेटाबॉलिज्म क्या है हिंदी में जानते हैं? हमारे शरीर में भोजन का ऊर्जा में बदलना मेटाबॉलिज्म कहलाता है। सामान्य भाषा में कहें तो यह वह प्रक्रिया है जो कैलरी को ऊर्जा में बदल देती है। हमारे शरीर को हर समय ऊर्जा की जरूरत होती है इसलिए शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया 24 घंटे चलती रहती है। जब हम आराम की मुद्रा में होते हैं उस समय भी यह प्रक्रिया चलती है। सोते समय शरीर की आंतरिक क्रियाएं जैसे रक्त संचार, सांस लेना, कोशिकाओं की मरम्मत आदि के लिए भी ऊर्जा की जरूरत होती है। जब आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है तब आप आसानी से ज्यादा कैलरी बर्न कर लेते हैं। बढ़ा हुआ मेटाबॉलिज्म वजन कम करने में सहायक होता है। हमारा मेटाबॉलिज्म जितना अच्छा होगा उतनी ही शरीर को ऊर्जा मिलती है और हम अच्छा महसूस करते हैं।

 

 

मेटाबॉलिज्म कितना होना चाहिए? What Should be the Metabolism?

 

अब कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि मेटाबॉलिज्म कितना होना चाहिए? सबसे पहले यह जान लें कि मेटाबॉलिज्म दो तरह का होता है। बीएमआर (बेसल मेटाबॉलिक रेट) और आरएमआर (रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट)। आराम करते समय भी हमारा शरीर ऊर्जा की खपत कर रहा होता है। हम दिन भर जितनी कैलरी का सेवन करते हैं उसका 75 फीसदी आरएमआर करता है बाकी पाचन एवं अन्य गतिविधियों के लिए होती है।

 

मेटाबॉलिज्म

 

अगर बात करें कि कितनी कैलोरी की जरूरत होती है तो आमतौर पर आरएमआर के लिए एक महिला को दिन भर में 1200 कैलरी की जरूरत होती है और अन्य गतिविधियों के लिए 200-400 कैलरी की जरूरत होती है। पुरुषों को आरएमआर के लिए 1300 कैलरी की जरूरत होती है और अन्य गतिविधियों के लिए 1400-1600 कैलरी की जरूरत होती है। जितनी कैलरी की खपत हमारा शरीर नहीं कर पाता वह फैट के रूप में शरीर में जमा होने लगती है जिसे मोटापा कहते हैं। जब हमारा मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है तो शरीर का वजन एक जगह आकर ठहर जाता है।

 

 

मेटाबॉलिज्म कम होने के लक्षण - Symptoms of Low Metabolism in Hindi

 

जब हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म कम होता है तो शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। आइए इन लक्षणों के बारे में जानें -

 

  • शरीर में दर्द - कई बार मांसपेशियों में, शरीर में दर्द होने लगता है इसका कारण थायराइड ग्रंथि में गड़बड़ी भी हो सकता है जिससे मेटाबॉलिज्म पर भी असर पड़ना शुरू हो जाता है और मोटापे की समस्या खड़ी हो जाती है।
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  • पेट पर फैट का बढ़ना - बिना कुछ खाए और एक्सरसाइज करने पर भी जब पेट के आसपास की चर्बी बढ़ने लगे तो यह मेटाबॉलिज्म रेट कम होने का कारण है। इस तरह मोटापा कम करने में बहुत परेशानी होती है लाख कोशिश करने पर भी पेट कम नहीं होता वजन लगातार बढ़ता रहता है। ऐसे में मेटाबॉलिज्म रेट की जांच जरूर करवाएं।
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    fat

     

  • थकावट महसूस होना - जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म कम होता है उन्हें हमेशा थकावट महसूस होती है। इसके लिए आप मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें।
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  • भूख ना लगना - कई घंटे कुछ ना खाने के बाद भी भूख का एहसास नही होता तो यह मेटाबॉलिज्म कम होने का संकेत है।
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    मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के घरेलू उपाय - Home Remedies to Boost Metabolism in Hindi

     

    Home Remedies to Boost Metabolism in Hindi

     

    शरीर के लिए मेटाबॉलिज्म बहुत जरूरी है। मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी का सीधा असर शरीर पर पड़ता है। आज हम आपको मेटाबॉलिज्म कैसे बूस्ट करें इसके लिए कुछ आसान घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। यह उपाय आपके मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में कुछ हद तक सहायक होंगे।

     

  • ताजे फल और सब्जियां - मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में फल और सब्जियों को शामिल करें। कुछ फलों और सब्जियों में एंटी-ओबेसिटी गुण पाए जाते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करते हैं। फलों और सब्जियों में भरपूर मात्रा में फाइबर भी होता है जो पचाने में भी आसान होते हैं। कुछ फलों और सब्जियों में फैट और कैलरी की मात्रा भी कम होती है जिससे यह आसानी से पेट भर देते हैं। आप अपनी डाइट में सेब, अंगूर, केला, ब्लूबेरी और सब्जियों में शिमला मिर्च, गोभी, शकरकंद, ब्रोकली आदि शामिल करें।
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  • हल्दी - हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जिन्हें मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में उपयोगी माना गया है। हल्दी के गुण मोटापे और मेटाबोलिक रोग जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, टाइप 2 मधुमेह आदि से भी बचाव करते हैं। इसके इस्तेमाल के लिए आप रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पी सकते हैं। हल्दी की चाय बनाकर पी सकते हैं। स्वाद के लिए इसमें शहद मिलाकर पीएं।
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  • सेब का सिरका - मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए आप सेब का सिरका भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सिरके में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से आराम दिला सकते हैं। सिरके के सेवन से आप मोटापे की वजह से होने वाली हृदय संबंधी समस्याओं से भी अपना बचाव कर सकते हैं। इसके सेवन के लिए आप रोज एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पी सकते हैं। इसका सेवन आप दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं।
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  • मेथी के बीज - मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए मेथी के बीज भी बहुत फायदेमंद होते हैं। मेथी के बीज के गुण हमारे शरीर में फैट टिश्यू को कम करके पाचन एंजाइम, एंटीऑक्सीडेंट, ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करके और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर हमारे मेटाबॉलिज्म में सुधार करने में बहुत सहायक हैं। यह हमारे ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से भी हमें राहत दिलाते हैं। आप मेथी दाने के सेवन के लिए दो चम्मच मेथी के बीज को रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें फिर सुबह इस पानी को छान लें और इसका सेवन करें। आप चाहे तो मेथी को अपने रोज के खाने में मसाले की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
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    fenugreek seeds

     

  • दालचीनी - दालचीनी ना केवल खाने में एक मसाले की तरह इस्तेमाल होता है बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं जो कई तरह की समस्याओं में हमें फायदा पहुंचाते हैं। अपने मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाने के लिए आप दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार दालचीनी मेटाबोलिक रोगों जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह आदि में आराम दिलाते हैं। इसमें सिनेमल्टीहाइड, सिनामेट, सिनामिक एसिड और यूजेनॉल जैसे तत्व होते हैं जो ब्लड शुगर, मोटापे और हाई बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। आप इसके सेवन के लिए चाय, जूस, सलाद, सूप, आदि का सेवन करते समय दालचीनी का पाउडर इस्तेमाल कर सकते हैं।
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  • सरसों - मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपायों में आप सरसों के तेल के लाभ देख सकते हैं। सरसों के तेल में डायसेलिग्लिसरॉल नामक तत्व होता है जो वजन घटाने में बहुत सहायक है। साथ ही साथ सरसों में पाए जाने वाला इरुसिक एसिड हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। इन्हीं तत्वों की वजह से सरसों मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में बेहद उपयोगी है। आप अपने रोज के खाने को सरसों के तेल में बनाएं। आप चाहे तो सरसों का साग बनाकर भी खा सकते हैं।
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    मेटाबॉलिज्म बढ़ाने वाले फ़ूड - Metabolism Boosting Foods

     

    Metabolism Boosting Foods

     

  • प्रोटीन युक्त चीजें - मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करें जैसे मांस, मछली, अंडे, डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स, आदि यह प्रोटीन से भरपूर होते हैं। प्रोटीन युक्त आहार लेने से ज्यादा समय तक भूख नहीं लगती है। ऐसे वजन को कंट्रोल करने के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म के स्तर में सुधार होता है।
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  • कॉफी - मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने की लिए आप चाय की जगह कॉफी का सेवन शुरू करें। कॉफी शरीर के मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ाती है, कॉफी ऑक्सीजन के साथ मिलकर खाने को ऊर्जा के रूप में बदलती है और उसे फैट के रूप में जमा होने से बचाती है।
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  • फुल-फैट दही - दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो हमारे पाचन को दुरुस्त रखते हैं। यह भूख को भी नियंत्रित रखते हैं और शुगर को बैलेंस रखने में मदद करते हैं। अपने मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए आप अपनी रोज की डाइट में एक बाउल दही जरूर शामिल करें।
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  • डार्क चॉकलेट - मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ाने के लिए डार्क चॉकलेट का भी सेवन किया जा सकता है। इसमें एंटी-ओबेसिटी गुण होते हैं जो मोटापे को कम कर सकते हैं। साथ ही इसके गुण स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित करते हैं जिससे तनाव जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। एक रिसर्च के अनुसार यदि 14 दिन तक लगातार 40 ग्राम तक डार्क चॉकलेट का सेवन किया जाए तो मेटाबॉलिज्म का स्तर बेहतर हो जाता है।
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    यदि आप अपने बढ़ते हुए वजन से परेशान हैं और अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करना चाहते हैं तो आप Namhya के प्रोडक्ट मेथी दाना का सेवन कर सकते हैं। यह नेचुरल तरीके से आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में आपकी मदद करता है साथ ही साथ आपके वजन को कंट्रोल रखता है।

     

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    Author

    Ridhima Arora

    Ridhima Arora is an Indian entrepreneur, author, trained yoga instructor, and practicing nutritionist. She is the founder of Namhya Foods.Besides being the founder of Namhya foods, Ridhima also gives nutrition coaching in seminars to kids, NGOs, and corporates. She also works as a freelancer at Global Changemakers.